नई दिल्ली(ए)। आयुष्मान भारत के तहत 70 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों के इलाज की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए पोर्टल तैयार कराने का काम पूरा कर लिया गया है और जल्द ही उसका ट्रायल शुरु किया जाएगा।
इसके साथ ही नीति आयोग के सदस्य डॉक्टर वीके पाल की अध्यक्षता में गठित विशेषज्ञ डाक्टरों की कमेटी बुजुर्गों के होने वाले बीमारियों और उनके इलाज पर आने वाले खर्च का ब्यौरा जुटाने में लगा है। बीमारियों और उनके इलाज के खर्च का पैकेज तैयार होते ही योजना को लांच कर दिया जाएगा।
- बुजुर्गों को जल्द से जल्द मिलेगा फायदा
आयुष्मान भारत के छह साल पूरे होने पर इसकी उपलब्धियां गिनाते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कैबिनेट के फैसले के मुताबिक बुजुर्गों को जल्द से जल्द इसका इलाज सुलभ कराने पर काम चल रहा है।
उन्होंने उम्मीद जताई कि अगले एक महीने में इसे लांच कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि 70 से अधिक बुजुर्गों के इलाज के लिए बीमा कंपनियां स्वास्थ्य बीमा भी नहीं करती हैं, आयुष्मान भारत के तहत उन्हें नई-पुरानी हर तरह की बीमारी का पांच लाख रुपये सालाना तक मुफ्त और कैशलेस इलाज की सुविधा उपलब्ध हो जाएगी।
एक बार पोर्टल पर बुजुर्ग को अपना पंजीकरण कराने के बाद स्वास्थ्यकर्मी खुद उनका आयुष्मान तैयार कर उन्हें सौंप देंगे। इसके बाद वे पूरे देश में कहीं भी आयुष्मान भारत के तहत पंजीकृत 29 हजार से अधिक निजी और सरकारी अस्पतालों में अपना मुफ्त व कैशलेस इलाज करा सकेंगे।
स्वास्थ्य मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार आयुष्मान भारत के तहत छह सालों में 35.36 करोड़ लोगों को आयुष्मान कार्ड बनाया जा चुका है। इस दौरान अस्पताल में 7.79 करोड़ भर्तियां कर आंखों के आपरेशन से लेकर घुटना बदलने और कैंसर तक का इलाज किया गया है। इन लाभार्थियों को एक लाख सात हजार करोड़ रुपये से अधिक का इलाज मुफ्त उपलब्ध कराया गया है।