हैदराबाद (ए)। भारत ने अथक प्रयासों के बाद जीवित जीवाणु से टीबी का टीका विकसित करने में सफलता हासिल कर ली। इंसानों पर इसका पहला परीक्षण सफल रहा, जिसमें 28 दिन में सुरक्षा और इम्यूनोजेनेसिटी (एंटीबॉडी उत्पादन) स्तर पर बेहतर नतीजे मिले हैं।
जानकारी के मुताबिक, भारत बायोटेक इंटरनेशनल कंपनी ने माइकोबैक्टीरियम ट्यूबर्क्युलोसिस जीवाणु को जीवित अवस्था में रखकर उसकी विषाक्तता को निष्क्रिय कर यह टीका बनाया है। इसलिए इसे लाइव एटेन्यूएटेड टीका कहा जा रहा है।
पिछले माह हैदराबाद के निजाम चिकित्सा विज्ञान संस्थान के डॉक्टरों ने बीसीजी टीके के साथ नए टीके के पहले चरण के नैदानिक परीक्षण किए। फिर, 30 अप्रैल को सरकार की विशेषज्ञ समिति (एसईसी) की बैठक में इसके आकलन के बाद दूसरे चरण की अनुमति को हरी झंडी दिखा दी गई।
अनुमति सशर्त: विशेषज्ञ समिति ने केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) से कहा है कि कुछ शर्तों के साथ परीक्षण आगे बढ़ाया जा सकता है। इसमें वयस्कों का आरटी पीसीआर तकनीक से टेस्ट होगा। परीक्षण के 28 और 56 दिन में इसकी समीक्षा होगी। परीक्षण में एचआईवी या मधुमेह रोगियों को शामिल नहीं किया जाएगा।