नई दिल्ली(ए)। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने संविधान के मूल भाव की रक्षा करने की जरूरत पर जोर दिया। इस दौरान उन्होंने पिछले संशोधनों के लिए कांग्रेस की आलोचना की।
केंद्रीय मंत्री गडकरी ने रविवार को अहिल्यांगर जिले के कर्जत जामखेड विधानसभा क्षेत्र में भाजपा उम्मीदवार राम शिंदे के लिए प्रचार किया। इस दौरान सभा को संबोधित करते हुए उन्होंने कांग्रेस पर आपातकाल के दौरान संविधान को कमजोर करने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा, ‘हम किसी को भी डॉ. अंबेडकर द्वारा बनाए गए संविधान को बदलने की इजाजत नहीं देंगे। संविधान का मूल भाव लोकतंत्र, समाजवाद, निष्पक्षता, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और मौलिक अधिकारों में निहित है, और कोई भी इन सिद्धांतों को बदल नहीं सकता है।’ उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक केशवानंद भारती मामले का उदाहरण दिया, जिसमें कोर्ट ने कहा था कि संविधान के मूल सिद्धांतों को नहीं बदला जा सकता, और इस सिद्धांत को हमेशा बरकरार रखा जाएगा।
आपातकाल के दौरान संविधान कमजोर करने का आरोप
गडकरी ने कांग्रेस पर आपातकाल के दौरान संविधान को कमजोर करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘जब इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने इंदिरा गांधी के चुनाव को अवैध घोषित किया, तो कांग्रेस ने आपातकाल लागू किया और संविधान को बदल दिया। बाद में, जब 1977 में जनता पार्टी सत्ता में आई, तो उन्होंने उन बदलावों को सुधारने की कोशिश की, लेकिन कांग्रेस ने सत्ता में लौटने पर उन बदलावों को फिर से उलट दिया। अब वही पार्टी संविधान बदलने का आरोप हम पर लगा रही है।’
कांग्रेस पर मुसलमानों में डर फैलाने का आरोप लगाया
केंद्रीय मंत्री गडकरी ने कांग्रेस पर मुसलमानों में डर फैलाने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस मुसलमानों से कहती है कि भाजपा उन्हें नुकसान पहुंचाएगी, लेकिन अगर आप हमारे कामों को देखें तो आपको समझ में आएगा कि हम सभी के लिए काम करते हैं। हमने उज्ज्वला योजना के तहत 9.5 करोड़ गैस सिलेंडर दिए, आयुष्मान योजना से लाखों परिवारों को स्वास्थ्य सेवाएं मिलीं, और लड़की बहन योजना के तहत माताओं और बहनों को वित्तीय मदद मिली। क्या हमने कभी कहा कि इन योजनाओं में मुसलमानों को शामिल नहीं किया जाएगा?
जातिवाद और सांप्रदायिकता की राजनीति से बचें
केंद्रीय मंत्री ने मतदाताओं से विभाजनकारी राजनीति को नकारने की अपील की। उन्होंने कहा कि हमारी पार्टी का दृष्टिकोण सबके लिए विकास, समर्थन और विश्वास पर आधारित है। हमें जातिवाद और सांप्रदायिकता की राजनीति से बचना चाहिए।
नेताओं के चुनाव करते समय पसंद और कुशलता देखें
अंत में भाजपा नेता गडकरी ने एक उदाहरण देते हुए अपना भाषण समाप्त किया। उन्होंने कहा कि जब हम किसी रेस्तरां में जाते हैं तो हम अपने पसंदीदा खाने का चुनाव करते हैं, न कि मालिक की जाति को देखकर। इसी तरह, जब हम डॉक्टर का चुनाव करते हैं तो हम उसकी जाति या धर्म नहीं, बल्कि उसकी कुशलता को देखते हैं। यही तरीका हमें नेताओं के चुनाव में भी अपनाना चाहिए।