बोर्ड ने आगे कहा कि जब वक्फ संशोधन विधेयक, 2024 को संसद में प्रस्तुत किया गया तो काफी विरोध हुआ था, इसी कारण इसे जेपीसी के पास भेजा गया। इसीलिए मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड एवं भरोसेमंद मुस्लिम संगठनों की आपत्तियों को गंभीरता से लिया जाना चाहिए और ऐसे लोगों व संगठनों से बचा जाना चाहिए जो वक्फ के मामलों से किसी तरह नहीं जुड़े हैं। कई हितधारकों ने पहले से ही जेपीसी के सामने अपना पक्ष रखने के लिए अनुमति मांगी है, उन्हें बुलाने की तारीख भी तय की जा सकती है। जेपीसी में लोकसभा के 21 और राज्यसभा के 10 सांसदों समेत कुल 31 सदस्य हैं।
पिछली बैठक में टीएमसी नेता ने तोड़ी थी बोतल
बता दें कि इससे पहले 22 अक्टूबर को हुई पिछली बैठक में भाजपा सांसद अभिजीत गंगोपाध्याय और टीएमसी सांसद कल्याण बनर्जी के बीच गरमागरम बहस हुई थी। बैठक में कल्याण बनर्जी ने कथित तौर पर गुस्से में कांच की बोतल फेंक दी थी। बोतल फेंकने की वजह से उनके हाथ में चोट लग गई। जानकारी के मुताबिक, उनके हाथों में चार टांके लगे। इसके बाद कल्याण बनर्जी को एक दिन के लिए बैठक से निष्कासित कर दिया गया था।