रायगढ़। अपने ठेकेदार मालिक के शारीरिक शोषण से त्रस्त मजदूर के द्वारा ठेकेदार की धारदार हथियार से निर्मम हत्या करने के बाद शव को कई टुकडो में बांटकर साक्ष्य छिपाने के इरादे से इधर-उधर फेंक देने के सनसनी खेज मामले में करीब पांच साल बाद अदालत ने आरोपी सजा सुनाई है। अदालत ने दोष सिद्ध करार देते हुए उम्र कैद और जुर्माने से दंडित किया है। अभियोजन पक्ष के अनुसार, मामला संक्षेप में इस प्रकार है कि प्रार्थी मिथलेश सिंह नव दुर्गा फ्यूल प्राइवेट लिमिटेड सराईपाली में लेवर सप्लायर का ठेकेदारी का काम करता है। उसका साला संदीप सिंह अपनी पत्नी संध्या के साथ भगवानपुर मारूति शो रूम के सामने रहता है। उसका कोई बच्चा नही है, जो अपनी साली सिम्पल सिंह पति धर्मेन्द्र सिंह के लड़के समीर सिंह को गोदनामा कर ले रखा है। संदीप सिंह जेएसपीएल के डीआरआई सेक्शन में लेबर सप्लाई का ठेकेदारी का काम करता है और शराब पीने का आदि है। 19 अक्टूबर की रात पौने एक बजे संध्या सिंह अपनी ननद पूनम सिंह से मोबाइल से बताया कि आपके भाई संदीप सिंह शाम साढ़े सात बजे से ड्यूटी गए हैं जो अभी तक वापस घर नहीं आए हैं। संतोष सिंह ने संध्या सिंह और उसके बच्चे को कार में बैठा कर किरोड़ीमल नगर तरफ पतासाजी करने गए थे। कोई पता नहीं चला। उसके बाद सभी मिलकर संदीप सिंह की पतासाजी किये, थाना में भी सूचना दी थी कि सुबह लगभग आठ बजे पता चला कि जिंदल स्कूल के आगे मान सरोवर तालाब की मेड के पास एक व्यक्ति का शव पड़ा है।
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