नईदिल्ली(ए)। केंद्र सरकार ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट बैठक में एक महत्वपूर्ण फैसला लिया। इस बैठक में “प्रधानमंत्री विद्यालक्ष्मी योजना” (PM Vidyalaxmi Scheme) को मंजूरी दे दी गई। यह योजना विशेष रूप से उच्च शिक्षा प्राप्त करने वाले मेधावी छात्रों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए शुरू की गई है। इस योजना का उद्देश्य छात्रों को आर्थिक मदद प्रदान करके उनकी शिक्षा में आ रही वित्तीय बाधाओं को दूर करना है, ताकि वे अपने उच्च शिक्षा के सपनों को पूरा कर सकें।
योजना का मुख्य उद्देश्य और लाभ
PM Vidyalaxmi Scheme का मुख्य उद्देश्य उच्च शिक्षा के क्षेत्र में 22 लाख से अधिक छात्रों को वित्तीय सहायता प्रदान करना है। इसके तहत 7.5 लाख रुपये तक का लोन मुहैया कराया जाएगा, जिसमें सरकार 75% तक क्रेडिट गारंटी प्रदान करेगी। इस लोन से छात्रों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने में आसानी होगी, और वे बिना किसी आर्थिक चिंता के अपने करियर की दिशा में आगे बढ़ सकेंगे। योजना के तहत 8 लाख रुपये तक की सालाना आय वाले परिवारों के बच्चों को इस लोन का लाभ मिलेगा। इन बच्चों को 3% ब्याज सब्सिडी भी दी जाएगी, जिससे उनका लोन और भी सस्ता हो जाएगा। इसके अलावा, छात्रों को 10 लाख रुपये तक का लोन मिलने की संभावना है। यह कदम वित्तीय रूप से कमजोर परिवारों के बच्चों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने के समान अवसर प्रदान करने के लिए उठाया गया है।
4.5 लाख रुपये तक आय वाले छात्रों के लिए ब्याज अनुदान
इस योजना के अंतर्गत 4.5 लाख रुपये तक की सालाना आय वाले परिवारों के बच्चों को पूर्ण ब्याज अनुदान मिलेगा। इसका मतलब है कि ऐसे छात्रों को लोन पर किसी भी प्रकार का ब्याज नहीं चुकाना होगा। यह कदम सरकार द्वारा उठाया गया है ताकि गरीब परिवारों के मेधावी छात्र भी उच्च शिक्षा प्राप्त कर सकें, और वे अपने भविष्य को बेहतर बना सकें।
पीएम विद्यालक्ष्मी योजना के तहत कर्ज की प्रक्रिया
इस योजना के तहत, छात्र बिना किसी गारंटर या जमानत के सीधे बैंकों और वित्तीय संस्थानों से लोन ले सकेंगे। इसका मतलब यह है कि छात्रों को अपने परिवार या किसी तीसरे पक्ष से जमानत लेने की आवश्यकता नहीं होगी। इस फैसले से छात्रों को वित्तीय संस्थानों से लोन प्राप्त करने में कोई कठिनाई नहीं होगी, और वे आसानी से अपनी पढ़ाई के लिए लोन ले सकेंगे। इस योजना के तहत, छात्रों को ना सिर्फ ट्यूशन फीस, बल्कि शिक्षा से संबंधित अन्य खर्च जैसे किताबें, लैपटॉप, कोचिंग फीस, हॉस्टल शुल्क आदि के लिए भी लोन की सुविधा मिलेगी। इससे छात्रों को अपनी पूरी शिक्षा की लागत को कवर करने में मदद मिलेगी, और वे बिना किसी आर्थिक चिंता के अपनी पढ़ाई पर ध्यान केंद्रित कर सकेंगे।
22 लाख छात्रों को मिलेगा फायदा
पीएम विद्यालक्ष्मी योजना के अंतर्गत 860 उच्च शिक्षा संस्थानों में अध्ययन करने वाले 22 लाख से अधिक छात्रों को फायदा मिलेगा। यह योजनाएं विभिन्न शैक्षिक क्षेत्रों जैसे इंजीनियरिंग, मेडिकल, प्रबंधन, विज्ञान, कला, और अन्य प्रोफेशनल कोर्सेज के छात्रों के लिए उपलब्ध होंगी। इन उच्च शिक्षा संस्थानों में देशभर के प्रमुख विश्वविद्यालय और कॉलेज शामिल हैं, जो विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करते हैं।
कैबिनेट बैठक की जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री का बयान
केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने इस फैसले की जानकारी देते हुए बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में इस योजना को मंजूरी दी गई है। उन्होंने कहा कि यह योजना मेधावी छात्रों को वित्तीय सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से बनाई गई है, ताकि वे बिना किसी वित्तीय बाधा के अपनी उच्च शिक्षा जारी रख सकें। मंत्री ने यह भी बताया कि इस योजना के तहत कोई भी छात्र बैंकों और वित्तीय संस्थानों से बिना गारंटर और जमानत के लोन ले सकेगा। इस कदम से छात्रों को शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए जरूरी संसाधन मिलेंगे, और वे अपनी शिक्षा को बेहतर तरीके से पूरा कर सकेंगे।
सरकार का उद्देश्य
इस योजना का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी मेधावी छात्र उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए वित्तीय कारणों से पीछे न छूटे। पीएम विद्यालक्ष्मी योजना से आर्थिक रूप से कमजोर और मध्यमवर्गीय परिवारों के बच्चों को भी बेहतर शिक्षा प्राप्त करने के समान अवसर मिलेंगे। इस योजना से न केवल छात्रों को फायदा होगा, बल्कि यह देश की शिक्षा प्रणाली को भी मजबूती देगा, क्योंकि इससे छात्रों का उच्च शिक्षा में प्रवेश बढ़ेगा और वे आर्थिक रूप से मजबूत होकर समाज में योगदान देंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में यह कदम उठाते हुए सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा सुधार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल की है।
केंद्र सरकार की पीएम विद्यालक्ष्मी योजना छात्रों के लिए एक महत्वपूर्ण पहल साबित हो सकती है। इस योजना के तहत छात्रों को लोन, ब्याज अनुदान, और बिना जमानत के उच्च शिक्षा में प्रवेश का अवसर मिलेगा। 75% क्रेडिट गारंटी और अन्य वित्तीय सहायता से इस योजना का लाभ लाखों छात्रों को मिलेगा, खासकर उन छात्रों को जो अपनी शिक्षा के लिए आर्थिक संकट का सामना कर रहे थे। यह कदम भारतीय शिक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है और इसके दूरगामी लाभ होंगे।