नई दिल्ली(ए)। (BRICS Summit 2024 Important Points) वैश्विक कारोबार में अमेरिकी डॉलर की प्रमुखता को कजान से बड़ी चुनौती मिली है। रूस के इस शहर में ब्रिक्स देशों की बैठक के बाद बुधवार देर रात जारी कजान घोषणा-पत्र में कहा गया है कि सदस्य देश अपनी-अपनी मुद्राओं में आपसी कारोबार करने को प्राथमिकता देंगे और इसके जरिये ही आपसी कारोबार बढ़ाएंगे। सम्मेलन में ब्रिक्स देशों के वित्तीय ढांचे को आपस में जोड़ने, अंतरराष्ट्रीय वित्तीय लेन-देन के सेटलमेंट के लिए एक स्वतंत्र व्यवस्था बनाने और एक पुर्नबीमा कंपनी की स्थापना करने का अध्ययन कराने का भी फैसला किया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रूस-यूक्रेन विवाद का समाधान शांतिपूर्ण बातचीत के माध्यम से करने का स्पष्ट रूप से आह्वान किया। उन्होंने ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में कहा, ‘भारत युद्ध का नहीं बल्कि संवाद और कूटनीति का समर्थन करता है।’ अपने संबोधन में मोदी ने युद्ध, आर्थिक अनिश्चितता, जलवायु परिवर्तन और आतंकवाद जैसी चुनौतियों पर चिंता जताई और कहा कि ब्रिक्स विश्व को सही रास्ते पर ले जाने में सकारात्मक भूमिका निभा सकता है। उन्होंने कहा, ‘हम युद्ध का नहीं, बल्कि संवाद और कूटनीति का समर्थन करते हैं। और जिस तरह हम एक साथ मिलकर कोविड जैसी चुनौती से पार पाने में सक्षम हुए, उसी तरह हम भावी पीढ़ियों के वास्ते सुरक्षित, मजबूत और समृद्ध भविष्य सुनिश्चित करने के लिए नए अवसर पैदा करने में निश्चित रूप से सक्षम हैं।’ रूस के कजान शहर में आयोजित 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ’16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के आयोजन के लिए मैं राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन को बधाई देता हूं और इससे जुड़े नई साथियों का एक फिर से स्वागत करता हूं।’ उन्होंने आगे कहा, ‘नए स्वरूप में ब्रिक्स विश्व की 40% मानवता और 30% अर्थव्यवस्था का प्रतिनिधित्व करता है। पिछले लगभग 2 दशकों में ब्रिक्स ने अनेक उपलब्धियां हासिल की हैं। मुझे विश्वास है कि आने वाले समय में यह संगठन वैश्विक चुनौतियों का सामना करने के लिए और अधिक प्रभावी माध्यम बनकर उभरेगा।’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘नए स्वरूप में ब्रिक्स 30 ट्रिलियन डॉलर से अधिक बड़ी अर्थव्यवस्था है। हमारे आर्थिक सहयोग को बढ़ाने में ब्रिक्स व्यापार परिषद और ब्रिक्स महिला व्यापार गठबंधन की विशेष भूमिका रही है। डब्ल्यूटीओ सुधारों, कृषि में व्यापार सुविधा, लचीली आपूर्ति श्रृंखला, ई-कॉमर्स और विशेष आर्थिक क्षेत्रों पर इस वर्ष ब्रिक्स के भीतर बनी सहमति हमारे आर्थिक सहयोग को मजबूत करेगी।’
‘सीमा पार भुगतान से हमारा आर्थिक सहयोग मजबूत होगा’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘सभी ब्रिक्स देशों में इंफ्रास्ट्रक्चर के निर्माण पर विशेष बल दिया जा रहा है। भारत में मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी को तेजी से बढ़ाने के लिए हमने ‘गतिशक्ति’ पोर्टल बनाया है। इससे इन विकासों की एकीकृत योजना और कार्यान्वयन में मदद मिली है और लॉजिस्टिक्स लागत कम हो गई है। हमें अपने अनुभव आप सभी के साथ साझा करने में खुशी होगी। हम ब्रिक्स देशों के बीच वित्तीय एकीकरण बढ़ाने के प्रयासों का स्वागत करते हैं। स्थानीय मुद्रा में व्यापार और आसान सीमा पार भुगतान से हमारा आर्थिक सहयोग मजबूत होगा। भारत की ओर से बनाया गया यूनिफाइड पेमेंट इंटरफ़ेस (UPI) भारत की एक बड़ी सफलता की कहानी है। इसे कई देशों में अपनाया गया है। पिछले साल हमने शेख मोहम्मद के साथ मिलकर इसे यूएई में भी लॉन्च किया था। इसमें अन्य विदेशी देशों के साथ भी सहयोग किया जा सकता है।’
भारत ब्रिक्स के तहत सहयोग बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध: पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, ‘भारत ब्रिक्स के तहत सहयोग बढ़ाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। हमारी विविधता और बहुध्रुवीयता में हमारा विश्वास ही हमारी ताकत है। हमारी यही ताकत, मानवता में हमारा साझा विश्वास, हमारी आने वाली पीढ़ियों के समृद्ध और मजबूत भविष्य को सार्थक आकार देने में मदद करेगा। मैं ब्रिक्स के अगले अध्यक्ष के रूप में ब्राजील के राष्ट्रपति लूला को हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं। भारत आपके ब्रिक्स राष्ट्रपति पद की सफलता के लिए आपको अपना पूरा समर्थन देगा।’