नईदिल्ली(ए)। केंद्रीय गृह मंत्रालय के तहत आने वाले इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी), राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और केंद्रीय अर्धसैनिक बलों (सीएपीएफ) के टॉप बॉस यानी निदेशक/महानिदेशक को 15 साल पुराने वाहनों को स्क्रैप करने की फुल पावर दे दी गई है। वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग की सहमति के बाद केंद्रीय गृह सचिव ने उक्त पावर हस्तांतरित की है।
केंद्रीय गृह मंत्रालय में पुलिस आधुनिकीकरण प्रभाग की तरफ से गत सप्ताह इस बाबत कार्यालय ज्ञापन जारी किया गया है। वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग ने एक अप्रैल 2024 को अपने कार्यालय ज्ञापन में यह स्पष्ट कर दिया था कि केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों को पंजीकृत वाहन स्क्रैपिंग सुविधा (आरवीएसएफ) के तहत अपने उन वाहनों को स्क्रैप करने की पावर है, जो 15 साल की समय सीमा को पार कर चुके हैं।

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय द्वारा जारी नियमों के अनुसार ही किसी भी विभाग में 15 साल पुराने वाहनों को स्क्रैप किया जाता है। 29 अप्रैल 2025 को केंद्रीय गृह सचिव की मंजूरी के बाद उक्त नियमों के आधार पर 15 साल पुराने वाहनों को स्क्रेप करने की शक्तियां केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के डीजी, एनआईए डीजी और निदेशक आईबी को हस्तांतरित करने के लिए वित्त मंत्रालय में व्यय विभाग के समक्ष यह मामला रखा गया था। इसके बाद 5 जून को व्यय विभाग ने इस मामले में अपनी सहमति जताई थी। अब इसी आधार पर केंद्रीय अर्धसैनिक बलों के डीजी, एनआईए डीजी और निदेशक आईबी को 15 साल पुराने वाहनों को स्क्रेप करने की शक्तियां प्रदान की गई हैं। इसके लिए उन्हें व्यय विभाग के एक अप्रैल 2024 को जारी कार्यालय ज्ञापन के अनुसार अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करना होगा।