Home छत्तीसगढ़ वर्ष 2021 में होंगे चार नेशनल लोक अदालत, पहली नेशनल लोक अदालत के लिए बुलाई गई न्यायाधीशों की बैठक

वर्ष 2021 में होंगे चार नेशनल लोक अदालत, पहली नेशनल लोक अदालत के लिए बुलाई गई न्यायाधीशों की बैठक

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दुर्ग/  राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली के द्वारा वर्ष 2021 में आयोजित होने वाले नेशनल लोक अदालत की तिथि निर्धारित की गई है। वर्ष 2021 में 10 अप्रैल 2021, 10 जुलाई 2021, 11 सितंबर 2021, 11 दिसंबर 2021 नेशनल लोक अदालत आयोजित की जाएगी। इस वर्ष की पहली नेशनल लोक अदालत 10 अप्रैल 2021 को आयोजित की जाएगी। जिसके संबंध में राजेश श्रीवास्तव जिला एवं सत्र न्यायाधीश/ अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण दुर्ग के द्वारा नेशनल लोक अदालत के सफल आयोजन तथा लोक अदालत में अधिक से अधिक राजीनामा योग्य प्रकरणों के निराकरण किये जाने के संबंध में दुर्ग में पदस्थ न्यायिक अधिकारियों एवं बैंक अधिकारियों की बैठक ली गई । इस बैठक में जिला एवं सत्र न्यायाधीश/अध्यक्ष राजेश श्रीवास्तव ने व्यक्त किया कि कोविड-19 के संक्रमण की अवधि में न्यायालयीन प्रकरण की सुनवाई में व्यवधान उत्पन्न हुआ है। प्रकरणों के पक्षकार अपने न्यायालयीन प्रकरणों को राजीनामा के माध्यम से निराकृत करना चाहते हैं। लोक अदालत में राजीनामा योग्य दाण्डिक प्रकरण, मोटर यान अधिनियम, चेक अनादरण के प्रकरण, विद्युत के मामले अत्यधिक संख्या में निराकृत किये जा सकते है। जिसके लिए प्रत्येक न्यायिक अधिकारियों को प्रकरण के अधिवक्ताओं एवं पक्षकारों से चर्चा कर राजीनामा के अंतिम स्तर तक प्रकरण को पहुंचा कर निराकृत किया जा सकता है।
लोक अदालत असल में हमारे देश में विवादों के निपटान एक वैकल्पिक माध्यम है इसे बोलचाल की भाषा में लोगों की अदालत भी कहते हैं। इसके गठन का आधार 1976 का 42वां संविधान संशोधन है। जिसके तहत अनुच्छेद 39 में आर्थिक न्याय की अवधारणा जोड़ी गई है और शासन से अपेक्षा की गई कि वह यह सुनिश्चित करें कि देश का कोई भी नागरिक आर्थिक या किसी अन्य अक्षमताओं के कारण न्याय पाने से वंचित न रह जाए। लोक अदालत का मुख्य उद्देश्य है विवादों का आपसी सहमति से समझौता कराना।
10 अप्रैल को आयोजित होने वाली नेशनल लोक अदालत में प्री-लिटिगेशन प्रकरण धारा 138 पराक्रम्य में लिखित अधिनियम, राशि वसूली प्रकरण, विद्युत/ जलकर /से संबंधित प्रकरण, पारिवारिक विवाद, सिविल प्रकरण प्रकरण सुनवाई हेतु रखे जा सकते हैं। न्यायालय में लंबित प्रकरण राजीनामा योग्य दाण्डिक प्रकरण, धारा 138 पराक्रम्य में लिखित अधिनियम, मोटर दुर्घटना दावा प्रकरण, श्रम विभाग प्रकरण, पारिवारिक विवाद (तलाक को छोड़कर) विद्युत प्रकरण, भूमि अधिग्रहण प्रकरण और अन्य सिविल एवं बी क्लास वाद प्रकरण सुनवाई हेतु रखे जा सकते हैं। नेशनल लोक अदालत में वित्तीय संस्थान (बैंकिंग), विद्युत विभाग, नगर निगम, प्री-लिटिगेशन प्रकरण नेशनल लोक अदालत के तिथि के 20 दिवस पूर्व कार्यालय में प्रस्तुत कर सकते हैं न्यायालयीन प्रकरण के पक्षकार अपने प्रकरण को लोक अदालत में रखे जाने के संबंध में अपने अधिवक्ता अथवा संबंधित न्यायालय में संपर्क कर सकते हैं।

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