नई दिल्ली(ए)। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार को विपक्ष पर पलटवार करते हुए कहा कि स्वास्थ्य बीमा पर माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की व्यवस्था लागू होने से पहले से कर लगता था और उन्हें इस बारे में अपनी पार्टी के शासन वाले राज्यों के वित्त मंत्रियों के समक्ष विरोध दर्ज कराना चाहिए। अनेक विपक्षी सदस्यों ने वित्त विधेयक पर चर्चा में भाग लेते हुए स्वास्थ्य बीमा और जीवन बीमा के प्रीमियम पर लगने वाली 18 प्रतिशत की जीएसटी खत्म करने का आग्रह किया था।
वित्त विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए सीतारमण ने कहा, ‘‘मेडिकल बीमा के प्रीमियम पर जीएसटी आने से पहले कर है…यह नया विषय नहीं आया है। पहले भी हर राज्य में मेडिकल बीमा पर कर लगता था।” उन्होंने विपक्षी सदस्यों से सवाल किया, ‘‘क्या आपने अपने राज्य में कहा कि कर हटाओ? जीएसटी परिषद में शामिल अपने राज्यों के वित्त मंत्रियों को पत्र लिखा?” वित्त मंत्री ने कहा कि इस मामले पर विपक्ष दोहरा मापदंड अपना रहा है।
उन्होंने कहा, ‘‘जीएसटी परिषद की बैठक में कांग्रेस शासित राज्यों के वित्त मंत्री भाग लेते हैं, आम आदमी पार्टी और तृणमूल कांग्रेस के शासन वाले राज्यों के वित्त मंत्री शामिल होते हैं।” सीतारमण ने कहा कि विपक्षी सदस्यों को अपनी पार्टी के शासन वाले राज्य के वित्त मंत्री के समक्ष विरोध प्रदर्शन करना चाहिए। उन्होंने विपक्ष को आड़े हाथ लेते हुए कहा, ‘‘राजनीतिक रोटी सेंकने वालों को इस बारे में सोचना चाहिए।” वित्त मंत्री का कहना था, ‘‘स्वास्थ्य बीमा पर 18 प्रतिशत जीएसटी है। इसमें नौ प्रतिशत राज्यों के पास जाता है। बाद में जो केंद्र के पास आता है उसमें से भी एक हिस्सा राज्यों को जाता है। मतलब यह कि 100 रुपये में 74 रुपये राज्यों को चला जाता है।”