नईदिल्ली (ए)। भारतीय नौसेना के पोत- INSV तारिणी पर सवार होकर लेफ्टिनेंट दिलना के और लेफ्टिनेंट कमांडर रूपा 30 मई को गोवा पहुंचीं। इस दौरान दोनों ने अपने सफल जलयात्रा अभियान ‘नाविका सागर परिक्रमा II’ के रोमांचक अनुभव को साझा किया। उन्होंने बताया कि इस यात्रा के दौरान हमें रास्ते में आए तूफान के चलते मुश्किलों का सामना करना पड़ा। इसके बावजूद भी हमने प्वाइंट निमो पर जाकर तिरंगा फहराने का फैसला किया और हम अपने इस दृढ़ संकल्प को पूरा करने में सफल भी हुए। लेफ्टिनेंट कमांडर दिलना के ने बताया कि यह हमारे लिए बहुत ही गर्व और खुशी का पल था जब हम प्वाइंट निमो पर भारतीय तिरंगा और नौसेना का झंडा फहरा सके। वहां पहुंचने के लिए हमें बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ा, क्योंकि उसी रास्ते में एक तूफान आ रहा था। हमें फैसला करना था कि हम रिकॉर्ड बनाने के लिए प्वाइंट निमो जाएं या तूफान से बचने के लिए रास्ता बदल लें, लेकिन हमने तय किया कि हम प्वाइंट निमो जाएंगे और वहां तिरंगा फहराएंगे।
लेफ्टिनेंट कमांडर दिलना के ने आगे कहा कि हम बहुत खुश हैं कि भारत नारी शक्ति को बढ़ावा देने और महिलाओं को हर चुनौती का सामना करने के लिए ज्यादा मौके दे रहा है। उन्होंने कहा कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने 7 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस से एक दिन पहले वीडियो कॉल पर हमसे वादा किया था। उन्होंने कहा था कि वह हमारी वापसी पर झंडा फहराने आएंगे। कल उन्होंने हमें बताया कि मैंने अपना वादा पूरा किया है। मैं बहुत खुश हूं और गर्व महसूस कर रही हूं कि रक्षा मंत्री खुद आए तारिणी पर झंडा फहराया। यह हमारे लिए बहुत ही सम्मान की बात थी।

लेफ्टिनेंट कमांडर रूपा ने भी जलयात्रा के रोमांच को साझा किया। उन्होंने बताया कि हम प्वाइंट निमो के सटीक निर्देशांक पर गए थे। यह धरती पर सबसे दूरस्थ स्थान है, जिसे समुद्र का सबसे एकांत कोना कहा जाता है। उस विशेष बिंदु से सबसे नजदीकी इंसान अंतरिक्ष स्टेशन में होते हैं।
लेफ्टिनेंट रूपा आगे बताती हैं कि हमें इस यात्रा को पूरा करने में 8 महीने लगे। इन 8 महीनों में हमने बहुत कुछ सीखने और जीवन बदलने वाला अनुभव लिया। यह एक ऐसी यात्रा थी जो हमेशा याद रहेगी। हमने कई मुश्किलों का सामना किया, लेकिन बहुत अच्छे पल भी बिताए। हमारे पास जहाज पर फ्रिज नहीं था, इसलिए हम लंबे समय तक ताजा फल और सब्जियां स्टोर नहीं कर सकते थे। हम ज्यादातर चावल और दाल जैसे भारतीय खाद्य पदार्थ खाते थे, क्योंकि स्टोर करना आसान था।