उज्जैन(ए)। रविवार का दिन उज्जैन जले के लिए कई सौगातें लेकर आया। मुख्यमंत्री डा. मोहन यादव ने रविवार को जिले के पहले, बड़नगर तहसील में 40 करोड़ 86 लाख रुपये से बनाए सीएम राइज स्कूल भवन का लोकार्पण किया। उन्होंने कहा कि इस विद्यालय को पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न स्व. अटल बिहारी वाजपेयी के नाम से जाना जाएगा। यहां के तीन गांवों का नाम बदलने की भी घोषणा की। बड़नगर क्षेत्र के ही गजनीखेड़ी गांव को चामुंडा महानगरी, मौलाना गांव को विक्रम नगर और जहांगीरपुर गांव को जगदीशपुर नाम दिया। उन्होंने आश्वस्त किया कि आगामी दिनों में पूरे वर्ष उज्जैन के घाटों पर शिप्रा नदी के जल से ही शिप्रा में स्नान करने की सुविधा श्रद्धालुओं को मिल सकेगी।
डा. यादव ने विक्रम विश्वविद्यालय में डेयरी टेक्नोलाजी डिग्री पाठ्यक्रम का भी शुभारंभ किया। दूधतलाई स्थित गुरुद्वारे में सुबह मत्था टेका। उन्होंने प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि की कामना की। उज्जैन में एनसीसी का ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट खोलने के लिए जमीन उपलब्ध कराने की घोषणा भी की। दूध उत्पादन बढ़ाने पर सरकार की तरफ से पशुपालकों को बोनस दिलाने की घोषणा दोहराई।
बड़नगर के गजनीखेड़ी पंचायत को अब चामुण्डा माता नगर, मौलाना को विक्रम नगर और जहांगीरपुरी को जगदीशपुर के नाम से जाना जाएगा। pic.twitter.com/QraW9VPcOs
— Dr Mohan Yadav (@DrMohanYadav51) January 5, 2025
अंतरराष्ट्रीय प्रशिक्षण के लिए सिंगापुर जा रहे प्राचार्य-प्राध्यापकों एवं अधिकारियों के दल को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्मय से संबोधित कर विदाई दी। मंचीय उद्बोधन में उन्होंने कहा कि जीवन में 10 सुख माने गए हैं, उनमें पहला सुख निरोगी काया है। आने वाले समय में पूरे वर्ष उज्जैन के घाटों पर शिप्रा नदी के जल से ही शिप्रा में स्नान संभव होगा। इसके लिए साहिबखेड़ी-सिलारखेड़ी मध्यम सिंचाई परियोजना जल्द शुरू होने जा रही है।
सरकार का लक्ष्य अगले पांच वर्षों में सिंचाई की क्षमता को एक करोड़ हेक्टेयर तक बढ़ाना है। टीचर और गुरु में अंतर मुख्यमंत्री ने टीचर और गुरु में अंतर बताया। कहा कि टीचर, पाठ्यक्रम को पढ़ाता है जबकि गुरु, ज्ञान के प्रकाश से सबको आलोकित करता है।
यह भी कहा कि दूसरों की अच्छाइयों को सीखें पर अपनी अच्छाइयों को नहीं भूलें। कार्यक्रम में स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह, जिले के प्रभारी मंत्री गौतम टेटवाल, राज्यसभा सदस्य उमेशनाथ महाराज, सांसद अनिल फिरोजिया भी मंचासीन थे।