नई दिल्ली(ए)। भारत के घर-घर में अपनी पहचान बनाने के बाद, हमारा यूपीआई सिस्टम अब वैश्विक स्तर पर विस्तार करने जा रहा है। इस दिशा में, अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका के कई देशों के साथ बातचीत की जा रही है। यूपीआई का प्रबंधन करने वाली एनपीसीआई की विदेशी शाखा, एनआईपील ने पेरू और नामीबिया के केंद्रीय बैंकों के साथ एक महत्वपूर्ण समझौता किया है। इस समझौते के तहत, वे यूपीआई जैसा एक भुगतान प्रणाली विकसित करने के लिए मिलकर काम करेंगे।
इससे न केवल भारतीय लोगों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर डिजिटल भुगतान करने में सुविधा मिलेगी, बल्कि ये देश भी अपनी आर्थिक प्रणालियों को डिजिटल बनाने की दिशा में आगे बढ़ सकेंगे। यह कदम यूपीआई की वैश्विक पहुंच को बढ़ाने के साथ-साथ अन्य देशों में डिजिटल भुगतान के विकास को भी प्रेरित करेगा। इस पहल से भारत की तकनीकी क्षमता को भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता मिलेगी और इससे भारतीय फिनटेक कंपनियों के लिए नए अवसर पैदा होंगे। यूपीआई प्रणाली की यह वैश्विक यात्रा निश्चित रूप से भारतीय अर्थव्यवस्था और तकनीकी नवाचार के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगी।
एनआईपील के सीईओ रितेश शुक्ला ने मंगलवार को बताया कि हम अफ्रीका और दक्षिण अमेरिका के कई देशों को यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस का ब्लूप्रिंट देने के लिए तैयार हैं। इसके साथ ही, पेरू और नामीबिया में यूपीआई की लॉन्चिंग 2027 में हो सकती है। एनपीसीआई भारत में रिटेल पेमेंट सिस्टम की रेगुलेटर संस्था है, और यह देश में यूपीआई को संचालित करती है। अगस्त में, यूपीआई के माध्यम से 15 अरब ट्रांजेक्शन हुए हैं।
यूपीआई को विदेशों में पहुंचाने के लिए बनी थी एनआईपील
भारत के यूपीआई को विदेशों में पहुंचाने के लिए एनपीसीआई ने एनआईपील का गठन किया था। एक रिपोर्ट के अनुसार, एनआईपील की इस समय अफ्रीका और साउथ अमेरिका के 20 देशों के साथ यूपीआई को लेकर वार्ता चल रही है। रितेश शुक्ला के अनुसार, पेरू और नामीबिया के सेंट्रल बैंकों के साथ हमारी डील इसी साल की शुरुआत में हो चुकी है। ये बैंक 2026 के अंत तक या 2027 की शुरुआत तक अपना यूपीआई जैसा सिस्टम लॉन्च कर सकते हैं।