नई दिल्ली (ए)। यदि सेहतमंद लोग रोजाना मल्टीविटामिन खा रहे हैं तो इसका अर्थ यह नहीं है कि वे दीर्घायु होंगे। अमेरिका में करीब दो दशक तक चार लाख लोगों पर किए गए अध्ययन के बाद यह सामने आया है। साथ ही यह भी पता चला कि महिलाओं में इसका प्रयोग बढ़ रहा है।
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (एनआईएच) के अध्ययन के मुताबिक, लंबे समय तक रोजाना मल्टीविटामिन लेने से भी स्वस्थ वयस्कों में जल्दी मृत्यु का जोखिम कम नहीं होता है। यह अध्ययन जामा नेटवर्क ओपेन में प्रकाशित हुआ है। शोधकर्ताओं के अनुसार, अमेरिका में 33 फीसदी स्वस्थ वयस्क रोजाना मल्टीविटामिन का इस्तेमाल करते हैं। उनका मानना है कि इससे न सिर्फ उनका स्वास्थ्य बेहतर रहेगा, बल्कि वे अन्य बीमारियों से भी बचे रहेंगे। इससे उन्हें लंबा और स्वस्थ जीवन हासिल होगा।
हालांकि, अब तक किए गए अध्ययनों में इस बात के कोई सबूत नहीं मिले हैं। मल्टीविटामिन उन लोगों के लिए जरूर लाभप्रद है, जिनमें किसी तरह के पोषण विशेष की कमी है। इस अध्ययन में मल्टीविटामिन का प्रयोग और गंभीर बीमारी खासतौर से कार्डियावैस्कुलर डिजीज या कैंसर से होने वाली मृत्यु के बीच संबंध को समझने की कोशिश की गई।
प्रतिभागियों की दो दशक तक निगरानी
शोधार्थियों ने प्रतिभागियों को तीन समूह में बांटा। पहला, जिसने मल्टीविटामिन का प्रयोग कभी नहीं किया, दूसरे ने कभी-कभी किया और तीसरे ने रोजाना। अध्ययनकर्ताओं ने प्रतिभागियों की दो दशक तक निगरानी की और कुछ पर तो 27 वर्षों तक नजर रखी। अध्ययन के दौरान 1,64,762 प्रतिभागियों की मौत हो गई। इनमें 30 फीसदी की कैंसर, 21 फीसदी की हृदय रोग और छह फीसदी की मस्तिष्क संबंधी बीमारी के कारण मौत हुई।
जिनमें पोषण की कमी उनके लिए फायदेमंद…
अध्ययन में सामने आया कि ऐसे स्वस्थ वयस्क जो आहार के जरिये पर्याप्त पोषण ले रहे हैं उन्हें रोजाना मल्टीविटामिन लेने का कोई फायदा नहीं है, बल्कि ऐसे लोग जो किसी खास तरह की पोषण की कमी या आयु संबंधी परेशानी का सामना कर रहे हैं उनके लिए रोजाना इसका इस्तेमाल फायदेमंद हो सकता है।