शिमला (ए)। हिमाचल प्रदेश में बहुमत वाली सरकार बनाने के लिए कांग्रेस को नौ में से सिर्फ एक और भारतीय जनता पार्टी को 10 विधायकों का आंकड़ा चाहिए। प्रदेश के 68 विधानसभा क्षेत्रों में से कांग्रेस के पास अभी 34 और भाजपा के पास 25 विधायक है। राज्य में नौ विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव होने हैं। छह विधानसभा क्षेत्रों धर्मशाला, सुजानपुर, गगरेट, कुटलैहड़, बडसर और लाहौल-स्पीति में उपचुनाव की घोषणा हो चुकी है। नालागढ़, देहरा और हमीरपुर में भी एक जून 2024 को ही उपचुनाव की घोषणा जल्द होने के आसार है। उपचुनाव में अगर भाजपा ही सभी नौ सीटें जीतती है तो प्रदेश में फिर से राजनीतिक संकट खड़ा हो सकता है।
Himachal Political News… प्रदेश में बहुमत वाली सरकार बनाने के लिए दोनों दलों को 35 विधायकों की आवश्यकता रहेगी। ऐसे में सत्ता की खातिर आने वाले दिनों में हिमाचल में और सियासी घटनाक्रम होने के आसार बने हैं। बहुमत साबित करने के लिए विधानसभा अध्यक्ष के अलाव 34 विधायकों का संख्या बल जरूरी है। विधायकों की संख्या बराबर होने पर ही विधानसभा अध्यक्ष मतदान कर सकते हैं। अभी विधानसभा अध्यक्ष सहित कांग्रेस के पास विधायकों की संख्या 34 हैं। ऐसे में अगर बहुमत साचित करना पड़े तो कांग्रेस के 33 विधायक से सदन में मतदान कर सकेंगे। जून में होने विधानसभा के नौ उपचुनाव में अगर कांग्रेस सिर्फ एक सीट भी जीत जाती है तो उसके पास बहुमत साबित करने वाले विधायकों की संख्या बढ़कर 34 हो जाएगी।
Himachal Political News…विधायकों का संख्या बल अधिक होने पर अगर भाजपा सरकार बनाती है तो बहुमत साबित करने के समय उनकी स्थिति भी कहोस जैसी हो जाएगी। सरकार के गठन के बाद भाजपा को अपना विधानसभा अध्यक्ष नियुक्त करना होगा। सदन में बहुमत साबित करते समय विधानसभा अध्यक्ष फिर वोट नहीं दे सकेंगे। ऐसे में मतदान करने वाले भाजपा के विधायकों की संख्या घटकर 33 हो जाएगी। विधायकों के संख्या बल के अनुसार कांग्रेस के पास 34 का आंकड़ा रहेगा। इस स्थिति में प्रदेश में फिर सियासी संकट खड़ा हो जाएगा। ऐसे में जिस भी राजनीतिक दल को प्रदेश में बहुमत वाली सरकार बनानी है, उसे कम से कम 35 विधायकों की जरूरत रहेगी।