नई दिल्ली (ए)। लोकसभा चुनाव के महासमर के बाद बुधवार को पंजाब, हिमाचल, बिहार, मध्य प्रदेश, बंगाल, उत्तराखंड और तमिलनाडु में विधानसभा उपचुनाव में मतदान होगा। इसमें पंजाब की जालंधर वेस्ट और बिहार की रूपौली सीट का मुकाबला काफी अहम माना जा रहा है। पंजाब में जहां मुख्यमंत्री भगवंत मान ने उपचुनाव के लिए जालंधर में किराए पर मकान लेकर वहीं अस्थायी ठिकाना बनाया है जबकि रूपौली सीट पर बिहार के सीएम नीतीश कुमार की भविष्यवाणी और विपक्षी दल राजद के नए समीकरण के बीच सीधा मुकाबला है।
तमिलनाडु की विक्रवंडी सीट पर सत्ताधारी डीएमके और एनडीए की सहयोगी पीएमके के बीच मुकाबला है। मतगणना 13 जुलाई को होगी।
जदयू के पास थी रूपौली सीट
पूर्णिया जिले की रूपौली विधानसभा सीट जदयू के पास थी, किंतु पूर्णिया से राजद से लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए विधायक बीमा भारती के इस्तीफे के बाद यह खाली हो गई। वह निर्दलीय राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव से चुनाव हार गईं।
राजद के लिए बीमा भारती के सीट छोड़ते समय नीतीश कुमार ने भविष्यवाणी की थी कि जदयू से अलग होने के बाद वह विधानसभा चुनाव नहीं जीत सकती हैं। भारती के सामने कलाधर मंडल हैं। सरकार और राजद ने पूरी ताकत चुनाव में लगाई है।
भाजपा की कड़ी परीक्षा
बंगाल में बागदा, राणाघाट दक्षिण, मानिकतला व रायगंज विस सीटों पर कड़ी सुरक्षा में वोट पड़ेंगे। भाजपा की कड़ी परीक्षा है क्योंकि वर्ष 2021 में उसने राणाघाट दक्षिण, बागदा व रायगंज सीटें जीती थीं। मानिकतला सीट पर तृणमूल जीती थी। बागदा में तृणमूल से मधुपर्णा ठाकुर, भाजपा से बिनय कुमार बिश्वास ताल ठोक रहे हैं। यह मतुआ बहुल सीट है। रायगंज में तृणमूल से कृष्ण कल्याणी, भाजपा से मानस कुमार घोष, मानिकतला में तृणमूल से सुप्ति पांडे, भाजपा से कल्याण चौबे व राणाघाट दक्षिण में तृणमूल से मुकुट मणि अधिकारी और भाजपा से मनोज कुमार बिश्वास के बीच मुख्य मुकाबला है।
दिग्गजों की प्रतिष्ठा दांव पर
हिमाचल के राज्यसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी हर्ष महाजन के पक्ष में मतदान करने वाले तीन निर्दलीय विधायकों देहरा से होशियार सिंह, हमीरपुर से आशीष शर्मा व नालागढ़ से केएल ठाकुर के त्यागपत्र के कारण इन सीटों पर उपचुनाव हो रहा है। भाजपा ने इन तीनों को प्रत्याशी बनाया है। मु
ख्यमंत्री सुक्खू की पत्नी कमलेश देहरा से मैदान में हैं। हमीरपुर से कांग्रेस के डा. पुष्पेंद्र वर्मा प्रत्याशी हैं। नालागढ़ से कांग्रेस के हरदीप सिंह बावा और भाजपा के विद्रोही हरप्रीत सैनी भी मैदान में हैं। भाजपा तीनों सीटें जीत जाती है तो भी सरकार पर किसी तरह का संकट नहीं है। 68 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस के पास 38, भाजपा के पास 27 सीटें हैं।
छिंदवाड़ा में वापसी की कोशिश में कांग्रेस
कांग्रेस विधायक कमलेश शाह के विधानसभा सदस्यता से त्यागपत्र देने के बाद अमरवाड़ा सीट पर उपचुनाव के परिणाम से तय हो जाएगा कि छिंदवाड़ा जिले में कांग्रेस वापसी करेगी या फिर झटका लगेगा। कमलेश शाह अब यहां से भाजपा प्रत्याशी हैं और कांग्रेस ने धीरन शाह को प्रत्याशी बनाया है।
पिछले दो विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने जिले की सभी सातों विधानसभा सीटों पर जीत हासिल की थी, लेकिन लोकसभा चुनाव में पार्टी प्रत्याशी नकुल नाथ को क्षेत्र की सभी विधानसभा सीटों पर हार मिली। पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ से लेकर पार्टी के सभी बड़े नेताओं ने उपचुनाव में प्रचार किया है।