नईदिल्ली (ए)। अप्रैल से जून, 2024 के बीच इंडिया लू से झुलसेगा. मौसम विभाग के इस पूर्वानुमान से इतर एक स्टडी में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. तीन दशकों के वैश्विक डेटा के नए विश्लेषण से पता चला कि दुनिया भर में स्ट्रोक के कारण होने वाली मौतें और विकलांगता तेजी से जलवायु परिवर्तन से प्रेरित तापमान परिवर्तन से जुड़ी हैं. न्यूरोलॉजी नाम के जर्नल में छपी स्टडी से पता चला था कि साल 2019 में नॉन-ऑप्टिमल टेंप्रेचर (गैर-इष्टतम तापमान) से जुड़ी 5.2 लाख से अधिक स्ट्रोक मौतें हुई थीं, जबकि इनमें अधिकांश स्ट्रोक से होने वाली मौतें (4.7 लाख से अधिक) इष्टतम तापमान से कम के कारण हुईं।
स्टडी के दौरान शोधकर्ताओं ने यह भी पाया कि 1990 की तुलना में इष्टतम से अधिक तापमान से जुड़ी स्ट्रोक से होने वाली मौतों की संख्या में वृद्धि हुई है. उन्होंने स्टडी में लिखा, “उच्च तापमान के कारण स्ट्रोक का बोझ तेजी से बढ़ा है. खासकर 10 साल से अधिक उम्र के लोगों में और यह अफ्रीका जैसे कम सामाजिक-जनसांख्यिकीय सूचकांक (एसडीआई) क्षेत्रों में असंगत रूप से केंद्रित है.” ऐसे में आशंका जताई जा रही है कि चिलचिलाती गर्मी में हार्ट स्ट्रोक का खतरा बढ़ सकता है।
इस बीच, केंद्र सरकार लू को लेकर हरकत में आ चुकी है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार (11 अप्रैल, 2024) को बड़ी बैठक ली. आधिकारिक बयान में इस बारे में बताया गया, “पीएम मोदी ने लू से जुड़ी स्थिति के लिए तैयारियों की समीक्षा की है. उन्होंने इस दौरान जागरूकता बढ़ाने के महत्व पर भी जोर दिया. पीएम ने लू से निपटने की तैयारियों की समीक्षा करते हुए विशेष रूप से क्षेत्रीय भाषाओं में जागरूकता सामग्री का समय पर प्रचार प्रसार सुनिश्चित करने पर जोर दिया।”
आईएमडी की दैनिक मौसम परिचर्चा में गुरुवार (11 अप्रैल, 2024) को बताया गया, “उत्तर पश्चिम भारत में 13 से 15 अप्रैल के बीच तेज गरज के साथ हल्की से मध्यम बारिश, तेज हवाएं और ओलावृष्टि हो सकती है, जबकि मध्य भारत में 12 अप्रैल को तेज गरज के साथ हल्की से मध्य बारिश के साथ तेज हवाएं चलने और ओले गिरने के आसार हैं।”
लोकसभा चुनाव 2024 के दौरान (अप्रैल से जून के बीच) उत्तर के मैदानी इलाकों समेत दक्षिण भारत में भीषण गर्मी और लू (हीट वेव) चलेगी. आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र के मुताबिक, अप्रैल-जून के बीच अधिकतम तापमान सामान्य से ऊपर रहने की संभावना है. मध्य भारत, उत्तर के मैदानी इलाकों और दक्षिण भारत के कुछ राज्यों में कई दिनों तक लू चलने का अनुमान है. इन राज्यों में गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तरी कर्नाटक, ओडिशा, आंध्र प्रदेश और मध्य प्रदेश हैं. 23 राज्यों ने हीट वेव से निपटने के लिए कार्य योजना तैयार की है।
केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्री किरन रिजिजू की ओर से कहा गया था- अप्रैल के अंत में और उसके बाद गरम मौसम की भविष्यवाणी की गई है. हालांकि, आईएमडी की ओर से कहा गया था कि अधिकतम तापमान में वृद्धि का गेहूं की फसल पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. आईएमडी ने कहा कि अप्रैल से जून की अवधि के दौरान अत्यधिक गर्मी पड़ेगी. हीटवेव का सबसे ज्यादा असर गरीबों पर पड़ेगा. हीटवेव के दौरान ऊंचे तापमान से जोखिम पैदा होता है, जिससे खासतौर से बुजुर्गों, बच्चों और पहले से मौजूद स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं।