Home देश-दुनिया महाकुंभ भगदड़ पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने किए तीन जरूरी ऐलान, जानें- क्या फैसले हुए?

महाकुंभ भगदड़ पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने किए तीन जरूरी ऐलान, जानें- क्या फैसले हुए?

by admin

प्रयागराज (ए)। उत्तर प्रदेश स्थित प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान 29 जनवरी, बुधवार को रात 1 बजे मची भगदड़ में 30 लोग मारे गए. यह जानकारी राज्य सरकार ने साझा की. इस बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 3 अहम ऐलान किए हैं.

पहले ऐलान में सीएम ने मृतकों के परिजनों को 25 लाख रुपये मुआवजा देने की घोषणा की है. इसके अलावा दूसरी जरूरी घोषणा न्यायिक कमेटी के संबंध में की है. सीएम ने 3 सदस्यीय कमेटी के तहत न्यायिक जांच का ऐलान भी किया है. तीसरे ऐलान के तौर पर सीएम ने चीफ सेक्रेटरी और डीजीपी को प्रयागराज जाने के निर्देश दिए हैं.

महाकुंभ भगदड़ पर उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, ‘हम राज्य सरकार की ओर से दुर्घटना में जान गंवाने वाले प्रत्येक मृतक के परिजनों को 25-25 लाख रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा भी कर रहे हैं. न्यायिक आयोग पूरे मामले की जांच करेगा और एक समय सीमा के भीतर अपनी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपेगा. इस संबंध में मुख्य सचिव और डीजीपी स्वयं एक बार प्रयागराज का दौरा करेंगे और आवश्यकता पड़ने पर उन सभी मुद्दों पर गौर करेंगे.’

न्यायिक जांच पर क्या बोले सीएम योगी?
न्यायिक जांच के संदर्भ में सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, ‘सरकार ने फैसला किया है कि घटना की न्यायिक जांच कराई जाएगी. इसके लिए हमने जस्टिस हर्ष कुमार, पूर्व डीजी वीके गुप्ता और रिटायर्ड आईएएस डीके सिंह की अध्यक्षता में 3 सदस्यीय न्यायिक आयोग बनाया है.’

इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने कहा कि पुरे घटना की जांच भी करवाएंगे की ऐसे हादसे किन कारणों से हुई है.

क्या बोले मेला अधिकारी और DIG वैभव कृष्ण
इस बीच बुधवार देर शाम मेलाधिकारी विजय किरण आनंद और डीआईजी वैभव कृष्ण ने मौनी अमावस्या के पर्व पर संगम नोज में हुए हादसे की विस्तृत जानकारी दी. उन्होंने बताया कि ब्रह्म मुहूर्त से पूर्व प्रातः एक बजे से 2 बजे के बीच मेला क्षेत्र में अखाड़ा मार्ग पर भारी भीड़ का दबाव बना. भीड़ के दबाव के कारण दूसरी ओर के बैरीकेड्स टूट गए और लोग बैरीकेड्स लांघकर दूसरी तरफ आ गए और ब्रह्म मुहूर्त पर स्नान का इंतजार कर रहे श्रद्धालुओं को कुचलना शुरू कर दिया.

शासन ने तत्काल राहत और बचाव कार्य करते हुए भीड़ को हटाया और एंबुलेंस के माध्यम से लगभग 90 घायलों को हॉस्पिटल पहुंचाया, लेकिन इसमें से दुर्भाग्यपूर्ण तरीके से 30 श्रद्धालुओं की मृत्यु हो गई है. इनमें से 25 की पहचान हो चुकी है और शेष की शिनाख्त की जानी बाकी है.

मृतकों में कुछ लोग बाहर के प्रदेशों से हैं, जिसमें कर्नाटक से 4, असम से एक, गुजरात से एक है. कुछ घायलों को परिवार के लोग लेकर चले गए हैं तथा 36 घायलों का इलाज स्थानीय मेडिकल कॉलेज में चल रहा है. श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए मेला प्रशासन के द्वारा हेल्पलाइन नंबर 1920 जारी किया गया है. इस समय स्थिति सामान्य है.

29 जनवरी को शासन ने सख्त निर्देश दिए थे कि कोई भी वीआईपी प्रोटोकॉल नहीं होगा. आज मेला प्रशासन ने वीआईपी प्रोटोकॉल इंटरटेन नहीं किया. जो भी मुख्य स्नान पर्व हैं उस पर कोई वीआईपी प्रोटोकॉल लागू नहीं होगा.

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