नईदिल्ली (ए)। ईडी की हिरासत में गुरुवार को राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश हुए दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने तथाकथित शराब घोटाले को लेकर बड़ा खुलासा किया। उन्होंने कोर्ट को बताया कि कैसे ईडी जांच के जरिए उनको फंसाया गया और आम आदमी पार्टी को खत्म करने की साजिश रची गई। कोर्ट से इजाजत लेकर अपना पक्ष रखते हुए सीएम केजरीवाल ने कहा कि पालिसी बनाने या इसे लागू होने के वक्त नहीं, बल्कि ईडी की जांच शुरू होने के बाद दिल्ली का असली शराब घोटाला शुरू हुआ।
ईडी जांच के पीछे दो मकसद थे। पहला, आम आदमी पार्टी को खत्म करना और दूसरा उगाही के जरिए भाजपा को पैसा दिलाना। सीएम ने कहा कि राघव मगुंटा ने 6 और सरथ रेडी ने 9 बयानों में मेरा नाम नहीं लिया। ये दोनों आखिरी बयान मेरे खिलाफ देते हैं और जमानत मिल गई। सरथ रेड्डी को मेरे खिलाफ बयान देने और गिरफ्तारी के बाद भाजपा को 55 करोड रुपए का चंदा देने के कारण जमानत मिली। तो क्या केवल चार स्टेटमेंट एक सिटिंग मुख्यमंत्री को गिरफ्तार करने के लिए पर्याप्त हैं?
ईडी की हिरासत में गुरुवार को दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की राउज एवेन्यू कोर्ट में पेशी हुई। इस दौरान सीएम अरविंद केजरीवाल कोर्ट के अंदर जज के समक्ष व्यक्तिगत तौर पर अपनी बात रखी। सीएम केजरीवाल ने ईडी के अफसरों का धन्यवाद करते हुए कहा कि अफसरों ने अच्छे माहौल में मुझसे पूछताछ की है। सीएम ने न्यायाधीश से कहा कि यह केस पिछले डेढ-पौने दो साल से चल रहा है। 17 अगस्त 2022 को सीबीआई ने पहला केस दर्ज किया था और 22 अगस्त 2022 को ईडी की केस दर्ज की गई थी। मुझे गिरफ्तार किया गया है।
अभी तक न तो किसी कोर्ट में मुझे दोषी करार दिया गया है, न मेरे उपर कोई मुकदमा चला है, न मेरे उपर कोई आरोप तय हुए हैं और न तो मेरे उपर कोई आरोप है। अभी तक इस केस में सीबीआई कोर्ट में 31 हजार पेज फाइल कर चुकी है और 294 गवाहों से जांच पड़ताल कर चुकी है। इसी तरह, ईडी लगभग 162 गवाहों से जांच पड़ताल कर चुकी है और 25 हजार पेज फाइल कर चुकी है।
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कोर्ट को बताया कि इन सारे गवाहों और सारे कागजों को मिलाकर मुझे क्यों गिरफ्तार किया गया है? मेरा नाम सीधे-सीधे चार स्टेटमेंट्स में आता है। पहला, सी. अरविंद के बयान में मेरा नाम आता है। सी. अरविंद तत्कालीन उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया जी के सेक्रेटरी थे। सी. अरविंद ने यह बयान दिया है कि एक दिन मेरे घर में, मेरी मौजूदगी में मनीष सिसोदिया जी ने उनको एक्साइज के कुछ दस्तावेज सौंपे। उनके बयान में सिर्फ इतना ही है।
सी. अरविंद ने यह नहीं किया कहा कि मेरी मौजूदगी में पैसे दिए, ऐसा कोई आरोप नहीं है। उनका बयान में सिर्फ इतना है कि मेरी मौजूदगी में मनीष सिसोदिया जी ने सी. अरविंद को एक्साइज के कुछ डॉक्युमेंट दिए। मेरे घर पर ढेरों एमएलए और मंत्री अपने-अपने सेक्रेटरी लेकर आते हैं। वो आपस में खुसर-फूसर भी करते रहते हैं और आपस में डाक्युमेंट भी देते रहते हैं। मुझे क्या पता था कि कौन किसको क्या दे रहा है? सीएम ने कोर्ट से कहा कि क्या सिर्फ इतना बयान किसी सिटिंग मुख्यमंत्री को गिरफ्तार करने के लिए का पर्याप्त है?
सीएम अरविंद केजरीवाल ने मगुंटा श्रीनिवास रेड्डी के दूसरे बयान पर कहा कि मगुंटा श्रीनिवास रेड्डी जगन रेड्डी की पार्टी से लोकसभा सांसद थे। 16 मार्च 2021 को मगुंटा रेड्डी शाम 4ः30 बजे मेरे दफ्तार आते हैं। इससे 10 दिन पहले उन्होंने मेरे ऑफिस में एक चिट्टी भेजी कि मैं सांसद हूं और सीएम से मिलना चाहता हूं। मेरे ऑफिस स्टाफ ने उनको मिलने के लिए 10 दिन बाद का समय दे दिया। मगुंटा रेड्डी शाम 4ः30 बजे मुझसे मिलने आते हैं। मैं किसी वजह से जल्दी में था। मगुंटा रेड्डी आकर कहते हैं कि मुझे दिल्ली में अपना फैमिली चैरिटेबल ट्रस्ट खोलना है, उसके लिए जमीन चाहिए। मैंने उनको कहा कि जमीन हमारे अंडर में नहीं, एलजी साहब के अंडर में आती है। आप मुझे चिट्टी दे दीजिए, मैं एलजी साहब को भेज दूंगा।
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि 16 सितंबर 2022 को मगुंटा रेड्डी के घर पर रेड होती है। उनसे पूछा जाता है कि क्या आप केजरीवाल जी से मिले? वो कहते हैं कि हां, मैं मिला और मैं केजरीवाल जी से अपने फैमिली चैरिटेबल ट्रस्ट के लिए जमीन मांगने गया था। 16 सितंबर 2022 को सेक्शन 17 के तहत मगुंटा रेड्डी का दिया गया स्टेटमेंट है। पांच महीने के बाद 10 फरवरी को मगुंटा रेड्डी के बेटे को गिरफ्तार कर लिया जाता है। गिरफ्तारी के बावजूद मगुंटा रेड्डी अपने बयान पर कायम रहते हैं।
जब मगुंटा रेड्डी का बेटा पांच महीने तक गिरफ्तार रहता है तो मगुंटा रेड्डी टूट जाते हैं। 16 जुलाई को मगुंटा रेड्डी अपना बयान बदल देते हैं और 18 जुलाई को उनका बेटा छूट जाता है। उनके बाद मगुंटा रेड्डी का कोई स्टेटमेंट नहीं आता है। मगुंटा रेड्डी के बयान पर बयान हो रहे थे, जब तक कि वो अपना बयान मेरे खिलाफ नहीं दे रहे थे। जैसे ही मगुंटा रेड्डी ने मेरे खिलाफ बयान दिया, बेटा भी छूट गया और मगुंटा रेड्डी के बयान होने भी बंद हो गए और 03 अक्टूबर को उनका माफीनामा भी हो गया। मिशन कामयाब हो गया।
सीएम अरविंद केजरीवाल ने इसका मतलब ईडी का मकसद केवल और केवल मुझे फसाना था। सेक्शन 50 के तीन स्टेटमेंट हैं। तीनों बयान बराबर हैं। उनमें से एक एक स्टेटमेंट को तवज्जो क्यों दी गई? क्या जांच की गई है कि इनमें से एक सही है और बाकी दो गलत हैं? जो 25000 पेज ईडी ने कोर्ट के अंदर फाइल किए हैं, उन 25 हजार पेज में जो केजरीवाल के खिलाफ वाला स्टेटमेंट है, सिर्फ उसको लगाया गया है। बाकी दोनों स्टेटमेंट्स दबा दिए गए हैं। आखिर ऐसा क्यों, यह तो गलत है? कोर्ट के सामने तीनों स्टेटमेंट लाने चाहिए थे, ताकि कोर्ट तय करता कि सच्चाई क्या है?
