नई दिल्ली(ए)। साल 2025 में अंतरराष्ट्रीय यात्री डाटा शेयर करने के मामले में बड़ा बदलाव होगा। अप्रैल, 2025 से एयरलाइन संचालकों को ये सूचनाएं कस्टम्स के साथ अनिवार्य रूप से साझा करनी होगी। अगले साल 1 अप्रैल से इस अनिवार्य शर्त का पालन न करने की सूरत में कंपनियों पर बड़ा जुर्माना लगाया जा सकता है। विमान कंपनियों को राष्ट्रीय सीमा शुल्क लक्ष्यीकरण केंद्र-यात्री (एनसीटीसी-पैक्स) के साथ अनिवार्य पंजीकरण भी कराना होगा।
एयलाइंस संचालक सूचना देने से इनकार नहीं कर सकते
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के बयान के मुताबिक अगर भारत आने वाली या यहां से दूसरी जगहों पर जाने वाली फ्लाइट्स में यात्रा करने वाले यात्रियों से जुड़ी सूचना मांगी जाती है तो एयलाइंस संचालक सूचना साझा करने से इनकार नहीं कर सकते। शर्तों के अनुपालन के लिए सभी हवाई परिवहन सेवा प्रदाताओं को 10 जनवरी, 2025 तक राष्ट्रीय सीमा शुल्क लक्ष्यीकरण केंद्र-यात्री (एनसीटीसी-पैक्स) के साथ पंजीकरण करना होगा।
उड़ान से 24 घंटे पहले देनी होगी जानकारी
नए नियमों के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय उड़ान प्रस्थान से 24 घंटे पहले मोबाइल नंबर और पैसे भुगतान के तरीकों की जानकारी सीमा शुल्क विभाग के अधिकारियों के साथ साझा करनी होगी। इसके अलावा यात्रा कार्यक्रम का विवरण भी देना होगा। इसका मकसद अधिकारियों की प्रतिबंध लगाने की क्षमताओं के साथ-साथ यात्रियों से जुड़े जोखिम के विश्लेषण को बेहतर करना है।
पीएनआरजीओवी प्रणाली: जानकारी देने में विफल रहने पर कितना जुर्माना लगेगा
अगर एयरलाइन डेटा साझा करने में विफल रहती है, तो सीमा शुल्क विभाग के नियमों के अनुसार एक गैर-अनुपालन के लिए 25,000-50,000 रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। सीबीआईसी ने कहा है कि नए नियमों को एनसीटीसी-पैक्स की मदद से लागू किया जाना है। जनवरी, 2025 से इसे चरणबद्ध तरीके से रोलआउट किया जाएगा। कुछ एयरलाइन संचालकों ने इस पायलट प्रोजेक्ट को लागू करने के अभ्यास में भाग लेने पर सहमति व्यक्त की है। सीमा शुल्क विभाग ने कहा कि पीएनआरजीओवी प्रणाली से यात्रियों से जुड़ी जरूरी सूचनाएं जुटाई जाएंगी। 10 फरवरी, 2025 तक पायलट चरण लागू होने वाला है।
कौन सी सूचनाएं मांग सकते हैं सीमा शुल्क विभाग के अधिकारी
बता दें कि साल 2022 में सरकार ने ‘यात्री नाम रिकॉर्ड सूचना विनियम’ तैयाकर किया था। इसके मुताबिक एयरलाइनों को उड़ान के प्रस्थान से 24 घंटे पहले सभी अंतरराष्ट्रीय यात्रियों का डेटा सीमा शुल्क अधिकारियों के साथ साझा करना होगा। जो जानकारी साझा करनी होगी उसमें यात्री का नाम, बिलिंग / भुगतान जानकारी (क्रेडिट कार्ड नंबर), टिकट जारी करने की तारीख, इच्छित यात्रा, पीएनआर में अन्य यात्रियों के नाम, पीएनआर के लिए यात्रा कार्यक्रम शामिल हैं। इसके अलावा, ईमेल आईडी, मोबाइल नंबर, ट्रैवल एजेंसी का विवरण मांगे जाने पर ये सूचनाएं भी देनी होंगी। बैगेज और कोड शेयर (जब एक एयरलाइन किसी अन्य एयर कैरियर की उड़ान पर सीटें बेचती है) जैसी जानकारी भी साझा करनी होगी।