रायपुर : आकलन और उपचारात्मक शिक्षण पर राज्य स्तरीय वेबीनार
प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा विभाग डॉ. आलोक शुक्ला ने कहा है कि शिक्षक पढ़ाई में कमजोर बच्चों को रोचक ढंग से उपचारात्मक शिक्षा दें। उन्होंने शिक्षकों से कहा कि पढ़ाई के दौरान विद्यार्थियों को दैनिक जीवन से जुड़े उदाहरण के द्वारा विषय-वस्तु की जानकारी दी जाए। उन्होंने कहा कि बच्चों को पढ़ना, लिखना और गणित के सवाल हल करना आना चाहिए। हमारा पूरा ध्यान सीखने पर ही हो, इसका आंकलन मार्च माह तक पूर्ण कर लिया जाए। डॉ. शुक्ला आज राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद में आकलन और उपचारात्मक शिक्षण पर आयोजित राज्य स्तरीय वेबीनार में शिक्षकों और अधिकारियों को संबोधित कर रहे थे। वेबीनार में एक लाख से अधिक शिक्षक शामिल हुए।
प्रमुख सचिव स्कूल शिक्षा डॉ. शुक्ला ने कहा कि शिक्षकों का अंतिम लक्ष्य आंकलन नहीं, बल्कि उन बच्चों को उपचारात्मक शिक्षा प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि पढ़ाई में कमजोर बच्चों के लिए 100 दिवस के एक लक्ष्य कार्यक्रम संचालित किया जाए। इस कार्यक्रम में प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालय में अध्ययनरत राज्य के सभी बच्चों को हिन्दी भाषा और गणित में न्यूनतम दक्षता हासिल कराने के लिए पूरा प्रयास किया जाए। उन्होंने राज्य, जिला, विकासखण्ड और संकुल स्तर के अधिकारियों को उपचारात्मक शिक्षा की सघन मानीटरिंग के निर्देश दिए। डॉ. शुक्ला ने कोरोना काल में शिक्षकों द्वारा किए जा रहे विभिन्न प्रकार के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि न केवल राज्य स्तर पर बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर राज्य में किए जा रहे कार्यों की सराहना मिल रही है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय, नीति आयोग और प्रधानमंत्री ने भी इसकी प्रशंसा की है।
राज्य स्तरीय वेबीनार में उपस्थित मिशन संचालक एवं संचालक समग्र शिक्षा जितेन्द्र शुक्ला ने बच्चों के स्तर तक सोच कर कार्य करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने वेबीनार में उपस्थित संबंधितों को निर्देशित किया कि बच्चों के स्तर तक जाकर उनको सरल रूप से समझाया जाए। बच्चों को नए शिक्षा सत्र में किस प्रकार से आगे की कक्षाओं में जोड़े कि उस कक्षा के अनुरूप लर्निंग आउटकम प्राप्त हो सके। संचालक एससीईआरटी डी. राहुल वेंकट ने उपचारात्मक शिक्षण पर विस्तृत दिशा-निर्देश राज्य के शिक्षकों को दिए। एससीईआरटी के अतिरिक्त संचालक योगेश शिवहरे, सहायक संचालक समग्र शिक्षा डॉ. एम. सुधीश, एससीईआरटी के सी.पी.आर. साहू, श्रीमती विद्या डांगी ने गणित और भाषा शिक्षा में उपचारात्मक शिक्षण की प्रक्रिया पर प्रकाश डाला। सत्यराज अय्यर और अजय वर्मा ने उपचारात्मक शिक्षण के तकनीकी पहलुओं की जानकारी दी।