नईदिल्ली (ए)। राष्ट्रीय राजधानी में भीषण गर्मी पड़ने के साथ बुधवार को बिजली की अधिकतम मांग पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ते हुए 8,000 मेगावाट पर पहुंच गयी। यह दिल्ली में अबतक की सर्वाधिक मांग है। बिजली वितरण कंपनियों ने यह जानकारी दी। दिल्ली स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर (एसएलडीसी) की वेबसाइट पर उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, बुधवार को अपराह्न 3.42 बजे बिजली की अधिकतम मांग 8,000 मेगावाट पर पहुंच गयी। यह दिल्ली के इतिहास में अबतक की सर्वाधिक बिजली मांग है। इससे पहले, मंगलवार को दोपहर में बिजली की अधिकतम मांग 7,717 मेगावाट पहुंची थी। वहीं रात 11.01 बजे यह 7,726 मेगावाट पहुंच गयी थी।
बिजली वितरण कंपनी बीएसईएस के प्रवक्ता ने कहा कि लगातार पांचवें दिन दिल्ली में बिजली की अधिकतम मांग 7,000 मेगावाट से ऊपर रही। इससे पहले दिल्ली में बिजली की अधिकतम मांग 29 जून, 2022 को रिकॉर्ड 7,695 मेगावाट तक गयी थी। वितरण कंपनियों के मुताबिक, ‘‘बिजली की मांग बढ़ने का प्रमुख कारण भीषण गर्मी का बढ़ना है। पारा चढ़ने के साथ एयर कंडीशनर/ कूलर का उपयोग बढ़ रहा है, जिससे बिजली की खपत में भी वृद्धि हुई है।” एयर कंडीशनर का किसी घर या कंपनी की वार्षिक ऊर्जा खपत में 30-50 प्रतिशत तक योगदान हो सकता है।
उत्तरी दिल्ली में बिजली वितरण करने वाली टाटा पावर दिल्ली डिस्ट्रिब्यूशन लि. (टाटा पावर डीडीएल) के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘कंपनी ने बिना किसी बिजली कटौती या नेटवर्क बाधा के अब अपने क्षेत्र में अबतक की सर्वाधिक 2,268 मेगावाट बिजली मांग को पूरा किया।” बीएसईएस के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘बीएसईएस राजधानी पावर लि. (बीआरपीएल) ने दक्षिण एवं पश्चिम दिल्ली में 3,511 मेगावाट तथा बीएसईएस यमुना पावर लि. ने पूर्वी एवं मध्य दिल्ली के अपने क्षेत्रों में 1,812 मेगावाट बिजली की अधिकतम मांग को सफलतापूर्वक पूरा किया।”
मंगलवार को जारी मौसम विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, राजस्थान, हरियाणा, दिल्ली, चंडीगढ़ और उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में मंगलवार को अधिकतम तापमान 45 डिग्री सेल्सियस से ऊपर रहा। बीएसईएस प्रवक्ता ने कहा कि कंपनी की दोनों वितरण कंपनियां लगभग 50 लाख उपभोक्ताओं की बिजली मांग को पूरा करने के लिए पर्याप्त बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने को पूरी तरह तैयार हैं। उन्होंने कहा कि भरोसेमंद बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने में लगभग 2,100 मेगावाट हरित बिजली महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।