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि तीसरा बयान मगुंटा रेड्डी के बेटे राघव मगुंटा का है। राघव 16 सितंबर को राघव मगुंटा केघर पर रेड होती है और उनसे बयान लिया जाता है। इसके बाद 10 फरवरी को राघव मगुंटा को गिरफ्तार किया जाता है और गिरफ्तारी के बाद राघव मगुंटा के पांच बयान लिए जाते हैं। राघव मगुंटा अपने पांचों बयान में वही बोलते हैं, जो पहले बोला था। पांच महीने तक राघव मगुंटा भी जेल में रहते हैं। इसके बाद जब 16 जुलाई को राघव मगुंटा के पिता मगुंटा रेड्डी अपना बयान बदलते हैं तो 18 जुलाई को उनको छोड़ दिया जाता है। उनके कुल 7 बयान हुए, जिसमें से 6 बयान में वो मेरे खिलाफ नहीं बोलते हैं और सातवें बयान में जैसे ही वो मेरे खिलाफ बयान हैं, उसके बाद उनका कोई स्टेटमेंट नहीं होता। उनको जेल से छोड़ दिया जाता है और उनको माफीनामा दे दिया जाता है। यह जो 6 स्टेटमेंट है, ये रिकॉर्ड पर नहीं लगाए जाते हैं।
सीएम अरविंद केजरीवाल ने चौथे बयान में सरथ चंद्र रेड्डी के बयान का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि 16 सितंबर को सरथ रेड्डी के यहां रेड हुई। सरथ रेड्डी ने भी मेरे खिलाफ कुछ नहीं बोला। 9 नवंबर को उसने बयान दिया, उसमें भी मेरे खिलाफ कुछ नहीं बोला। 10 नवंबर को सरथ रेड्डी की गिरफ्तारी हुई। गिरफ्तारी के बाद उसके 9 बयान दर्ज किए जाते हैं और उन 9 बयान में सरथ रेड्डी मेरे खिलाफ नहीं बोलता है। 6 महीने तक गिरफ्तार रहने के बाद 25 अप्रैल को सरथ चंद्र रेड्डी भी टूट जाता है और वो अपने बयान में केवल इतना कहता है कि मैं विजय नायर के साथ सीएम साहब के पास गया था। सीएम साहब जल्दी में थे। सीएम साहब ने कहा कि विजय के संपर्क में रहो, विजय अच्छा लड़का है।
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कोर्ट से पूछा कि मैं केवल यह जानना चाहता हूं कि क्या यह चार स्टेटमेंट एक सिटिंग मुख्यमंत्री को गिरफ्तार करने के लिए पर्याप्त हैं? दूसरा, जो 30 हजार पेज कोर्ट में फाइल किए गए हैं। यह 30 हजार पेज के अलावा एक लाख पेज ईडी के दफ्तर में पड़े हुए हैं, जो हमारी बेगुनाही के सबूत हैं, लेकिन उन एक लाख पेज को कोर्ट के सामने नहीं लाया गया।
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि शराब घोटाले का पैसा आखिर कहां है? यह आरोप लगाया जा रहा है कि 100 करोड रुपए किसी साउथ लॉबी ने शराब की पॉलिसी बनाने के लिए आम आदमी पार्टी को दिए। यह जस्टिस संजीव खन्ना का आर्डर है, पेज 22 के पैराग्राफ 12 में कहा गया है कि 100 करोड रुपए रिश्वत का मामला डिबेट के लायक है। इसका मतलब ये रिश्वत का मामला संदेह है। ये लोग जो कह रहे हैं कि हम लोगों ने 100 करोड़ रुपए लिए, वो रिश्वत तो संदेहास्प्रद है। इसका कोई सबूत ही नहीं है।
सीएम अरविंद केजरीवाल ने कहा कि असली शराब घोटाला ईडी की जांच के बाद शुरू होता है। जब ईडी की जांच शुरू होती है। ईडी की जांच के दो मकसद थे। पहला मकसद आम आदमी पार्टी को क्रश करना, आम आदमी पार्टी को भ्रष्टाचारी साबित करना, खुद फैलाना कि आम आदमी पार्टी ने शराब घोटाला किया है। ईडी का दूसरा मकसद था कि उसके पीछे एक्सटॉर्शन रैकेट चलाना है। जिसके जरिए वो पैसे इकट्ठा कर रही हैं।
उन्होंने सबूत देते हुए कहा कि सरथ रेड्डी के केस में उसको जमानत दो कारणों से मिली। सबसे पहले शरद रेड्डी ने मेरे खिलाफ बयान दिया और शरद रेड्डी ने गिरफ्तार होने के बाद 55 करोड रुपए का चंदा भाजपा को दिया। गिरफ्तार होने के बाद 55 करोड रुपए के बॉन्ड सरथ रेड्डी ने खरीदे और उसके बाद उसे जमानत मिल गई। इससे मनी ट्रेल साबित हो जाता है। गिरफ्तार होने के बाद उसने 55 करोड़ का चंदा भाजपा को दिया। भाजपा के अकाउंट में यह पैसा सीधे तौर पर गया। इससे मनी ट्रेल साबित हो गया। यही पूरी जांच का मकसद था कि एक तरफ आम आदमी पार्टी को क्रश करना। एक स्मोक स्क्रीन क्रिएट करना और पीछे से एक्सटार्शन करना।