नईदिल्ली (ए)। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने मध्य प्रदेश में नर्सिंग महाविद्यालयों को रिश्वत के बदले अनुकूल निरीक्षण रिपोर्ट देने के आरोप में अपने ही एक निरीक्षक सहित 13 लोगों को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों सोमवार को यह जानकारी दी। कार्रवाई तब शुरू की गई जब सीबीआई की आंतरिक सतर्कता इकाई से जानकारी मिली कि उसके अधिकारी मध्य प्रदेश हाईकोर्ट के आदेश पर राज्यव्यापी निरीक्षण करने के लिए गठित टीमों में हो रहे कथित भ्रष्टाचार में शामिल हैं। अदालत के आदेश पर टीम इसलिए बनाई गई थीं ताकि पता लगाया जा सके कि नर्सिंग महाविद्यालय बुनियादी सुविधाओं और संकाय के संबंध में तय मानदंड एवं मानकों का अनुपालन कर रहे हैं या नहीं।
केंद्रीय एजेंसी ने यहां जारी एक बयान में कहा कि हाईकोर्ट के निर्देशों के तहत सीबीआई ने सात कोर टीम और तीन से चार सहायता टीम का गठन किया था, जिसमें एजेंसी के अधिकारी, राज्य में नर्सिंग महाविद्यालयों द्वारा नामित अधिकारी और पटवारी शामिल थे। सीबीआई के प्रवक्ता ने कहा, ‘‘विभिन्न टीम द्वारा किए जा रहे निरीक्षणों की निगरानी के दौरान एजेंसी के निरीक्षक राहुल राज, सहित सहायता टीम में से एक के अधिकारियों को भ्रष्ट गतिविधियों में लिप्त पाया गया। यह देखा गया कि वे रिश्वत के बदले अनुकूल निरीक्षण रिपोर्ट दे रहे थे।” उन्होंने कहा कि सीबीआई की आंतरिक सतर्कता तुरंत हरकत में आई और राज, तीन अन्य सीबीआई अधिकारियों और दलालों/दलालों सहित 23 लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई।
अधिकारी ने बताया कि राज को अनिल भास्करन और उसकी पत्नी सुमा अनिल से 10 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया। एजेंसी ने बताया कि गिरफ्तारी के बाद भोपाल, इंदौर, रतलाम और जयपुर में 31 स्थानों पर तलाशी ली गई, जिसके परिणामस्वरूप 2.33 करोड़ रुपये से अधिक नकदी, चार सोने की छड़ें, 36 डिजिटल उपकरण और 150 से अधिक आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए गए। उन्होंने बताया कि अब तक 13 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें राज, मध्य प्रदेश पुलिस के एक निरीक्षक, सीबीआई से जुड़े सुशील कुमार मजोका, दलाल ओम गोस्वामी, रवि भदोरिया और जुगल किशोर और तीन महिलाएं शामिल हैं। प्रवक्ता ने बताया कि गिरफ्तार किए गए सभी आरोपियों को 29 मई तक सीबीआई की हिरासत में भेज दिया गया है।