Home देश-दुनिया झुलस रहे उत्तर भारत को दो दिन में मिलेगी राहत, जानिए दिल्ली-यूपी समेत इन राज्यों में कब होगी झमाझम बरसात

झुलस रहे उत्तर भारत को दो दिन में मिलेगी राहत, जानिए दिल्ली-यूपी समेत इन राज्यों में कब होगी झमाझम बरसात

by admin

नई दिल्ली(ए)। केरल में मानसून के आगमन से पहले पूर्वोत्तर को भारी बारिश और उत्तर भारत के पांच राज्यों को प्रचंड गर्मी ने चपेट में ले रखा है। पश्चिमी राजस्थान और दिल्ली में तो एक तरह से आसमान से आग बरस रही है। मंगलवार को चार दर्जन से अधिक स्थानों का अधिकतम तापमान 45 डिग्री से ऊपर दर्ज किया गया। राजस्थान के चूरू का तापमान सबसे ज्यादा 50.5 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच चुका है। दिल्ली भी पीछे नहीं रही। यहां भी मंगेशपुर एवं नरेला का अधिकतम तापमान 49.9 डिग्री पर पहुंच गया।

गर्मी से झुलस रहे उत्तर-पश्चिम

भारत के लिए राहत की खबर यह है कि अरब सागर में चक्रवात की स्थिति बन रही है। इससे हवा की दिशा और दशा बदलने वाली है। अगले दो से तीन दिनों के भीतर उत्तर-पश्चिम से पूर्व की ओर हवा चलने लगेगी, जिससे अधिकतम तापमान में कमी आएगी। एक से दो जून के बीच बारिश भी होगी। हालांकि वर्षा की मात्रा और व्यापकता ज्यादा नहीं होगी, फिर भी तपती धरती को शीतलता का अहसास हो सकता है।

मौसम विभाग का मानना है कि पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश में मंगलवार को भी हीटवेव (लू) की स्थिति रही, लेकिन बुधवार से स्थिति में सुधार शुरू हो जाएगा। थोड़ी राहत कल से ही मिलनी शुरू हो जाएगी। 31 मई तक तापमान में चार से पांच डिग्री तक गिरावट आ जाएगी। पश्चिमी राजस्थान में भी कल से ही सुधार की शुरुआत होगी।

अरब सागर से 30 मई से चलने वाली हवा के असर से अगले दो-तीन दिनों में दिल्ली, पंजाब एवं हरियाणा में भी वर्षा होगी, जिससे अगले कुछ दिनों तक तापमान में गिरावट देखी जाएगी। यद्यपि बहुत ज्यादा राहत की उम्मीद नहीं है। जब तक झमाझम बारिश नहीं होगी, तब तक तापमान में उतार-चढ़ाव जारी रह सकता है।

झुलस रहा झारखंड

झारखंड के भी कुछ स्थान गर्मी से झुलस रहे हैं। पलामू में इस दशक का सबसे ज्यादा तापमान 47.5 डिग्री दर्ज किया गया। इसके पहले अभी तक का सबसे अधिक तापमान छह मई 1978 में 47.8 डिग्री दर्ज किया गया था। इस बीच, बंगाल की खाड़ी में चक्रवात अब कमजोर पड़ चुका है। हालांकि असर अभी भी हल्के स्तर पर बना हुआ है, जिससे कई राज्यों में अगले दो से तीन दिनों तक भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है।

मौसम विज्ञान विभाग (आइएमडी) की रिपोर्ट में दिल्ली के नजफगढ़, पीतमपुरा, पूसा एवं जफरपुर समेत कई स्थानों का अधिकतम तापमान 48 डिग्री से ऊपर बताया गया है। अभी तक पूर्वी आ‌र्द्र हवा ने तापमान को चढ़ने से रोक रखा था लेकिन नमी की अधिकता से कम तापमान में भी अधिक गर्मी का अनुभव हो रहा था।

मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि दिल्ली में हरियाली की कमी और सीधी धूप के चलते तापमान लगातार चढ़ रहा है। निजी एजेंसी स्काईमेट के प्रवक्ता महेश पलावत का कहना है कि खुले क्षेत्रों में विकिरण ज्यादा होता है, जो गर्मी को बढ़ा देता है।उधर, उत्तराखंड के पर्वतीय क्षेत्रों में वर्षा जारी है।

सोमवार रात पिथौरागढ़ के डीडीहाट, धारचूला, कनालीछीना में जोरदार वर्षा हुई। कई मकानों में पानी और मलबा घुस गया। जल स्तर बढ़ने से शारदा नदी के डाउन स्ट्रीम में खड़े आठ वाहन डूब गए। ड्राइवर व श्रमिकों ने कूदकर जान बचाई।

राजस्थान में गर्मी से एक दिन में 13 की मौत

जयपुर से राज्य ब्यूरो के अनुसार राजस्थान में भीषण गर्मी के चलते मंगलवार को 13 लोगों की जान चली गई। प्रदेश में लू लगने से पिछले छह दिन में 48 लोगों की मौत हुई है। मंगलवार को टोंक में पति-पत्नी सहित पांच लोगों की मौत हो गई। इनमें से तीन की चमड़ी झुलसी हुई थी। पाली में एक पुलिस कांस्टेबल व एक बुजुर्ग ,जयपुर में 22 साल के युवक की जान गर्मी से चली गई। इसके अलावा उदयपुर और बारां में पांच लोगों की जान गई।

प्री-मानसून से केरल में भारी बारिश, जल्द पहुंचेगा मानसून

केरल में मानसून के आगे बढ़ने की परिस्थितियां अनुकूल बनी हुई हैं। अगले 24 घंटे के दौरान एक-दो स्थानों पर भारी बारिश हो सकती है। मंगलवार को भी केरल एवं तटीय इलाकों में कई स्थानों पर प्री-मानसून के चलते भारी वर्षा हुई है। इससे यहां चार लोगों की मौत हो गई। कोच्चि में प्रख्यात मलयालम लेखिका और साहित्यकार एम लीलावती के घर में पानी घुस गया। इससे उनके दो मंजिला मकान में सैकड़ों किताबें, फर्नीचर, इलेक्ट्रानिक उपकरण और अन्य सामान खराब हो गया।

मौसम विभाग का मानना है कि अगले पांच दिनों तक केरल में कई जगह भारी वर्षा होगी। इसी दौरान तीन से चार दिनों के भीतर मानसून का प्रवेश हो जाएगा। अनुमानित तिथि 30 या 31 मई है। केरल एवं बंगाल की खाड़ी के साथ पूर्वोत्तर भारत के अन्य राज्यों में भी अगले तीन से चार दिनों में मानसून का विस्तार हो सकता है।

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