नईदिल्ली (ए)। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को रिकॉर्ड अपना आठवां बजट पेश किया। मध्यम वर्ग को बड़ी राहत दे दी है। अब 12 लाख रुपये तक की आमदनी आयकर के दायरे से बाहर होगी। वित्त मंत्री ने प्रत्यक्ष कर पर बजट में कहा कि नए आयकर विधेयक में न्याय की भावना को प्रमुखता दी जाएगी।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का दूसरा बजट पेश किया। वित्तीय वर्ष 2025-26 में बजट अनुमान 50,65,345 करोड़ रुपये है, जिसमें कुल पूंजीगत व्यय 11,21,090 करोड़ रुपये है। इसमें राज्यों को 25,01,284 करोड़ रुपये मिलेंगे। सरकार ने बताया कि बजट में कुल राजस्व प्राप्ति 34,20,409 करोड़ रुपये है। वहीं पूंजीगत प्राप्तियां 16,44,936 करोड़ रुपये हैं। सरकार ने विभिन्न मंत्रालयों के लिए भी बजट तय किया है। आइए जानते हैं कि सरकार ने बजट में किस मंत्रालय को कितना फंड आवंटित किया है।
बजट में कृषि क्षेत्र के लिए बड़े एलान किए। वित्त मंत्री ने प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना, दलहन में आत्मनिर्भरता, बिहार में मखाना बोर्ड बनाने और असम में यूरिया प्लांट खोलने का एलान किया गया है। इसके अलावा किसान क्रेडिट कार्ड की लिमिट को 3 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दिया गया है।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि प्रधानमंत्री धन-धान्य कृषि योजना के तहत ऐसे 100 जिलों को चुना जाएगा, जहां पर कृषि उत्पादकता कम है। इससे वहां पर उत्पादकता बढ़ाने, खेती में विविधता लाने, सिंचाई और उपज के बाद भंडारण की क्षमता मजबूत करने में मदद मिलेगी। इस योजना से 1.7 करोड़ किसानों को लाभ होगा। इसके दायरे में सभी तरह के किसान आएंगे। कृषि के अच्छे तरीकों को अपनाने पर जोर दिया जाएगा।
केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि दलहन में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देंगे। इसके लिए खाद्य तेलों के उत्पादन पर ध्यान दिया जाएगा। तुअर, उड़द और मसूर दाल के लिए सरकार छह वर्ष का मिशन शुरू करेगी ताकि दलहन में आत्मनिर्भरता हासिल की जा सके। नैफेड और एनसीसीएफ तीन तरह की दालों की खरीद करेगी। इन एजेंसियों में पंजीकृत किसानों से दालें खरीदी जाएंगी।
सब्जी, फल और पोषण पर ध्यान दिया जाएगा। श्रीअन्न और फलों की मांग बढ़ती जा रही है। इसके लिए राज्यों के साथ मिलकर एक योजना शुरू की जाएगी। इसमें कृषि उपज संगठनों को लाभ मिलेगा। इसके अलावा बिहार में मखाना बोर्ड बनेगा। बिहार के लोगों के लिए यह विशेष अवसर है ताकि वे मखाना का उत्पादन और उसके प्रसंस्करण को बढ़ावा दे सकें। मखाना बोर्ड इसमें किसानों की मदद करेगा।
वित्त मंत्री ने कहा कि किसान क्रेडिट कार्ड 7.7 करोड़ किसानों, मछुआरों और डेयरी किसानों के लिए अल्पकालिक ऋण की सुविधा प्रदान करता है। केसीसी के माध्यम से लिए गए ऋण सीमा तीन लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये की जाएगी।
असम के नामरूप में खुलेगा यूरिया प्लांट
केंद्रीय वित्त मंत्री ने असम के नामरूप में यूरिया प्लांट खोलने का एलान किया। उन्होंने कहा कि असम के नामरूप में 12.7 लाख मीट्रिक टन की वार्षिक क्षमता वाले संयंत्र की स्थापना की जाएगी। उन्होंने कहा कि पूर्वी क्षेत्र में बंद पड़े तीन यूरिया संयंत्रों को फिर से खोला गया है। यह यूरिया उत्पादन में आत्मनिर्भरता की ओर कदम है। इसके अलावा सरकार सहकारी क्षेत्र के लिए ऋण देने के कार्यों हेतु राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम को सहायता प्रदान करेगी।
