नईदिल्ली (ए)। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मंगलवार को कहा कि उनका रायबरेली और अमेठी के लोगों के साथ एक भावनात्मक पारिवारिक रिश्ता है और जब भी आवश्यकता होगी, वे दोनों के साथ खड़े रहेंगे। उन्होंने इंटरनेट मीडिया पर अपनी मां के साथ एक भावनात्मक वीडियो साझा किया। इसमें वह अमेठी और रायबरेली में पारिवारिक तस्वीरें देखते नजर आ रहे हैं और उन्होंने अमेठी और रायबरेली दोनों के लोगों साथ अपने जुड़ाव को याद किया।
राहुल गांधी इस बार अमेठी की बजाय रायबरेली लोकसभा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं और उनका मुकाबला भाजपा के दिनेश प्रताप सिंह से है, जिन्होंने पिछला लोकसभा चुनाव सोनिया गांधी के खिलाफ लड़ा था और हार गए थे। राहुल गांधी पहले अमेठी से सांसद थे लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में स्मृति ईरानी से हार गए थे।
राहुल गांधी ने कही ये बात
राहुल ने एक्स पर पोस्ट में कहा- ‘रायबरेली और अमेठी हमारे लिए सिर्फ निर्वाचन क्षेत्र नहीं हैं, बल्कि वे हमारी कर्मभूमि हैं, इनका हर कोना पीढि़यों की यादें संजोए हुए है। अपनी मां के साथ पुरानी तस्वीरें देखकर मुझे अपने पिता और दादी की भी याद आती है, जिन्होंने सेवा की इस परंपरा को शुरू किया और मैंने और मेरी मां ने इसे आगे बढ़ाया।”
उन्होंने वीडियो शेयर करते हुए यह भी कहा-‘प्यार और विश्वास की नींव पर बने 100 साल से भी ज्यादा पुराने इस रिश्ते ने हमें सब कुछ दिया है। जब भी अमेठी और रायबरेली हमें बुलाएंगे, हम वहां मौजूद रहेंगे।’
राहुल के दादा फिरोज गांधी 1952 में रायबरेली से सांसद थे
छह मिनट से अधिक के वीडियो में सोनिया गांधी ने कहा कि उन्होंने 1982 में अमेठी का दौरा करना शुरू किया था जब वे चिकित्सा शिविर आयोजित करने के लिए वहां जाती थीं। उन्होंने कहा कि पंडित जी ने 1921 में इस क्षेत्र से अपना राजनीतिक जीवन शुरू किया था। राहुल के दादा फिरोज गांधी 1952 में रायबरेली से सांसद थे। उनके निधन के बाद इंदिरा गांधी ने रायबरेली का प्रतिनिधित्व करना शुरू कर दिया।
सोनिया गांधी ने कहा कि हम शादियों या मौतों के दौरान गांव-गांव जाते थे और यहां तक कि बाढ़ या सूखे के दौरान भी जाते थे और गांवों में लोगों से मिलते थे। उन्होंने मुझे तुरंत स्वीकार कर लिया और हमारे बीच एक बेटी और बहू जैसा रिश्ता था।
अमेठी को पूरी तरह से बदल दिया
राहुल ने कहा कि अमेठी और रायबरेली से हमारे परिवार का 100 साल से ज्यादा पुराना रिश्ता है। उन्होंने कहा कि उनके परदादा ने अंग्रेजों के खिलाफ अपनी राजनीति की शुरुआत रायबरेली से की थी। 1982 में जब मेरे पिता वहां गए तो उन्होंने कड़ी मेहनत की और बहुत सारे विकास कार्य शुरू किए और अमेठी को पूरी तरह से बदल दिया।
उन्होंने कहा कि रायबरेली में मेरी दादी ने बहुत सारे विकास की शुरुआत की थी और यह अमेठी से आगे थी। लेकिन जब मेरे पिता अमेठी गए तो उन्होंने बहुत सारे विकास कार्य शुरू किए और तब ऐसा लगा जैसे कि अमेठी रायबरेली से आगे है।
कांग्रेस ने सीआरपीएफ प्रशिक्षण शिविर जैसे संस्थान खोले
उन्होंने कहा कि जब हमारी सरकार बनी और मैंने और मेरी मां ने बहुत सारे काम वहां शुरू किए। सड़क कनेक्टिविटी सुनिश्चित की और राष्ट्रीय राजमार्गों और अन्य सड़कों का निर्माण कराया। हमने स्वयं सहायता समूह भी शुरू किए और लाखों महिलाओं की मदद की और उनके बैंक खाते खोले जिससे उनका जीवन बदल गया। राहुल ने कहा कि उन्होंने वहां पेट्रोलियम संस्थान और सीआरपीएफ प्रशिक्षण शिविर जैसे संस्थान भी खोले।