अयोध्या (ए)। 6 अप्रैल 2025 को राम नवमी मनाई जा रही है। इस दिन चैत्र नवरात्रि की महानवमी भी है, जिसमें मां सिद्धिदात्री की पूजा का विधान है। दरअसल, चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को पुण्य तिथियों में से एक माना गया है। इस तिथि को मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम का जन्म हुआ था, जिसे राम नवमी के रूप में मनाया जाता है। रामलला के जन्मोत्सव की खुशी में देशभर में पूजा के साथ-साथ शोभा यात्राएं भी निकाली जाती हैं। ऐसे में आइए इस दिन की पूजा विधि और महत्व के बारे में जानते हैं…
मान्यता है कि इस दिन भगवान श्रीराम की पूजा करने से भक्तों के जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का वास होता है, साथ ही जीवन के तमाम संकट समाप्त होते हैं। साथ ही, इस दिन विशेष रूप से मां दुर्गा के नौवें रूप सिद्धिदात्री की भी पूजा की जाती है, जो सुख-समृद्धि और सभी बाधाओं से मुक्ति प्रदान करने वाली मानी जाती हैं।
हर साल चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर राम नवमी मनाई जाती है। इस दिन भगवान श्रीराम का जन्म हुआ था, जिन्हें शास्त्रों में विष्णु जी का सातवां अवतार माना जाता है। इस बार 6 अप्रैल 2025 को राम नवमी है। इस दिन पुष्य नक्षत्र और सुकर्मा योग बन रहा है, जो शाम 6 बकर 54 मिनट तक है। इसके बाद धृति योग का निर्माण होगा। इस संयोग में भगवान राम का आशीर्वाद और उनकी कृपा पाने के लिए आप ‘श्री राम चालीसा का पाठ’ करें।

हिंदू धर्म में भगवान राम को वीरता और आदर्श पुरुष के रूप में पूजा जाता है, जिन्हें मर्यादा, धर्म और न्याय का प्रतीक भी कहते हैं। धार्मिक ग्रंथों में राम जी को सृष्टि के संचालक भगवान विष्णु का अवतार भी माना गया है, जिनकी उपासना से न केवल मन की शांति बल्कि जीवन को सही दिशा और धैर्य-सकारात्मकता भी मिलती है। हालांकि प्रभु की विशेष कृपा पाने के लिए राम नवमी सबसे उत्तम है।
तीन शुभ योग में होगा रामलला का सूर्य तिलक
रामलला के दरबार में रामजन्मोत्सव की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। इस साल रामनवमी के दिन, जब रामलला का जन्मोत्सव मनाया जाएगा, ठीक उसी समय सूर्य तिलक भी होगा। तीन शुभ योग रवि योग, सर्वार्थसिद्धि योग और सुकर्मा में रामलला का सूर्य तिलक किया जाएगा। बता दें, रविवार की दोपहर ठीक 12 बजे भगवान सूर्य रामलला के ललाट का तिलक करेंगे।
मां सिद्धिदात्री का स्वरूप
सिंह पर सवार, कमल पुष्प पर आसीन, अत्यंत दिव्य स्वरूप वाली मां सिद्धिदात्री चार भुजाओं वाली हैं। इनके दाहिने तरफ के नीचे वाले हाथ में चक्र, ऊपर वाले हाथ में गदा और बायीं तरफ के नीचे वाले हाथ में शंख और ऊपर वाले हाथ में कमल पुष्प है। सिद्धिदात्री देवी सरस्वती का भी स्वरूप माना गया है जो श्वेत वस्त्रालंकार से युक्त महाज्ञान और मधुर स्वर से अपने भक्तों को सम्मोहित करती हैं।
चैत्र नवरात्रि की नवमी तिथि आज
Chaitra Navratri 2025 Day 9 Maa Siddhidatri Puja: चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर राम नवमी के साथ-साथ चैत्र नवरात्रि का आखिरी दिन भी होता है। इस दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा का विधान है। मां सिद्धिदात्री की अराधना करने से भक्तों को सिद्धियों की प्राप्ति होती है। मान्यता है कि स्वयं भगवान शिव ने भी सिद्धि प्राप्त करने के लिए मां सिद्धिदात्री की उपासना की थी। मां दुर्गा को सर्पित नवरात्रि के नौ दिनों का आज आखिरी दिन है। आज मां सिद्धिदात्री की पूजा, हवन और कन्या पूजन भी किया जाता है। इसके बाद लोग अपने व्रत का पारण करते हैं।
भगवान श्री राम की आरती
श्री राम चंद्र कृपालु भजमन हरण भाव भय दारुणम्।
नवकंज लोचन कंज मुखकर, कंज पद कन्जारुणम्।।
कंदर्प अगणित अमित छवी नव नील नीरज सुन्दरम्।
पट्पीत मानहु तडित रूचि शुचि नौमी जनक सुतावरम्।।
भजु दीन बंधु दिनेश दानव दैत्य वंश निकंदनम्।
रघुनंद आनंद कंद कौशल चंद दशरथ नन्दनम्।।
सिर मुकुट कुण्डल तिलक चारु उदारू अंग विभूषणं।
आजानु भुज शर चाप धर संग्राम जित खर-धूषणं।।
इति वदति तुलसीदास शंकर शेष मुनि मन रंजनम्।
मम ह्रदय कुंज निवास कुरु कामादी खल दल गंजनम्।।
छंद
मनु जाहिं राचेऊ मिलिहि सो बरु सहज सुंदर सावरों।
करुना निधान सुजान सिलू सनेहू जानत रावरो।।
एही भांती गौरी असीस सुनी सिय सहित हिय हरषी अली।
तुलसी भवानी पूजि पूनी पूनी मुदित मन मंदिर चली।।
।।सोरठा।।
जानि गौरी अनुकूल सिय हिय हरषु न जाइ कहि।
मंजुल मंगल मूल वाम अंग फरकन लगे।।
राम नवमी पूजा विधि
- राम नवमी की पूजा के लिए सुबह ही स्नान कर लें।
- अब एक चौकी लेकर उसपर भगवान श्री राम, सीता जी, लक्ष्मण जी और हनुमान जी की मूर्ति स्थापित कर दें।
- अब भगवान राम को चंदन लगाकर उन्हें फूल, अक्षत, धूप अर्पित करें।
- इसके बाद शुद्ध देसी घी से दीप जलाकर प्रभु को मिठाई व फलों का भोग लगाएं।
- अब आप श्रीरामचरितमानस, सुंदरकांड या रामरक्षा स्तोत्र का पाठ करें।
- इस दौरान भगवान राम के मंत्रों का भी जाप करें, इससे मन में सकारात्मक भाव बना रहता है
- अब प्रभु की आरती करें और पूजा में हुई भूल की क्षमा मांगे।
- राम नवमी शुभ योग
पंचांग के अनुसार राम नवमी पर पुष्य नक्षत्र बन रहा है। इसके अलावा इस दिन सुकर्मा योग बना रहेगा, जो शाम 6 बकर 54 मिनट तक है। इसके बाद धृति योग का निर्माण होगा। - राम नवमी शुभ मुहूर्त 2025
- राम नवमी की पूजा का शुभ समय: 06 अप्रैल 2025, प्रातः 11:08 मिनट से दोपहर 01:39 मिनट तक
- राम नवमी मध्याह्न मुहूर्त – प्रातः 11:07 से दोपहर 13:39 तक