वित्त मंत्री ने कहा कि 12 लाख रुपये तक की आमदनी पर अब कोई आयकर नहीं लगेगा। इसमें जब स्टैंडर्ड डिडक्शन भी जोड़ देंगे तो वेतनभोगी लोगों के लिए 12.75 लाख रुपये की करयोग्य आय पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। वित्त मंत्री ने कहा है कि इस फैसले से मध्यम वर्ग पर करों को काफी हद तक कम करने में मदद मिलेगी। उनके पास अधिक पैसा छोड़ने, घरेलू खपत, बचत और निवेश बढ़ाने का मौका होगा।
वित्त मंत्री ने एलान किया है सभी करदाताओं को लाभ पहुंचाने के लिए आयकर स्लैब और दरों में बदलाव किया जा रहा है। वित्त मंत्री ने कहा है कि नई कर व्यवस्था के तहत 12 लाख की आय तक शून्य आयकर लगेगा। मध्यम वर्ग पर सरकार ने विशेष ध्यान दिया है और व्यक्तिगत आयकर प्रणाली में सुधार किया है।
वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा है कि टीडीएस की सीमा में बदलाव किए जाएंगे ताकि इसमें एकरूपता लाई जा सके। वरिष्ठ नागरिकों के लिए टीडीएस में छूट की सीमा को 50 हजार से बढ़ाकर एक लाख रुपये किया जाएगा। किराए से होने वाली आमदनी पर टीडीएस में छूट की सीमा को बढ़ाकर छह लाख रुपये किया जाएगा। वित्त मंत्री के अनुसार, नॉन-पैन मामलों में उच्च टीडीएस के प्रावधान लागू रहेंगे। अपडेटेड रिटर्न दाखिल करने की सीमा को दो साल से बढ़ाकर चार साल कर दिया है।
आम बजट में बिहार को खासा तवज्जो दी गई है। इसमें मखाना बोर्ड की स्थापना, पश्चिमी कोसी नहर के लिए वित्तीय सहायता और आईआईटी पटना की क्षमता में विस्तार सहित कई बड़े एलान शामिल हैं। यह एलान इसलिए भी अहम हैं, क्योंकि बिहार में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने हैं। मौजूदा वक्त में बिहार में जनता दल (यूनाईटेड) और भाजपा के गठबंधन वाली सरकार है।
मखाना बोर्ड: किसानों की आय बढ़ाने के लिए विज्ञान और तकनीक का सहारा लिया जाएगा।
ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट: बिहार में ग्रीनफील्ड एयरपोर्ट विकसित किए जाएंगे। पटना एयरपोर्ट को विस्तार दिया जाएगा।
पश्चिमी कोशी नहर परियोजना: बिहार के मिथिलांचल में पश्चिमी कोशी नहर परियोजना शुरू की जाएगी। इसके दायरे में 50 हजार हेक्टेयर का क्षेत्र आएगा।
बिहार में नया संस्थान: बिहार में राष्ट्रीय फूड टेक्नोलॉजी संस्थान शुरू किया जाएगा। इससे पूरे पूर्वी क्षेत्र में खाद्य प्रसंस्करण क्षमताएं मजबूत करने में मदद मिलेगी।
आईआईटी पटना: आईआईटी पटना में छात्रावास और एक अन्य बुनियादी ढांचा क्षमता के विस्तार का एलान किया गया।
मखाना बोर्ड के गठन की घोषणा करते हुए सीतारमण ने कहा कि बिहार के लोगों के लिए एक विशेष अवसर है। प्रदेश में मखाने के उत्पादन, प्रसंस्करण, मूल्यवर्धन और विपणन में सुधार के लिए मखाना बोर्ड की स्थापना की जाएगी। इन गतिविधियों में लगे लोगों को एफपीओ (किसान उत्पादक संगठन) में संगठित किया जाएगा, जो मखाना किसानों को समर्थन और प्रशिक्षण सहायता प्रदान करेगा। एफपीओ यह सुनिश्चित करने के लिए भी काम करेंगे कि उन्हें सभी प्रासंगिक सरकारी योजनाओं का लाभ मिले।
राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी, उद्यमिता और प्रबंधन संस्थान
सीतारमण ने कहा कि ‘पूर्वोदय’ के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता के अनुरूप, सरकार बिहार में एक राष्ट्रीय खाद्य प्रौद्योगिकी, उद्यमिता और प्रबंधन संस्थान की स्थापना करेगी। पूर्वोदय योजना के तहत, सरकार बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा और आंध्र प्रदेश को शामिल करते हुए पूर्वी क्षेत्र के राज्यों का सर्वांगीण विकास कर रही है। संस्थान पूरे पूर्वी क्षेत्र में खाद्य प्रसंस्करण गतिविधियों को एक मजबूत प्रोत्साहन प्रदान करेगा। इससे किसानों के लिए उनकी उपज के मूल्य संवर्धन और युवाओं के लिए कौशल, उद्यमिता और रोजगार के अवसरों के माध्यम से आय में वृद्धि होगी।
