ई दिल्ली(ए)। हिंडनबर्ग की नई रिपोर्ट आने के बीच अदाणी समूह की 10 सूचीबद्ध कंपनियों में से आठ कंपनियों के शेयर सोमवार को गिरावट के साथ बंद हुए। इस गिरावट के बीच समूह की कंपनियों का बाजार मूल्यांकन सामूहिक रूप से 22,064 करोड़ रुपये घट गया। समूह की कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण 17 लाख करोड़ रुपये है। अमेरिकी शोध एवं निवेश फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च ने शनिवार को जारी एक रिपोर्ट में अदाणी समूह के साथ बाजार नियामक सेबी की प्रमुख माधवी पुरी बुच पर भी कई आरोप लगाए हैं।
इस रिपोर्ट के असर में शुरुआती कारोबार में समूह की कंपनियों के शेयर गिरावट के साथ कारोबार कर रहे थे। लेकिन कुछ समय बाद काफी हद तक गिरावट कम हो गई। बीएसई पर कारोबार के अंत में अदाणी विल्मर का शेयर 4.14 प्रतिशत, अदाणी टोटल गैस का 3.88 प्रतिशत, अदाणी एनर्जी सॉल्यूशंस का 3.70 प्रतिशत, एनडीटीवी का 3.08 प्रतिशत, अदाणी पोर्ट्स का 2.02 प्रतिशत, अदाणी एंटरप्राइजेज का 1.09 प्रतिशत, एसीसी का 0.97 प्रतिशत और अदाणी पावर का 0.65 प्रतिशत गिरा।
हालांकि, समूह की कंपनी अंबुजा सीमेंट्स का शेयर 0.55 प्रतिशत और अदाणी ग्रीन एनर्जी का शेयर 0.22 प्रतिशत चढ़कर बंद हुआ। कारोबार के दौरान एक समय अदाणी एनर्जी सॉल्यूशंस का शेयर 17 प्रतिशत, अदाणी टोटल गैस का 13.39 प्रतिशत, एनडीटीवी का 11 प्रतिशत और अदाणी पावर का 10.94 प्रतिशत लुढ़क गया था। अदाणी ग्रीन एनर्जी के शेयर में 6.96 प्रतिशत, अदाणी विल्मर में 6.49 प्रतिशत, अदाणी एंटरप्राइजेज में 5.43 प्रतिशत, अदाणी पोर्ट्स में 4.95 प्रतिशत, अंबुजा सीमेंट्स में 2.53 प्रतिशत और एसीसी में 2.42 प्रतिशत की गिरावट आई थी। हिंडनबर्ग ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और उनके पति धबल बुच ने बरमूडा तथा मॉरीशस में अस्पष्ट विदेशी कोषों में अघोषित निवेश किया था।
उसने कहा कि ये वही कोष हैं जिनका कथित तौर पर विनोद अदाणी ने पैसों की हेराफेरी करने तथा समूह की कंपनियों के शेयरों की कीमतें बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया था। विनोद अदाणी, अदाणी समूह के चेयरपर्सन गौतम अदाणी के बड़े भाई हैं। अदाणी समूह ने सेबी प्रमुख के साथ किसी भी तरह के वाणिज्यिक लेन-देन से इनकार किया है। संपत्ति प्रबंधन इकाई 360वन (जिसे पहले आईआईएफएल वेल्थ मैनेजमेंट कहा जाता था) ने अलग से बयान में कहा कि बुच तथा उनके पति धवल बुच का आईपीई-प्लस फंड 1 में निवेश कुल निवेश का 1.5 प्रतिशत से भी कम था और उसने अदाणी समूह के शेयरों में कोई निवेश नहीं किया था।