मुख्यअथिति ने कहा कि लता का जाना एक अपूरणीय क्षती है जिसे कोई पूरा नही कर सकता यह क्षति पूरे विश्व की क्षति है उन्होंने छत्तीसगढ़ में भी अपनी आवाज दी है ।इस अवसर पर पद्मश्री राधेश्याम बारले ने कहा कि कलाकारों के लिए किसी का जाना एक कला युग का अंत हो जाता है भले ही उनकी आवाज इस दुनिया मे जिंदा रहेगी ,आज हम सब मिल कर भारत रत्न लता मंगेश्वर को याद कर उनकी आवाज को भारत मे ही और सुनने के लिए प्राथर्ना भी कर रहे है।
इस अवसर पर सतनामी समाज के प्रदेश अध्यक्ष बीएल कुर्रे ,अमृता बारले,कुलेश्वर ताम्रकार ने भी सभा को संबोधित किया ।कार्यक्रम में विभिन्न विधाओं के लिए सम्मान भी दिया गया जिसमें ,स्वर कोकिला भारत रत्न लता मंगेश्कर स्मृति सम्मान सुश्री अमृता बारले पंथी भरथरी व लोक गीतों की विशिष्ट गायिका 2 पद्मविभूषण पंडित बिरझु महाराज स्मृति सम्मान जितेश गड़पायले कत्थक नृत्य खैरागढ़ 3 पंडित दानेश्वर शर्मा स्मृति सम्मान साहित्यकार दुर्गा प्रशाद पारकर भिलाई 4 छत्तीसगढ़ कला शिरोमणि सम्मान श्रीमति पुष्पा शंकर साहू नवा किशान लोक कला मंच भिलाई प्रमुख रूप से पद्म श्री भारती बंधु जी पद्म मदन चौहान ,पद्म राधेश्याम बारले, कुलेश्वर ताम्रकार विख्यात लोक गायक,डा.पुरुषोत्तम चंद्राकर रंगमंच अभिनेता,लोक गायक श्रीमती पायल शर्मा छालिवुड कलाकार अलीमबशी छ.ग. फिल्म अभिनेता,सुश्रीअमृता बारले जितेश गड़पायल कत्थक नृत्य खैरागढ़,श्रीमती पुष्पा साहू विख्यात लोक गायिका, दुर्गा प्रसाद पारकर जी नाट्य लेखन , कविलास टंडन ।अतिरिक्त पुलिस अधिक्षक, भिलाई दुर्ग, बी.एल.कुर्रे पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी, प्रदेश अध्यक्ष सतनामी समाज, पवन बंजारे, ओमप्रकाश बंजारे, पोषण मार्कण्डेय,गीता बंजारे,समाजिक कार्यक्रता रेणु जांगड़े,संजय ठाकुर,वीरेंद्र बंजारेउपथित थे कार्यक्रम संयोजक श्रीमती मौसमी कमल टंडन थी।