नई दिल्ली (ए)। ट्रेनों में कन्फर्म सीट नहीं मिलने को लेकर यात्रियों को सबसे ज्यादा परेशान होना पड़ता है। ऐसे में भारतीय रेलवे ऐसा प्लान तैयार किया है जिससे आने वाले दो सालों में ट्रेनों में वेटिंग टिकट का झंझट ही खत्म हो जाएगा। लंबी छुट्टियां हो या फिर कोई त्योहार ऐसे में यात्रियों को रिजर्वेशन और सीट मिलेगी। इसका सबसे ज्यादा फायदा नॉन एसी कोच में चलने वाले यात्रियों को होगा। क्योंकि आज भी सबसे ज्यादा लोग स्लीपर और जनरल डिब्बे में ही सफर करते हैं। इसी बात को ध्यान में रखते हुए रेलवे ने यह प्लान बनाया है। दरअसल, भारत में रोजाना 2 करोड़ से ज्यादा लोग ट्रेनों में सफर करते हैं। लेकिन त्योहारों और छुट्टियों के दिनों यह भीड़ दोगुनी हो जाती है। ऐसे में ट्रेनों में वेटिंग लिस्ट बहुत बढ़ जाती है। इसके अलावा सामान्य दिनों में भी ट्रेनों में वेटिंग लिस्ट बनी रहती है। इसलिए रेलवे ने 2026 तक 10 हजार नॉन एसी कोच यानी स्लीपर कोच बनाने का फैसला किया है। साथ ही 5000 जनरल डिब्बे भी ट्रेनों में लगाए जाएंगे। इससे यात्रियों को सहूलियत होगी और वेटिंग टिकट की परेशानी भी खत्म हो सकेगी। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि नए कोच बनाने का पीछे का मकसद केवल एक ही है कि आम लोगों को ट्रेनों में कन्फर्म सीट मिले और उनकी यात्रा आरामदायक हो सके। आने वाले दो साल में एसी और नॉन एसी कोचों की कुल संख्या में 22 फीसदी की वृद्धि की जाएंगी। भारतीय रेलवे को चालू वित्त वर्ष 2024-25 में 4,485 नॉन एसी कोच तैयार करने का प्लान है। अगले वित्त वर्ष 2025-26 में भी 5,444 नॉन एसी कोच बनाए जाएंगे। कोचों को जोड़ने के बाद ट्रेनों में 72,000 सीटों की संख्या बढ़ जाएगी, जिससे वेटिंग टिकट की समस्या भी खत्म हो सकती है। इसके अलावा रेलवे ने 5,300 जनरल कोच लगाने की भी तैयारी कर ली है। इसका फायदा बिना रिजर्वेशन चलने वालों को यात्रियों को होगा।
दो साल में खत्म हो जाएगी वेटिंग की समस्या! यात्रियों को सीट देने के लिए रेलवे का ये है प्लान
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