नई दिल्ली (ए)। युवाओं को पढ़ाई के साथ रोजगार से जोड़ने में जुटी केंद्र सरकार ने शनिवार को इस दिशा में एक और अहम फैसला लिया है। जिसके तहत शोध और नवाचार को बढ़ावा देने के लिए ‘ विज्ञान धारा’ नाम से एक नई स्कीम शुरू करने का ऐलान किया है।
इन छात्रों को मिलेगी इंटर्नशिप
इस दौरान 11 वीं और 12वीं की पढ़ाई कर रहे छात्रों को विज्ञान व तकनीक के क्षेत्र में इंटर्नशिप का मौका मिलेगा, जहां वह शोध और नवाचार से जुड़ी अपनी अभिरुचि को बढ़ा सकेंगे। इस पूरी स्कीम पर अगले पांच सालों में साढ़े दस हजार करोड़ से अधिक खर्च होगा। केंद्रीय कैबिनेट ने शनिवार को इस स्कीम को मंजूरी दी है।
कैबिनेट के फैसलों की जानकारी देते हुए केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि विज्ञान धारा स्कीम के कुल पांच स्तंभ है।
- 11वीं -12वीं में पढ़ने वाले छात्रों को शोध और इनोवेशन के क्षेत्र में इंटर्नशिप प्रदान करना है। स्नातक व परास्नातक स्तर पर फेलोशिप व डॉक्टरेट के और अवसर मुहैया कराना है।
- शोध और इनोवेशन के क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय सहयोग को मजबूती देना है। दुनिया के दूसरे देशों के साथ मिलकर इस क्षेत्र में काम करना भी है।
- संयुक्त शोध व प्रोजेक्ट को ज्यादा से ज्यादा मंजूरी देना है। ताकि देश के वैज्ञानिक यहीं रखकर किसी क्षेत्र में एक साथ मिलकर काम कर सके।
- समाज की जरूरत से जुड़े मुद्दों पर नए-नए शोध और प्रोजेक्ट को शुरू करना।
- शोध को आगे बढ़ाना शामिल है। उन्होंने कहा कि मौजूदा समय में देखने को मिलता है कि शोध तो होता है लेकिन वह जमीन पर नहीं उतर पाता है। इसके चलते लोगों की उसका लाभ नहीं मिल पाता है। ऐसे में इस स्कीम के तहत इस बात की जोर होगा, कि जो शोध कार्य हो उसे जल्द से जल्द लोगों के बीच पहुंचाया जाए।
बायोटेक्नोलॉजी को मजबूती देने सरकार लाएगी नई नीति
बायोटेक्नोलॉजी के क्षेत्र में बड़ी संभावना को देखते हुए कैबिनेट ने शनिवार को बायो-ईथ्री (बायोटेक्नालॉजी फॉर इकोनामी, इनवायरमेंट और इंप्लॉयमेंट) नीति लाने का ऐलान किया है। जो सरकार की नेट जीरो और पर्यावरण के अनुकूल जीवन शैली जैसी पहलों को मजबूती देने का काम करेगी।
इसके साथ ही बायोटेक्नोलॉजी के क्षेत्र में शोध और अनुसंधान के लिए भी नए द्वार खोलेगी, जिसमें न सिर्फ एक नई अर्थव्यवस्था खड़ी होगी बल्कि लोगों को रोजगार के नए अवसर भी मिलेंगे। नीति का जिन क्षेत्रों पर मुख्य रूप से फोकस होगा, उनमें खाद्य, कृषि, चिकित्सा, समुद्र , अंतरिक्ष और ऊर्जा क्षेत्र शामिल है।