Home देश-दुनिया केदारनाथ मंदिर की वो कहानी, जिसके चलते पीलीभीत से कटा वरुण गांधी का टिकट

केदारनाथ मंदिर की वो कहानी, जिसके चलते पीलीभीत से कटा वरुण गांधी का टिकट

by admin

नईदिल्ली (ए)। BJP Candidates List: लोकसभा चुनाव 2024 के लिए बीजेपी ने रविवार को 111 उम्मीदवारों की पांचवीं लिस्ट जारी कर दी. इस लिस्ट में कंगना रनौत, अरुण गोविल और नवीन जिंदल जैसे कई चर्चित नाम हैं. लिस्ट जारी होने से पहले जिस बात का अनुमान लगाया जा रहा था वो सच हुआ. बीजेपी ने पीलीभीत से वरुण गांधी का टिकट काट दिया है. उन्हें पार्टी लाइन से हटकर बोलने की सजा मिली है.

 

बीजेपी ने यूपी की सुल्तानपुर लोकसभा सीट से मेनका गांधी पर एक बार फिर भरोसा जताया है, जबकि पीलीभीत से वरुण गांधी की टिकट काटकर जितिन प्रसाद को यहां से कैंडिडेट बनाया है. वहीं धारावाहिक रामायण में भगवान राम की भूमिका निभाने वाले अरुण गोविल को बीजेपी ने उत्तर प्रदेश के मेरठ से उम्मीदवार बनाया है. कांग्रेस से बीजेपी में आए नवीन जिंदल को भी कुरुक्षेत्र से टिकट दिया गया है.

 

केदारनाथ घाटी की वो मुलाकात

वरुण गांधी पिछले कुछ सालों से कई मौकों पर केंद्र और उत्तर प्रदेश में पार्टी की सरकारों की आलोचना करते रहे हैं. 2021 में वरुण गांधी को कथित तौर पर लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में जवाबदेही तय करने और दोषियों को न्याय के कटघरे में लाने की मांग करने वाली उनकी टिप्पणी के बाद भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी से बाहर कर दिया गया था. एक दिलचस्प घटना घटी केदारनाथ घाटी में, जब राहुल गांधी और वरुण गांधी बाबा के दर्शन करने के बाद एक-दूसरे से मिले.

 

इस साल की शुरुआत में ऐसी खबरें थीं कि कुछ महीने पहले उत्तराखंड के केदारनाथ मंदिर में अपने चचेरे भाई और कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मुलाकात के बाद वरुण गांधी कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं. दोनों भाइयों के बीच हुई ये मुलाकात बीजेपी पार्टी को रास नहीं आई. उस समय चर्चा थी कि वरुण कभी भी बीजेपी को छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो सकते हैं.

योगी आदित्यनाथ सरकार से पूछे कड़े सवाल

पिछले साल, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर स्पष्ट रूप से कटाक्ष करते हुए, वरुण गांधी ने लोगों को सलाह दी थी कि वे “किसी नजदीकी साधु को परेशान न करें” क्योंकि कोई नहीं जानता कि “महाराज जी’ कब मुख्यमंत्री बनेंगे”. सितंबर 2023 में उन्होंने एक मरीज की मौत के बाद अमेठी के संजय गांधी अस्पताल के लाइसेंस को निलंबित करने पर उत्तर प्रदेश भाजपा सरकार का उपहास किया.

जितिन प्रसाद को पीलीभीत से मैदान में उतारा गया

कभी राहुल गांधी के सबसे करीबी सहयोगियों में से एक माने जाने वाले जितिन प्रसाद ने यह दावा करते हुए कांग्रेस छोड़ दी कि उन्हें अनदेखा किया जा रहा है. जितिन प्रसाद ने 2004 में राहुल गांधी के साथ चुनावी शुरुआत की. राहुल गांधी ने अमेठी से लोकसभा चुनाव जीता, जबकि जितिन प्रसाद ने शाहजहांपुर सीट जीती, जिसे उनके पिता जितेंद्र प्रसाद चार बार जीत चुके थे. वह 2008 में मनमोहन सिंह सरकार में सबसे युवा मंत्रियों में से एक बने. जितिन प्रसाद ने 2009 में धौरारा सीट से अपना दूसरा लोकसभा चुनाव जीता और मनमोहन सिंह की दूसरी सरकार में विभिन्न विभागों को संभाला.

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