Home देश-दुनिया पूर्व पीएम के स्मारक पर सियासत: कांग्रेस के आरोप को अश्वनी वैष्णव ने बताया पाखंड; बोले- राजनीति कर रही पार्टी

पूर्व पीएम के स्मारक पर सियासत: कांग्रेस के आरोप को अश्वनी वैष्णव ने बताया पाखंड; बोले- राजनीति कर रही पार्टी

by admin

नई दिल्ली(ए)। पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के निधन पर एक तरह जहां देशभर में शोक की लहर है तो दूसरी ओर राजनीतिक सियासत भी तेज होती हुई दिख रही है। जहां पूर्व पीएम के अंतिम संस्कार को लेकर कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर कई सारे आरोप लगाए, जिसके बाद शनिवार को केंद्रीय मंत्री अश्वनी वैष्णव ने पलटवार करते हुए कांग्रेस के आरोपों को पाखंड बताते हुए पूर्व पीएम के अंतिम संस्कार पर राजनीति करने का आरोप लगाया है।  बता दें कि अश्वनी वैष्णव का ये बयान ऐसे समय में आई है जब कांग्रेस नेताओं ने भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार पर मनमोहन सिंह का अपमान करने का आरोप लगाया है। उनका कहना है कि सिंह का अंतिम संस्कार निगमबोध घाट पर किया गया, जबकि उनके लिए एक स्मारक बनवाया जा सकता था।

कांग्रेस का पाखंड- वैष्णव
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने शनिवार को कहा कि कांग्रेस का पाखंड उजागर हो गया है, क्योंकि पार्टी ने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की अंतिम यात्रा का राजनीतिकरण करने की कोशिश की। एक्स पर कई पोस्ट में वैष्णव ने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि पार्टी ने अपने प्रधानमंत्री के रूप में कार्यकाल के दौरान मनमोहन सिंह को बार-बार नजरअंदाज किया।

सूचना और प्रसारण मंत्री ने कहा कि कांग्रेस का पाखंड सामने आ गया है, क्योंकि उन्होंने डॉ. मनमोहन सिंह जी की अंतिम यात्रा का राजनीतिकरण किया। कांग्रेस ने प्रधानमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान उन्हें बार-बार दरकिनार किया।

पूर्व पीएम नरसिम्हा राव का किया जिक्र
साथ ही वैष्णव ने कहा कि कांग्रेस ने पूर्व प्रधानमंत्री पीवी नरसिम्हा राव को उनकी आर्थिक सुधारों के लिए उचित सम्मान नहीं दिया। उन्हें एआईसीसी मुख्यालय से अंतिम यात्रा करने से भी मना कर दिया गया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि कांग्रेस ने पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को उनके निधन के बाद उचित सम्मान नहीं दिया और भारत रत्न मिलने के बावजूद उनका महत्व कम किया।

वैष्णव ने आगे कहा कि डॉ. मनमोहन सिंह को एक छद्म प्रधानमंत्री बना दिया गया। असली शक्ति श्रीमती गांधी ने राष्ट्रीय सलाहकार परिषद के जरिए संभाली, जिससे हमारे संविधान को कमजोर किया गया। उन्होंने कहा कि सबसे बड़ा अपमान 2013 में हुआ, जब राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री डॉ. सिंह द्वारा अनुमोदित अध्यादेश को सार्वजनिक रूप से फाड़ दिया। यह पाखंड की पराकाष्ठा थी।

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