नई दिल्ली(ए)। समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने लोकसभा चुनाव के ‘एग्जिट पोल’ (चुनाव बाद सर्वेक्षण) को ‘भाजपाई एग्जिट पोल’ करार देते हुए रविवार को कहा कि ‘‘घपला” करने की गुंजाइश बनाने के लिए की गई इस कवायद के जरिए जनमत को धोखा दिया जा रहा है। यादव ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कहा, ” ‘एग्जिट पोल’ का क्रम समझिए- विपक्ष ने पहले ही घोषित कर दिया था कि ‘भाजपाई मीडिया’ भाजपा को 300 पार दिखाएगा, ताकि घपला करने की गुंजाइश बन सके। आज का ये ‘भाजपाई एग्जिट पोल’ कई महीने पहले ही तैयार कर लिया गया था। इसे चैनलों ने बस आज चलाया है।” उन्होंने आरोप लगाया कि इस ‘एग्जिट पोल’ के माध्यम से जनमत को धोखा दिया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि इस ‘एग्जिट पोल’ को आधार बनाकर भाजपाई सोमवार को खुलने वाले शेयर बाजार से जाते-जाते लाभ उठाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा नेता यह बात समझ रहे हैं कि पूरे देश का परिणाम चंडीगढ़ के महापौर पद के चुनाव की तरह बदला नहीं जा सकता क्योंकि इस बार विपक्ष पूरी तरह से सजग है और जनाक्रोश भी चरम पर है। अखिलेश ने कहा, ‘‘भाजपा से मिले हुए भ्रष्ट अधिकारी भी उच्चतम न्यायालय की सक्रियता देखकर धांधली करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे। साथ ही वे जनता के क्रोध का भी शिकार नहीं होना चाहते।”
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘ ‘इंडिया’ (इंडियन नेशनल डेवलेपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस) गठबंधन के सभी कार्यकर्ता, पदाधिकारी और प्रत्याशी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) की निगरानी में एक प्रतिशत भी चूक न करें। ‘इंडिया’ गठबंधन जीत रहा है इसलिए चौकन्ने रहकर मतगणना कराएं और जीत का प्रमाणपत्र लेकर ही विजय का उत्सव मनाएं।” उन्होंने साथ ही कहा कि ‘एग्जिट पोल’ का आधार ईवीएम नहीं डीएम (जिलाधिकारी) है। उन्होंने कहा, ‘‘प्रशासन याद रखे कि जनशक्ति से बड़ा बल और कोई नहीं होता”
रविवार की शाम को सपा प्रमुख यादव ने ‘एक्स’ पर अपने दूसरे पोस्ट में कहा ”चुनाव का नतीजा ‘मतगणना’ से आएगा, ‘मनगणना’ से नहीं! ‘मन की बात’ चुनाव पर लागू नहीं होती, वहां ‘जन की बात’ चलती है और जब जागरुक जनता चौकन्नी होती है तो किसी की भी मनमानी नहीं चलती है।” यादव ने सिलसिलेवार पोस्ट में कहा ”जो बेचारे सत्ता के दबाव में टीवी के स्क्रीन पर झूठे आंकड़े देने को मजबूर हैं वो भी अकेले में दबी जुबान में कह रहे हैं कि भाजपा हार रही है।
ये विवश लोग चार जून को सही नतीजे आने पर जनता को मुंह दिखा सकें, इसीलिए ये कह रहे हैं कि 13 महत्वपूर्ण राज्यों में कड़ी टक्कर, बाकी राज्यों में तो भाजपा की उपस्थिति वैसे भी शून्य के बराबर है।” लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण का मतदान संपन्न होने के बाद आए कई एग्जिट पोल (चुनाव बाद सर्वेक्षण) के नतीजों में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) को प्रचंड बहुमत मिलने का अनुमान लगाया गया है।