भिलाई। श्रीराम जन्मोत्सव समिति भिलाई द्वारा आयोजित श्रीरामनवमी के भव्य 39वें वर्ष के आयोजन में आज पूरी इस्पातनगरी भगवामय हो गयी। चारों दिशाओं से हजारों की संख्या में भगवा ध्वज और जय श्रीराम के नारों के साथ उत्साह से ओतप्रोत रामभक्त श्रीरामलीला मैदान पावर हाउस पहुंचे। कार्यक्रम में हजारों श्रद्धालुओं ने जनसहयोग से बने महाप्रसाद को ग्रहण किया, वहीं सांस्कृतिक कार्यक्रम तथा आकर्षक झांकियों का भी आनंद लिया। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि डॉ. रमन सिंह, विधानसभा अध्यक्ष. छ.ग. शासन, कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे अरूण साव, उप मुख्यमंत्री, विशिष्ट अतिथि प्रेमप्रकाश पाण्डेय, संरक्षक श्रीराम जन्मोत्सव समिति एवं पूर्व केबिनेट मंत्री, सांसद विजय बघेल एवं डॉ. हिमांशु द्विवेदी, वरिष्ठ पत्रकार ने सभा को संबोधित किया। वहीं मुख्य वक्ता बाल योगेश्वर राम बालक दास महात्यागी श्री पाटेश्वर धाम जिला बालोद छत्तीसगढ़ ने विशाल धर्मसभा को संबोधित किया।
प्रभु श्रीराम के तैलचित्र पर दीप प्रज्जवलन कर कार्यक्रम की शुरूआत की गई, तत्पश्चात हजारों की संख्या में उपस्थित श्रद्धालुओं ने सामूहिक श्री हनुमान चालीसा का पाठ किया। इस दौरान विभिन्न प्रखण्डों से आने वाली झांकियां एवं शोभायात्राएं सभास्थल पर पहुंची। सभास्थल पर रामभक्तों के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रम का आय़ोजन किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में रामभक्त सम्मिलित हुए। वहीं भिलाई के प्रत्येक घर से संग्रहित अन्न से बने महाप्रसाद को ग्रहण करने हजारों की संख्या में श्रद्धालु सभास्थल पर पहुंचे। जनसहयोग से बने प्रभु के जन्मोत्सव के इस महाप्रसाद भिलाईवासियों ने ग्रहण किया।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रदेश के विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि इस्पात नगरी को राममय बनाने में श्रीराम जन्मोत्सव समिति की महत्वपूर्ण भूमिका है। इस वर्ष यह अवसर आज एक नई खुशियां लेकर आया है जहां पूरे छत्तीसगढ़ ही नहीं पूरे देश और दुनिया में ये श्रीरामनवमी का अवसर अद्भुत अवसर लेकर आया है जब 500 साल के बाद अयोध्या में भगवान श्रीरामचंद्र अपने धाम में विराजे हैं और हम सभी उनका जन्मोत्सव मना रहे हैं। डॉ. सिंह ने कहा कि 500 साल के बाद एक नया इतिहास हिंदुस्तान रच रहा है तो भगवान राम की कृपा हम सबके ऊपर है। और आने वाला कल यह निश्चित रूप से सबको तय करना है कि जो राम को लाए हैं, हम उनको लाएँगे इस प्रेरणा के साथ। इस मूल मंत्र के साथ सबको राम कार्य में लग जाना है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए समिति के संरक्षक, कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि प्रेमप्रकाश पाण्डेय ने कहा कि विगत 4 दशकों से यह जो भव्य आयोजन हो रहा है इसमें समिति के प्रत्येक सदस्यों और पदाधिकारियों का महत्वपूर्ण योगदान है मैं उन सभी को शुभकामनाएं देता हूं। उन्होंने कहा कि समिति के कार्यकर्ता जिन्होंने घर-घर जाकर के “एक मुट्ठी धान प्रभु श्री राम के नाम” अभियान के तहत 100 क्विंटल से अधिक अन्न संग्रहण किया वे सभी साधुवाद के पात्र है। आज जो महाप्रसाद बन रहा है यह सबके सहयोग से बना है। यह श्रीरामनवमी का 39वां वर्ष हम सबके लिए महत्वपूर्ण है जब 500 वर्षों बाद प्रभु श्रीराम अपने भव्य मंदिर में विराजमान हुए हैं और आज सूर्य की किरणों से उनका सूर्यतिलक हुआ है।
