Home देश-दुनिया बजट में सीमा शुल्क माफी योजना की घोषणा संभव, इन प्लान पर भी चल रहा काम

बजट में सीमा शुल्क माफी योजना की घोषणा संभव, इन प्लान पर भी चल रहा काम

by admin

नईदिल्ली(ए)। आने वाले बजट से देश के लोगों को काफी उम्मीदें हैं। इस बीच माना जा रहा है कि मुकदमेबाजी को कम करने और कारोबारी सुगमता को बढ़ावा देने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आगामी बजट में सीमा शुल्क के लिए माफी योजना की घोषणा कर सकती हैं। दरअसल, प्राइस वाटरहाउस एंड कंपनी एलएलपी के प्रबंध निदेशक अनुराग सहगल का कहना है कि उद्योग की मुख्य मांगें निश्चित रूप से सरकार के उद्देश्यों के अनुरूप होंगी और सरकार का एक उद्देश्य मुकदमेबाजी में कमी लाना है।

 

बता दें कि इस मोर्चे पर, सीमा शुल्क के लिए माफी योजना, विशेष रूप से जीएसटी से पहले के विरासती करों जैसे- अतिरिक्त शुल्क, विशेष अतिरिक्त शुल्क को कवर करना उद्योग की मांगों में से एक रहा है। सरकार ने पहले भी उत्पाद शुल्क और सेवा कर तथा आयकर के लिए माफी योजनाओं की घोषणा की थी, लेकिन सीमा शुल्क के लिए ऐसा कोई कदम नहीं उठाया था।

40 हजार से अधिक मामले लंबित

एक अनुमान के अनुसार अकेले सीमा शुल्क से संबंधित 40 हजार से अधिक मामले विभिन्न न्यायालयों और न्यायाधिकरणों में लंबित हैं। परामर्श देने वाली कंपनी का कहना है कि सीमा शुल्क से संबंधित मुकदमे विभिन्न प्लेटफार्म पर लंबे समय से लंबित हैं। इन्हें सुलझाने के लिए करदाता और सरकार दोनों को काफी समय और प्रयास खर्च करने की आवश्यकता है। वहीं, ईवाई इंडिया ने सुझाव दिया है कि लंबित विवादों के निपटारे और समाधान के लिए सीमा शुल्क कानून के तहत एकमुश्त विवाद, मुकदमेबाजी समाधान या निपटान योजना शुरू की जानी चाहिए। डेलाइट इंडिया के साझेदार महेश जयसिंह के अनुसार, सरकार को विवादों को सुलझाने के लिए लंबे समय से चल रही मुकदमेबाजी को समाप्त करना चाहिए। न्यायिक प्रक्रिया के बोझ को कम करना चाहिए तथा तकनीकी प्रगति व अंतरराष्ट्रीय सर्वोत्तम चलन के साथ तालमेल बनाए रखने के लिए कानून को उन्नत करना चाहिए।

 

जयसिंह ने कहा कि सबका विश्वास की तर्ज पर माफी योजना एक स्वागत योग्य कदम होगा। उद्योग वर्षों से सीमा शुल्क के तहत लंबित मुकदमेबाजी के मामलों को हल करने के लिए ऐसी योजना का इंतजार कर रहा है। इससे विशेष रूप से छोटे व्यवसायों को पिछले विवादों से बचने और एक साफ सुथरी छवि के साथ आगे बढ़ने में मदद मिलेगी।

 

दरों को भी तर्कसंगत बनाया जाए

सहगल ने कहा कि सीमा शुल्क पर उद्योग की एक और महत्वपूर्ण इच्छा ‘मेक इन इंडिया’ पहल का समर्थन करने के लिए दरों को तर्कसंगत बनाने की होगी। उन्होंने कहा कि आपके पास कई क्षेत्रों में उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना, चरणबद्ध विनिर्माण कार्यक्रम आ रहे हैं। इसलिए दरों को तर्कसंगत बनाने से भारत में निवेश को बढ़ावा मिलेगा।

 

इसके अलावा, उन्होंने कहा कि उद्योग छूट की समीक्षा की उम्मीद कर रहा है। छूट की समीक्षा बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि कुछ छूट ऐसी हैं जिनकी समय सीमा समाप्त हो चुकी है। ग्रीन टेक, एमएसएमई, स्वास्थ्य सेवा जैसे क्षेत्र चाहते हैं कि छूटों की समीक्षा की जाए और उन्हें बढ़ाया जाए।

 

बायोगैस उत्पादन पर मिले कर छूट

भारतीय बायोगैस एसोसिएशन (आईबीए) ने वित्त मंत्रालय से आगामी आम बजट में कंप्रेस्ड बायोगैस (सीबीजी) उत्पादन के लिए पूरी तरह कारपोरेट कर की छूट देने की मांग की है। आइबीए का कहना है कि इससे क्षेत्र में निवेश आकर्षित करने में मदद मिलेगी और नवीकरणीय ऊर्जा को बढ़ावा देने का लक्ष्य हासिल हो सकेगा।

 

इस महीने की शुरुआत में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को लिखे एक पत्र में आइबीए ने कहा कि यह उन कारोबार क्षेत्रों के लिए एक प्रोत्साहन के रूप में कार्य करेगा, जो स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन में योगदान करते हुए सीबीजी उत्पादन में निवेश करने और इसे बढ़ाने के इच्छुक हैं।

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