ग्रीनफील्ड हवाई अड्डों की सुविधा
उन्होंने कहा कि बिहार में ग्रीनफील्ड हवाई अड्डों की सुविधा दी जाएगी, ताकि राज्य की भविष्य की जरूरतों को पूरा किया जा सके। यह पटना हवाई अड्डे की क्षमता के विस्तार और बिहटा में एक ब्राउनफील्ड हवाई अड्डे के अतिरिक्त होगा।
पश्चिमी कोसी नहर परियोजना
वित्त मंत्री ने बिहार के मिथिलांचल क्षेत्र में पश्चिमी कोसी नहर परियोजना के लिए समर्थन की भी घोषणा की। उन्होंने कहा, ‘पश्चिमी कोसी नहर ईआरएम परियोजना के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी, जिससे बिहार के मिथिलांचल क्षेत्र में 50,000 हेक्टेयर से अधिक भूमि पर बड़ी संख्या में खेती करने वाले किसानों को लाभ होगा।’
आईआईटी पटना को लेकर भी बड़ा एलान
इसके अलावा उन्होंने आईआईटी पटना में छात्रावास और एक अन्य बुनियादी ढांचा क्षमता के विस्तार की भी घोषणा की।
इस आम बजट में वित्त मंत्री ने अपने बजट में एक बार भी भारतीय रेलवे का जिक्र तक नहीं किया है। हालांकि उन्होंने भारतीय रेलवे के लिए वित्तीय वर्ष 2026 के लिए केंद्रीय बजट में रेलवे के लिए 2.55 लाख करोड़ का आवंटन किया है। ये राशि पिछले वित्तीय वर्ष (वित्तीय वर्ष 2025) के लिए आवंटित राशि के समान है। आम बजट में रेलवे को लेकर कोई नई घोषणा की बजाय पहले की घोषणाओं को पूरा करने पर जोर दिया गया है।
दरअसल, वित्तमंत्री ने 2024 के आम बजट में रेलवे के लिए कुल बजटीय समर्थन 2,55,200 करोड़ रखा। यह वर्ष 2023-24 में 2,40,200 करोड़ से 5 प्रतिशत अधिक था। इसके अतिरिक्त वित्तमंत्री ने 10,000 करोड़ अतिरिक्त बजटीय संसाधनों से आवंटित किए गए थे। जुलाई 2024 में वित्तमंत्री द्वारा पेश किए बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने नई वंदे भारत ट्रेनों की घोषणा की थी। साथ ही यह भी कहा था कि भारत में तीन प्रमुख रेलवे आर्थिक गलियारे बनेंगे। इनमें ऊर्जा, खनिज और सीमेंट गलियारा, पोर्ट कनेक्टिविटी गलियारा और उच्च यातायात घनत्व वाला गलियारा शामिल होगा।
रेलवे को बजट में 2.55 लाख करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। इनमें राजस्व में 3445 करोड़ रुपये और कैपिटल एक्सपेंडिचर में 2,52,000 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। इस तरह रेलवे बजट में कुल 2,55,445 करोड़ रुपये का प्रावधान किया है। बजट में पेंशन फंड में 66 हजार करोड़ रुपये रखे गए हैं। जबकि नई लाइनें बिछाने के लिए 32,235 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। लाइनों के दोहरीकरण में 32,000 करोड़ और गॉज लाइन में बदलने में 4,550 करोड़ रुपये का बजट तय किया गया है।
इसके अलावा आम बजट में रेलवे की सिग्नलिंग और टेलीकॉम के लिए 6800 करोड़, विद्युत लाइनों के लिए 6,150 करोड़ रुपये, स्टाफ कल्याण पर 833 करोड़ रुपये का बजट तय किया गया है। रेलवे स्टाफ की ट्रेनिंग उद्देश्य के लिए 301 करोड़ रुपये खर्च होंगे। वहीं रेलवे सेफ्टी फंड में 45 हजार करोड़ रुपये ट्रांसफर किए जाएंगे। रेलवे मंत्रालय रेल हादसों को कम करने के लिए खास कदम उठाने जा रहा है। इसके तहत देश के प्रमुख रेलवे रूट पर कचव का अपग्रेट वर्जन 4.O लगाने का काम तेजी से किया जाएग। हालांकि वित्त मंत्री ने बजट में इसे लेकर कोई भी नई घोषणा नहीं की है। लेकिन बजट आवंटन में पूर्व की घोषणाओं को पूरा करने पर जोर दिया गया है।
इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट होंगे सस्ते
केंद्रीय बजट 2025-26 पेश करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि शहरी श्रमिकों के सामाजिक-आर्थिक उत्थान के लिए एक योजना लागू की जाएगी। उन्होंने कहा, ‘ऑनलाइन मंच के ‘गिग वर्कर’ न्यू एज सर्विस अर्थव्यवस्था को बहुत गतिशीलता प्रदान करते हैं। उनके योगदान को सम्मान देते हुए हमारी सरकार ई-श्रम पोर्टल पर उनके पहचान पत्र और पंजीकरण की व्यवस्था करेगी।
सीतारमण ने कहा कि ऐसे श्रमिकों को प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (पीएम-जेएवाई) के तहत स्वास्थ्य देखभाल सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। इससे करीब एक करोड़ श्रमिकों को सहायता मिलने की संभावना है।‘डेकेयर’ कैंसर केंद्रों की स्थापना
वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा कि अगले वर्ष तक मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में 10,000 सीट जोड़ी जाएंगी, जबकि उसके अगले पांच वर्षों में 75,000 सीट और जोड़ी जाएंगी। सरकार अगले तीन वर्षों में सभी जिला अस्पतालों में ‘डेकेयर’ कैंसर केंद्रों की स्थापना की सुविधा भी प्रदान करेगी।
सरकार ने बजट में एससी-एसटी वर्ग की पहली बार उद्यमी बनने वाली महिलाओं के लिए नई योजना शुरू की गई है, जिसके तहत अगले पांच वर्षों में महिला उद्यमियों को दो करोड़ रुपये तक का टर्म लोन उपलब्ध कराया जाएगा। वहीं सक्षम आंगनबाड़ी एवं पोषण 2.0 स्कीम के तहत आठ करोड़ गर्भवती और स्तनपान कराने वाली महिलाओं और लड़कियों को पोषण देने की बात कही गई है। पीआईबी के आंकड़ों के अनुसार, कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी की दर 41% है, जो वैश्विक औसत से कम है। इसे देखते हुए सरकार बजट 2025 में महिला सशक्तिकरण पर जोर दे रही है। आंकड़ों के अनुसार, देश में कुल 252 करोड़ बैंक अकाउंट हैं, जिनमें से 36.4 प्रतिशत यानी करीब 91 करोड़ खाते महिलाओं के हैं।
ये चीजें हुईं सस्ती
मोबाइल फोन सस्ती हुई, कैंसर की दवाइयां सस्ती हुईं, मेडिकल इक्विपमेंट्स सस्ते हुए,LCD, LED सस्ती हुईं, 6 लाइव सेविंग दवाइयां सस्ती हुईं,82 सामानों से सेस हटाने का ऐलान,भारत में बने कपड़े होंगे सस्ते,सरकार ने इलेक्ट्रिक व्हीकल्स पर टैक्स से राहत दी है. इससे बैटरी से चलने वाली कारें सस्ती हो सकती हैं, चमड़ा और इससे बने उत्पादों पर टैक्स घटाई गई हैं, जिससे चीजें सस्ती होंगी, फ्रोजन फिश, मोटर साइकिल, जिंक स्कैप, कोबाल्ट पाऊडर, EV लिथियम बैटरी, लीथियम आयन बैटरी, कैरियर ग्रेड इंटरनेट स्विच, सिंथेटिक फ्लेवरिंग एसेंस, जहाज निर्माण के लिए कच्चा माल—बेसिक कस्टम ड्यूटी से 10 और साल के लिए छूट।
क्या हुआ महंगा?
बजट में इंटरेक्टिव फ्लैट पैनल डिस्प्ले पर बेसिक कस्टम ड्यूटी को 10 परसेंट से बढ़ाकर 20 परसेंट किया गया, बुने हुए कपड़े (निटेड फैब्रिक्स)
इसी के साथ बजट में बच्चों और बड़ों से जुड़ी कुछ चीजों के महंगे होने का अनुमान है. दरअसल, बजट से एक दिन पहले पेश हुए आर्थिक सर्वेक्षण में अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड (यूपीएफ) की बढ़ती खपत पर चिंता जताई गई।
खाने-पीने की इन चीजों में नमक, चीनी, कॉन्सन्ट्रेटेड फैट और आर्टिफिशियल एडिटिव्स होने के चलते स्वास्थ्य पर इनका नकारात्मक प्रभाव पड़ता है. ऐसे में इस समस्या से निपटने के लिए इन पर जीएसटी अधिक लगाए जाने की चर्चा है. इसी के साथ FSSAI की सख्त लेवलिंग और जागरूकता अभियानों पर भी जोर दिया गया. इसके स्थान पर स्थानीय और मौसमी फलों-सब्जियों की खपत बढ़ाने पर जोर दिया गया।