हमारा देश महान:
republic day parade
देश आज 72वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज सुबह राजपथ पर तिरंगा फहराया। परंपरा के मुताबिक, झंडा फहराने के बाद राष्ट्रगान हुआ और महामहिम को 21 तोपों की सलामी दी गई। साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इंडिया गेट पर स्थित नैशनल वॉर मेमोरियल जाकर वीरगति प्राप्त करने वाले देश के बहादुर जवानों को श्रद्धांजलि दी।
गणतंत्र दिवस परेड के दौरान भारत पहली बार राफेल लड़ाकू विमानों की उड़ान के साथ टी-90 टैंकों, समविजय इलेक्ट्रॉनिक युद्धक प्रणाली, सुखोई-30 एमके आई लड़ाकू विमानों समेत अपनी सैन्य शक्ति का प्रदर्शन कर रहा है। वहीं सिर्फ थल सेना की बात करें तो थल सेना ने अपने मुख्य जंगी टैंक टी-90 भीष्म, इनफैन्ट्री कॉम्बैट वाहन बीएमपी-दो सरथ, ब्रह्मोस मिसाइल की मोबाइल प्रक्षेपण प्रणाली, रॉकेट सिस्टम पिनाका, इलेक्ट्रॉनिक युद्धक प्रणाली समविजय समेत अन्य का दमखम प्रदर्शित किया।
टी-90
भीष्म टैंक रूस में तैयार टी-90 भीष्म टैंक सबसे अचूक निशाना लगाने के लिए जाना जाता है। इसको भारत में भीष्म का नाम दिया गया है। ड्रैगन के साथ गतिरोध के बीच इसे चीन से लगती सीमा पर तैनात किया गया है। और इसको भारत का मेन बैटल टैंक भी कहा जाता है।
शिल्का वेपन सिस्टम
शिल्का वेपन सिस्टम का थ्रीडी ट्रैकिंग रडार आसमान से आने वाले हर मुसीबत को पहचान कर उसे मार गिराने में सक्षम हैं। यह एक ताकतवर और सटीक एयर डिफेंस सिस्टम है।
पिनाका रॉकेट सिस्टम
फ्री फ्लाइट आर्टिलरी रॉकेट सिस्टम पिनाका की रेंज 37.5 किलोमीटर है। पिनाका रॉकेट्स को मल्टी-बैरल रॉकेट लॉन्चर से छोड़ा जाता है। लॉन्चर सिर्फ 44 सेकेंड्स में 12 रॉकेट्स दाग सकता है।
ब्रह्मोस मिसाइल
दुनिया की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल ब्रह्मोस 21वीं सदी की सबसे खतरनाक मिसाइलों में से एक है। ब्रह्मोस मैच 3.5 यानी 4,300 किलोमीटर प्रतिघंटा की अधिकतम रफ्तार से उड़ सकती है। इसे पनडुब्बी, जंगी जहाज, एयरक्राफ्ट या फिर जमीन से भी लॉन्च किया जा सकता है।
बता दें गणतंत्र दिवस पर इस बार कोई चीफ गेस्ट यानी विदेशी मेहमान नहीं है। कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए इस बार गणतंत्र दिवस पर कई सारे बदलाव देखने को मिलेंगे।