करीब सात घंटे चली सर्जरी दौरान मरीज को होश में रखना जरूरी था। डॉक्टरों को सिर में सुराख कर उस नस तक पहुंचना था जो उनकी अंगुलियों से जुड़ी थी, इसका पता मरीज के गिटार बजाने से ही पता चल पाता। जोसेफ ने कहा, संगीत मेरे लिए जिंदगी है। मैंने छह साल की उम्र में ही गिटार बजाना सीख लिया था। 2004 के बाद मुझे गिटार बजाने में दिक्कत होने लगी। चार साल तक संघर्ष करने के बाद मुझे पहली बार लास एंजिल्स के एक डॉक्टर ने जांच के बाद बताया कि मुझे गिटारिस्ट डिस्टोनिया नामक बीमारी है। आगे कहा कि इसका कोई इलाज नहीं है। लगभग छह साल पहले 2017 में, मेरे दोस्तों ने एक गिटारवादक का वीडियो साझा किया था, जो एक ऐसी स्थिति के लिए सर्जरी करवा रहा था, जो मेरी स्थिति से काफी मिलती-जुलती थी। मैंने अभिषेक से संपर्क साधा। मुझे विश्वास हो गया कि यह इलाज मेरे लिए भी कारगर होगा। लेकिन मैं ब्रेन सर्जरी कराने को लेकर संशय में था। इसलिए मैंने इसे सात साल के लिए टाले रखा। मैंने संगीत उद्योग के कुछ सबसे बड़े नामों के साथ काम किया और वर्ष 2004 तक सब कुछ ठीक चल रहा था। मुझे गिटार बजाने में दिक्कत होने लगी और तभी मेरे लिए दुनिया बिखर गई। जोसेफ ने कहा, मैं उस समय लक्षण का नाम नहीं जानता था। जोसेफ के बाएं हाथ की अनामिका और छोटी उंगली में यह समस्या विकसित हो गई है।
उंगलियाँ अनियंत्रित रूप से उसकी हथेली में घुस जातीं। उसे कोई दर्द नहीं था, कोई सुन्नता नहीं थी, कोई झुनझुनी नहीं थी। हालत खराब हो गई और उन्हें साधारण बुनियादी कॉर्ड बजाने में संघर्ष करना पड़ा और अच्छा गिटार सोलो बजाना एक बड़ी चुनौती बन गई थी।