नईदिल्ली (ए)। टेलीकॉम कंपनियों ने टैरिफ में इजाफा कर जनका को बड़ा झटका दिया है, लेकिन एक महीने के बाद टेलीकॉम रेगुलेटर ट्राई ने मोबाइल यूजर्स की मौज करा दी है। ट्राई ने नई सर्विस क्वालिटी स्टैंडर्ड को जारी किया है। जिसमें रेगुलेटर ने टेलीकॉम कंपनियों को जिला लेवल पर 24 घंटे से अधिक समय तक सर्विस बाधित रहने पर कस्टमर्स को मुआवजा देने का प्रावधान किया गया है। अगर कोई कंपनी स्टैंडर्ड को पूरा नहीं करती है तो उस लगने वाले फाइन को भी डबल कर दिया गया है।
Companies will give compensation if network is not available for 24 hours : टेलीकॉम कंपनियों ने कहा है कि अगर किसी भी कंपनी की सर्विस 24 घंटे से ज्यादा बाधित रहती है या यूं कहें कि नेटवर्क नहीं आता है तो उस कंपनी को कस्टमर को मुआवजा देना होगा। भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने नए नियमों के तहत प्रत्येक क्वालिटी स्टैंडर्ड को पूरा करने में विफल रहने पर दंडात्मक राशि को 50,000 रुपए से बढ़ाकर एक लाख रुपए कर दिया है।
नियामक ने संशोधित नियमों ”पहुंच (वायरलाइन और वायरलेस) और ब्रॉडबैंड (वायरलाइन और वायरलेस) सेवा गुणवत्ता मानक विनियम, 2024” के तहत नियम उल्लंघन के विभिन्न पैमानों के लिए एक लाख रुपए, दो लाख रुपए, पांच लाख रुपए और 10 लाख रुपए की श्रेणीबद्ध जुर्माना प्रणाली शुरू की है। नए मानदंड तीन अलग-अलग विनियमों – बेसिक तथा सेल्युलर मोबाइल सेवाओं, ब्रॉडबैंड सेवाओं, और ब्रॉडबैंड वायरलेस सेवाओं के लिए सेवा की गुणवत्ता का स्थान लेते हैं।
नए नियमों के मुताबिक, किसी जिले में नेटवर्क बाधित होने की स्थिति में दूरसंचार परिचालकों को पोस्टपेड ग्राहकों के लिए किराए में छूट देनी होगी। जबकि प्रीपेड ग्राहकों के लिए कनेक्शन की वैधता बढ़ानी होगी। ट्राई ने कहा कि यदि कोई ऐसी नेटवर्क गतिरोध 24 घंटे से अधिक समय तक जारी रहता है, तो सेवा प्रोवाइडर अगले बिल में उसे जिले के रजिस्टर्ड ग्राहकों को छूट देगा। नियामक किराये में छूट या वैधता के विस्तार की गणना के लिए कैलेंडर दिवस में 12 घंटे से अधिक की नेटवर्क बाधा अवधि को एक पूर्ण दिन के रूप में गिनेगा। हालांकि, प्राकृतिक आपदा के कारण दूरसंचार सेवाएं बाधित होने की स्थिति में यह राहत नहीं मिलेगी।