कृषि कानून रद्द करने की अर्जी :
किसान 47 दिन से दिल्ली की सीमाओं पर आंदोलन कर रहे हैं। रविवार को ली गई फोटो गाजीपुर बॉर्डर की है।
किसान आंदोलन का आज 47वां दिन है। नए कृषि कानून रद्द करने की अर्जियों पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई होगी। किसानों ने रविवार को 500 जत्थेबंदियों का डेटा तैयार किया और वकील प्रशांत भूषण से 3 घंटे चर्चा चली। कोर्ट को बताया जाएगा कि आंदोलन में सिर्फ पंजाब ही नहीं, बल्कि देशभर के किसान संगठन शामिल हैं।
नुकसान समेत हर बात कोर्ट को बताएंगे
किसान संगठनों नए कानूनों की वजह से होने वाले नुकसान के बारे में कोर्ट को बताएंगे। एक-एक बात बारीकी से बताई जाएगी। यह भी बताएंगे कि किस तरह से उन्हें आंदोलन करने पर मजबूर किया गया। इन तीनों कानूनों के बारे में कैसे मजबूती से पक्ष रखा जाए, इस पर भी कई सीनियर वकीलों से चर्चा हुई।
सुप्रीम कोर्ट में अब तक
16 दिसंबर: कोर्ट ने कहा- किसानों के मुद्दे हल नहीं हुए तो यह राष्ट्रीय मुद्दा बनेगा।
6 जनवरी: अदालत ने सरकार से कहा- स्थिति में कोई सुधार नहीं, किसानों की हालत समझते हैं।
7 जनवरी: तब्लीगी जमात मामले में सुनवाई के दौरान कोर्ट ने चिंता जताई। कहा- किसान आंदोलन के चलते कहीं मरकज जैसे हालात न बन जाएं।
हरियाणा में किसानों ने मंच उखाड़ा, CM का कार्यक्रम रद्द
मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर रविवार को करनाल जिले के कैमला गांव में किसान महापंचायत करने वाले थे। सीएम वहां पहुंचते उससे पहले कृषि कानूनों का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारी पहुंच गए और काले झंडे लहराते हुए नारेबाजी करने लगे। उन्होंने मंच पर भी तोड़फोड़ की। प्रदर्शनकारियों ने CM के हेलीकॉप्टर की लैंडिंग के लिए बने हेलीपैड को भी खोद दिया, इस वजह से खट्टर का हेलीकॉप्टर लैंड नहीं कर सका।