नई दिल्ली(ए)। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी 30 मई को लोकसभा चुनाव प्रचार के समापन के बाद कन्याकुमारी में स्वामी विवेकानंद को श्रद्धांजलि देने के लिए बनाए गए स्मारक ‘रॉक मेमोरियल’ में ध्यान लगाएंगे। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के एक वरिष्ठ नेता ने मंगलवार को यह जानकारी दी। नेता ने बताया कि मोदी ध्यान मंडपम में 30 मई की शाम से एक जून की शाम तक ध्यान की अवस्था में रहेंगे। ऐसा माना जाता है कि यह वही स्थान हैं जहां आध्यात्मिक विभूति विवेकानंद को ‘भारत माता’ के बारे में दिव्य दृष्टि प्राप्त हुई थी।
प्रधानमंत्री ने पिछले लोकसभा चुनाव अभियान के बाद केदारनाथ की गुफा में इसी तरह ध्यान लगाया था। पार्टी पदाधिकारियों ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने अपने आध्यात्मिक प्रवास के लिए कन्याकुमारी को इसलिए चुना क्योंकि वह देश में विवेकानंद के दृष्टिकोण को साकार करना चाहते हैं। उन्हें यह विश्वास है कि चार जून को मतगणना होने के बाद वह तीसरी बार सत्ता में वापस लौटेंगे। लोकसभा चुनाव के लिए अंतिम चरण का मतदान एक जून को होना है। मतदान होने से दो दिन पहले चुनाव-प्रचार समाप्त हो जाता है।
भाजपा के पदाधिकारियों ने बताया कि जिस स्थान पर प्रधानमंत्री ध्यान लगाएंगे उसका विवेकानंद के जीवन पर बड़ा प्रभाव था और यह भिक्षु के जीवन में इसका वही महत्व है जो गौतम बुद्ध के लिए सारनाथ का है। उन्होंने बताया कि पूरे देश में घूमने के बाद विवेकानंद यही पहुंचे थे। उन्होंने यहां तीन दिन तक ध्यान लगाया और एक विकसित भारत का सपना देखा था।
भाजपा के एक नेता ने कहा, ”उसी स्थान पर ध्यान करना स्वामी जी के विकसित भारत के दृष्टिकोण को जीवन में लाने की प्रधानमंत्री मोदी की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।” उन्होंने कहा कि इस स्थान को पवित्र ग्रंथों में भगवान शिव के लिए देवी पार्वती के ध्यान स्थल के रूप में भी जाना जाता है। यह स्थान भारत का सर्वाधिक दक्षिणी छोर है।
भाजपा नेता ने कहा कि यह वह स्थान है जहां पर पूर्वी और पश्चिमी तटरेखाएं मिलती हैं और हिंद महासागर, बंगाल की खाड़ी तथा अरब सागर मिलते हैं। एक नेता ने कहा, ”प्रधानमंत्री मोदी कन्याकुमारी जाकर राष्ट्रीय एकता का संकेत दे रहे हैं।” उन्होंने कहा कि यह तमिलनाडु के प्रति उनकी गहरी प्रतिबद्धता और स्नेह को भी दर्शाता है कि वह चुनाव खत्म होने के बाद भी राज्य का दौरा कर रहे हैं।