नई दिल्ली(ए)। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल (2025) को हुए दर्दनाक आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ अभूतपूर्व कड़े कदम उठाए हैं। इस हमले में 26 पर्यटकों की मौत हो गई थी और 17 लोग घायल हुए थे। जवाबी कार्रवाई करते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पाकिस्तान से संबंधित सभी वीज़ा तत्काल प्रभाव से रद्द करने के निर्देश जारी किए हैं। साथ ही, दशकों पुरानी सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया गया है और अटारी बॉर्डर भी बंद करने का फैसला लिया गया है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने अधिकारियों के साथ एक उच्च-स्तरीय बैठक के बाद पाकिस्तान से जुड़े सभी वीज़ा रद्द करने का अहम फैसला लिया है। गृह मंत्रालय ने इस संबंध में निर्देश जारी कर दिए हैं। श्री शाह ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से भी संपर्क साधा है और उनसे अपने-अपने राज्यों में मौजूद पाकिस्तानी नागरिकों को जल्द से जल्द हटाने के लिए कहा है।

इससे पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई सुरक्षा मामलों की कैबिनेट समिति (CCS) की बैठक में पाकिस्तान के खिलाफ कई कड़े फैसले लिए गए थे। इनमें सबसे महत्वपूर्ण 1960 से लागू सिंधु जल समझौते को स्थगित करने का निर्णय है। भारत ने इस बाबत पाकिस्तान को औपचारिक पत्र भेजकर संधि को निलंबित करने की सूचना दे दी है। गौरतलब है कि सिंधु नदी प्रणाली पाकिस्तान के लिए जीवन रेखा मानी जाती है और उसकी करोड़ों की आबादी पानी की जरूरतों के लिए इसी पर निर्भर है।
सरकार ने अटारी बॉर्डर को भी बंद करने का फैसला किया है। भारत में मौजूद पाकिस्तानी नागरिकों को अटारी-वाघा बॉर्डर के रास्ते पाकिस्तान लौटने के लिए 1 मई (2025) तक का समय दिया गया है। इसके अलावा, नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग में तैनात पाकिस्तानी रक्षा सलाहकारों (Defence Advisors) को एक सप्ताह के भीतर भारत छोड़ने का आदेश दिया गया है। साथ ही, आपसी सहमति से दोनों देशों के उच्चायोगों में कर्मचारियों की स्वीकृत संख्या को 50 से घटाकर 30 कर दिया गया है।
ये सभी कदम पहलगाम में हुए भीषण आतंकी हमले के सीधे जवाब के तौर पर देखे जा रहे हैं, जिसने पूरे देश में शोक और आक्रोश की लहर पैदा कर दी थी। सरकार ने स्पष्ट संकेत दिया है कि आतंकवाद को किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।