श्री पाण्डेय ने कहा कि वर्ष 1986 से शुरू हुई इस यात्रा में अब 4 दशकों की यात्रा में अब वरिष्ठजनों के साथ-साथ नई पीढ़ी भी जुड़ रही है। इस रामनवमी के कार्यक्रम में ऐसे रामभक्त और सब लोगों का जो सहयोग मिला है, उन सबका भी हम स्वागत करते हैं। उन्होंने कहा कि आप सभी का यही सहयोग और प्रभु श्रीराम के प्रति आस्था इस आयोजन को प्रतिवर्ष एक नई ऊँचाइयों पर ले जाने में सार्थक सिद्ध हो रहा है। एक ध्वज से शुरू हुई इस यात्रा में आज सैकड़ों मठ-मंदिरों से ध्वज वाहक शोभायात्रा के शोभा बढ़ा रहें हैं। यह आयोजन भिलाई की एकता का वह मानक है जो भारतवर्ष में अपनी एक अलग छाप छोड़ रहा है।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में उपस्थित बाल योगेश्वर राम बालक दास महात्यागी श्री पाटेश्वर धाम ने विशाल धर्मसभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि जिस तरह भगवान राम ने कभी किसी में भेद नहीं किया, उसी प्रकार आज श्रीराम जन्मोत्सव ने सबका भेद दूरकर यह भव्य कार्यक्रम और महाभंडारे का आयोजन किया। उन्होंने कहा कि लोग अक्सर पूछते हैं भगवा झंडा लेकर चलने से क्या होता है? जय श्रीराम का गगनभेदी नारा लगाने। क्या होता है? इसके दो परिणाम होते हैं जिसे आज सारा विश्व देख रहा है। जहां जहां भगवा लहराता है, वहां वहां रामराज आता है और जहां जहां जय श्रीराम होता है, वहां वहां विधर्मियों का नाश होता है। इन दोनों चीज दिखाई देगा तो आप पूरे भारत को ही नहीं, पूरे विश्व को इस बात का गर्व है कि हमारे प्रभु भगवान राम 500 साल के लड़ाई के बाद श्रीराम जन्मभूमि के भव्य मंदिर पर विराजमान हो गये हैं। श्री बालकदास जी महाराज ने कहा कि जिन लोगों ने राम का विरोध किया, जिन लोगों ने राम के होने का प्रमाण मांगा, जिन लोगों ने रामसेतु को खंडित करने का प्रयास किया और जिन लोगों ने 1990 में अयोध्या की गलियों में रामभक्तों के सीने और माथे में गोली चलाई, ऐसे लोगों को राम जी ने भी नकार दिया।
कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि वरिष्ठ पत्रकार डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने कहा कि भिलाई के प्रत्येक घर को राममय किये प्रदेश के पूर्व विधानसभा अध्यक्ष प्रेमप्रकाश पाण्डेय औऱ श्रीराम जन्मोत्सव समिति साधुवाद के पात्र हैं। लंबे इंतजार के बाद देश को यह सौभाग्य प्राप्त हुआ जब अराध्य प्रभु श्रीराम अयोध्या में अपने धाम में पुनः विराजित हुए हैं। आज सुबह ही उनका सूर्य तिलक भी गुआ। उन्होंने कहा कि श्रीराम के जीवन में तमाम विशेषताएं हैं और उन विशेषताओं में दो गुणों को समझने बूझने की हमें जरूरत है। उनका जीवन हमें यह बताता है कि व्यक्ति में कितना ही सामर्थ्य, व्यक्ति कितना ही सामंतवादी क्यों ना हो, व्यक्ति कितने ही गुणों से संपन्न क्यों ना हो, व्यक्ति कितना ही बल से ओतप्रोत क्यों न हो, व्यक्ति कितनी ही बुद्धि को अपने भीतर धारण न करता हो। इसके बावजूद उन्होंने संयम के साथ जीवन कैसे जीया जाता है यह हमें सिखाया है। श्रीराम अपने पूरे जीवनकाल में केवल एक बार क्रोधित होते हैं। श्रीराम का संपूर्ण जीवन हमारे लिए प्रेरणादायी है एक पुत्र के रूप में, एक राजा के रूप में, एक भाई के रूप में उन्होंने आदर्श स्थापित किये जो सदैव हमारा मार्ग प्रशस्त करेंगे। श्रीराम की उदारता है कि आज जब हम राम जन्मोत्सव मना रहे हैं तो वह अपने शरण में आए हुए हनुमान को इतनी महिमा प्रदान कर दिए हैं कि हनुमान की स्तुति करके हम उनका जन्मोत्सव मना रहे हैं।