Home देश-दुनिया लोकसभा से पास हुआ Budget 2024, 27 घंटे तक हुई चर्चा, 125 सांसदों ने लिया हिस्सा

लोकसभा से पास हुआ Budget 2024, 27 घंटे तक हुई चर्चा, 125 सांसदों ने लिया हिस्सा

by admin

नई दिल्ली (ए)।  वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए पेश किया गया 48.21 लाख करोड़ का बजट मंगलवार को लोकसभा से पास हो गया। इससे पहले बजट 2024 (Budget 2024) पर करीब 27 घंटे से अधिक चर्चा हुई। इसमें 125 सदस्यों ने भाग लिया। बजट पर चर्चा के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी नौंकझौंक भी देखने को मिली। एक तरफ विपक्ष ने सरकार पर आरोप लगाया कि दो राज्यों के सिवाय बजट में किसी अन्य राज्य को कुछ नहीं दिया गया। चर्चा का जवाब देते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विपक्ष पर जमकर निशाना साधा।
सीतारमण ने महंगाई, किसानों के मुद्दे, अग्निवीर और एससी/एसटी समेत राज्यों को लेकर हुई तीखी बहस पर पलटवार करते हुए यूपीए सरकार के दौर को याद किया। इतना ही नहीं विपक्ष के नेता राहुल गांधी द्वारा हलवा सेरेमनी को लेकर उठाए गए सवाल पर भी कांग्रेस को जमकर कोसा। सीतारमण ने तुलनात्मक आंकड़ों को प्रस्तुत करते हुए कहा कि महंगाई पर नियंत्रण हो या राजकोषीय घाटे में कमी, पूंजीगत खर्च हो या रोजगार सृजन, क्षेत्र में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार का प्रदर्शन कांग्रेस नीत सरकारों से बेहतर रहा है। उन्होंने कहा कि बजट भाषण में किसी राज्य के नाम का उल्लेख नहीं हो पाने का अर्थ यह नहीं है कि उसके लिए बजट में कुछ दिया ही नहीं गया है।

वित्त मंत्री ने 2009-10 के बजट भाषण का उल्लेख करते हुए कहा कि उसमें 26 राज्यों का नाम नहीं लिया गया था। वित्त मंत्री अग्निवीर योजना और देश के उद्यमियों पर विपक्ष के नेता राहुल गांधी के नेतृत्व में विपक्षी सदस्यों द्वारा किए जा रहे हमलों को किसी ‘षडयंत्र’ का हिस्सा बताते हुए कहा कि सेना की ताकत उसकी एकता और अनुशासन है, लेकिन विपक्ष अग्निवीर योजना पर जिस तरह लगातार बेबुनियाद हमला कर उसे कमजोर करने का प्रयास कर रहा है वह खेदजनक है और किन्हीं ताकतों का हिस्सा लगता है।
वित्त मंत्री ने कहा कि बजट बनाने जैसे शुभ कार्य से पहले अधिकारियों द्वारा हलवा बनाकर एक दूसरे का मुंह मीठा किए जाने की इस परंपरा में शामिल अधिकारियों की जाति को पूछना इस मधुर परंपरा की भावना को आहत करना है। उन्होंने पंडित जवाहर लाल नेहरू से लेकर राजीव गांधी तक कांग्रेस के नेताओं द्वारा सरकारी भर्तियों और प्रोन्नतियों में आरक्षण और ओबीसी आरक्षण के विरोध और उपेक्षा को लेकर उनके वक्तव्यों का उद्धरण दिया और पूछा कि यदि कांग्रेस ने ओबीसी आरक्षण की उपेक्षा न की होती तो आज उसे यह नहीं कहने का मौका मिलता सचिव के स्तर पर ओबीसी अधिकारियों का प्रतिनिधित्व कम है। उन्होंने सदन में इस बार के हलवा समारोह का फोटो लहराने के विपक्ष के नेता के प्रयास की निंदा करते हुए कहा कि उन्हें जान लेना चाहिए कि यह समारोह फोटो इवेंट (इसकी फोटो खिचवाने की शुरुआत) 2013-14 में हुआ जबकि उस समय के वित्तमंत्री उस कोठरी में हलवा बंटवाने गये थे जहां बजट छपाई में लगे अधिकारी कुछ समय के लिए बाहर की दुनिया से अलग थलग होकर काम करते हैं।

राजीव गांधी फाउंडेशन में कितने SC/ST के लोग
सीतारमण ने राजीव गांधी न्यास और राजीव गांधी चेरिटेबल ट्रस्ट के पदाधिकारियों के नामों का उल्लेख किए बिना विपक्ष में कांग्रेस बताए कि इस सूची में कितने अनुसूचित जाति तथा जनजाति के कितने पदाधिकारी रखे गये हैं। उन्होंने कहा ‘‘त्याग की शुरुआत खुद से होना चाहिए। अध्यक्ष ओम बिरला ने बजट चर्चा में हिस्सा लेने वाले और लिखित भाषण प्रस्तुत करने वाले सदस्यों तथा चर्चा का जवाब देने के लिए वित्तमंत्री का आभार व्यक्त किया और कहा कि बजट पर चर्चा 27 घंटे से अधिक चली जिसमें 126 सदस्यों ने हिस्सा लिया और 58 सदस्यों ने अपने लिखत भाषण पटल पर रखे। चर्चा में भाग लेने वाले 40 सदस्यों ने सदन में पहला भाषण दिया। बिरला ने सदस्यों से आशा की कि वे सदन की मर्यादा का पालन करते हुए भारतीय लोकतंत्र को और मजबूत करने में योगदान करेंगे।

अनुराग के निशाने पर गांधी परिवार
लोकसभा में मंगलवार को अनुराग ठाकुर, राहुल गांधी और अखिलेश यादव के बीच तीखी नौंकझौंक देखने को मिली। अनुराग ठाकुर ने बजट चर्चा में हिस्सा लेते हुए गांधी परिवार को आड़े हाथ लेते हुए कांग्रेस के पहले चक्रव्यूह ने देश का विभाजन कराया, दूसरे चक्रव्यूह ने चीनियों को सौगात दी, तीसरे चक्रव्यूह ने देश में आपातकाल लगाया, चौथे चक्रव्यूह ने ‘बोफोर्स’ घोटाला और सिखों का नरसंहार किया, पांचवें चक्रव्यूह ने सनातन के खिलाफ विमर्श गढ़ा, छठे चक्रव्यूह ने देश की राजनीति, संस्कृति और परंपरा को नुकसान पहुंचाया। ठाकुर ने कहा कि सातवें चक्रव्यूह का नाम वह नहीं लेंगे। उन्होंने कटाक्ष किया, ‘‘इस उपन्यास के बारे में राहुल जी को पता चलेगा तो कहीं वे थरूर पर कार्रवाई न कर दें।”
भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि कांग्रेस के लिए ओबीसी का मतलब ‘ओनली फॉर ब्रदर इन लॉ कमीशन’ है। उन्होंने दावा किया, ‘‘वह ‘लीडर ऑफ अपोजिशन’ का मतलब नहीं जानते हैं। एलओपी का मतलब लीडर ऑफ प्रोपेगैंडा नहीं होता है।” उन्होंने दावा किया कि कांगेस से जुड़े एक पूर्व प्रधानमंत्री ने ओबीसी को आरक्षण देने का विरोध किया था। ठाकुर ने बजट की सराहना करते हुए कहा कि यह केवल केंद्रीय बजट नहीं, बल्कि जनभावनाओं का बजट है।

Share with your Friends

Related Posts