नई दिल्ली (ए)। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने स्वास्थ्य विभाग में बड़ी कार्रवाई करते हुए 26 चिकित्सकों की बर्खास्तगी के आदेश जारी किए हैं। यह कार्रवाई उन डॉक्टरों के खिलाफ की गई है जिन्होंने अपनी ड्यूटी में लगातार लापरवाही बरती और अक्सर अनुपस्थित रहते थे। जानकारी के अनुसार, बर्खास्त किए गए चिकित्सक लगातार अपनी ड्यूटी से गैर हाजिर रहते थे, जिससे स्वास्थ्य सेवाओं पर प्रतिकूल असर पड़ा था। यूपी के डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि लापरवाह कर्मचारियों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा।
सरकार की प्राथमिकता, जनता को बेहतर सेवाएं देना
उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में कड़ी कार्रवाई की जाएगी और यह सुनिश्चित किया जाएगा कि उच्च गुणवत्ता की स्वास्थ्य सेवाएं आम जनता को उपलब्ध कराई जाएं। डिप्टी सीएम ने यह भी कहा कि सरकार की प्राथमिकता है कि सभी नागरिकों को बेहतर और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाएं मिलें। इसलिए, स्वास्थ्य विभाग में किसी भी तरह की लापरवाही को सहन नहीं किया जाएगा। बर्खास्त किए गए डॉक्टरों में उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों के चिकित्सक शामिल हैं, जिनमें जालौन, बरेली, मैनपुरी, सिद्धार्थनगर, ललितपुर, और बलिया के डॉक्टर शामिल हैं। इसके अलावा, बस्ती, रायबरेली, मथुरा, फिरोजाबाद, बहराइच, सहारनपुर, और शाहजहांपुर के चिकित्सकों को भी बर्खास्त किया गया है। इसके साथ ही, स्वास्थ्य महानिदेशालय में संयुक्त निदेशक के पद पर तैनात डॉक्टर नीना वर्मा से भी स्पष्टीकरण मांगा गया है। उनकी भूमिका और जिम्मेदारियों की जांच की जाएगी। साथ ही, तीन डॉक्टरों की दो वर्षों के लिए वेतन वृद्धियां रोक दी गई हैं और एक डॉक्टर को परिनिंदा प्रविष्टि (वर्णात्मक नोट) दिया गया है। यह कदम स्वास्थ्य विभाग में अनुशासन और कर्तव्यों के प्रति सख्ती को दर्शाता है।