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे प्रदेश के उपमुख्यमंत्री अरूण साव ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि श्रीरामनवमी उत्सव के आयोजन का यह वर्ष, विगत 39 वर्षों की समिति की यात्रा से कुछ अलग है। पिछले 40 सालों से श्रीराम जन्मोत्सव समिति श्रीरामनवमी का आयोजन करती रही है और इस बार का यह आयोजन कुछ अलग है, कुछ भिन्न है। क्योंकि आज जब हम रामनवमी मना रहे हैं तो 496 साल के बाद हमारे अनेक पीढ़ियों के लम्बा संघर्ष, त्याग, तपस्या और बलिदान के बाद हमारे राम लला, हमारे भान्जा भगवान राम के भव्य और देवी मंदिर का प्राण प्रतिष्ठा समारोह अयोध्या में हुआ। यह पूरी दुनिया ने देखा है कि राम भक्तों में कितनी ऊर्जा का संचार 22 जनवरी को हुआ था और इसलिए इस बार का राम जन्मोत्सव यह अलग है। आज गली गली, मोहल्ले मोहल्ले में राम जन्मोत्सव का आयोजन हो रहा है और हम सब जानते हैं कि हमारे छत्तीसगढ़ में गांव गांव में रामायण का आयोजन होता है, राम कथा का आयोजन होता है और हमारे यहाँ परम्परा है। श्री साव ने कहा कि रामायण के एक प्रसंग सुनाकर मैं आपको कहना चाहता हूं कि भगवान राम के नाम की जितनी बड़ी महिमा है, आपको वह प्रसंग सुनाता हूं है कि जब समुद्र सेतु का बंधन हो रहा था। आप सबको याद है भगवान राम की सेना समुद्र सेतु के बंधन में पूरी ताकत से लगी हुई थी। हमें वह प्रसंग भी याद है जब पूरी सेना को रामकाज में लगे हुए देखकर गिलहरी भी अपने आप को रोक नहीं पाई थी और गिलहरी ने भी अपना योगदान समुद्र सेतु के बंधन में किया था और तब भगवान राम वहां पर बैठे होते हैं। उनकी पूरी सेना समुद्र सेतु के बंधन के काम में लगी होती है। तत्पश्चात समिति द्वारा सभी अतिथियों का स्मृति चिन्ह भेंट कर अभिनंदन किया गया। कार्यक्रम का स्वागत भाषण एवं आभार प्रदर्शन मनीष पाण्डेय ने दिया और सफल संचालन श्रीमति ज्योति धारकर ने किया।
कार्यक्रम में कार्यक्रम में वैशालीनगर विधायक रिकेश सेन, दुर्ग ग्रामीण विधायक ललित चंद्राकर, भाजयुमो प्रदेश महामंत्री उपकार चंद्राकर, भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी सीए अमित चिमनानी, जिला भाजपा अध्यक्ष महेश वर्मा, निगम के नेता प्रतिपक्ष भोजराज सिन्हा, श्रीमति तुलसी साहू, डॉ. सलीम राज, श्रीमती निर्मला यादव सहित समिति के प्रांतीय अध्यक्ष रमेश माने, प्रांतीय महामंत्री बुद्धन ठाकुर, कार्यकारी अध्यक्ष प्रवीण पाण्डेय, जिलाध्यक्ष मदन सेन, पार्षद श्यामसुंदर राव, जीत हेमचंद यादव मुख्य रूप से उपस्थित थे।
हजारों भक्तों ने ग्रहण किया महाप्रसाद
श्रीराम जन्मोत्सव समिति द्वारा आयोजित श्रीरामनवमी उत्सव में एक मुट्ठी दान,श्रीराम के नाम अभियान में भिलाईवासियों ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। लोगों के घर-घर जाकर समिति के सदस्यों ने अनाज संग्रहण किया जिससे बने महाप्रसाद को प्राप्त करने आज हजारों रामभक्तों, श्रद्धालुओं और आमजनों का जनसैलाब उमड़ पड़ा। समिति के अंतर्गत सभी प्रखण्डों से श्रीरामनवमी के लिए भव्य आकर्षक स्वचलित झांकियां निकाली गई।