नईदिल्ली (ए)। Chandrayaan – 4 Mission: चंद्रयान 3 मिशन को आगे बढ़ाने के लिए भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी ISRO ने चंद्रयान-4 मिशन पर काम करना शुरु कर दिया है. एजेंसी ने इस मिशन से जुड़ी कई जानकारियां साझा की हैं. इनमें बताया गया है कि यह मिशन किस तरह काम करेगा. इसरो ने जानकारी देते हुए कहा कि चंद्रयान-4 में 5 मॉड्यूल होंगे. यह मॉड्यूल सॉफ्ट लैंडिंग से लेकर सैंपल इकट्ठे करने और सुरक्षित वापसी तक बारी-बारी से अपना काम करेंगे. इससे पहले लॉन्च किए किए गए चंद्रयान-3 में सिर्फ तीन ही मॉड्यूल मौजूद थे.
चंद्रयान-4 मिशन को गगनयान मिशन के बाद लॉन्च किया जाएगा. रिपोर्ट के अनुसार, इस मिशन को पूरा होने में अभी चार साल तक का समय लग सकता है. इसरो ने इससे जुड़ी जानकारी के लिए एक्स पर एक पोस्ट भी की है. इसमें मिशन के मॉड्यूल, इंजन, उसकी विशेषताओं के बारे में बताया गया है.
जापान के साथ ज्वाइंट मिशन
भारत का चंद्रयान-4 मिशन जापान की अंतरिक्ष एजेंसी JAXA के साथ ज्वाइंट मिशन है. इस वजह से उम्मीद जताई जा रही है कि इसे जापान के एच 3 रॉकेट की मदद से लॉन्च किया जा सकता है.यह अपने साथ पांच मॉड्यूल को लेकर जाएगा. यह मिशन दो चरणों में पूरा किया जाएगा. पहली बार लॉन्चिंग के दौरान इसका वजन 5200 किग्रा के लगभग होगा.
मॉड्यूल क्या करेंगे काम?
- प्रोपल्शन मॉड्यूल: रॉकेट से अलग होने के बाद और पृथ्वी की ऑर्बिट से लेकर चांद की ऑर्बिट में घुसने तक की सारी जिम्मेदारी प्रोपल्शन मॉड्यूल की होगी.
- डिसेंडर मॉड्यूल : प्रोपल्शन मॉड्यूल से अलग होने के बाद सभी मॉड्यूल को चांद की सतह पर पहुंचाने का काम यह डिसेंडर मॉड्यूल का होगा.
- एसेंडर मॉड्यूल : इसका काम नमूने इकट्ठे करने के बाद चंद्रमा की सतह से उड़ान भरना और ट्रांसफर मॉड्यूल के साथ धरती की ऑर्बिट तक पहुंचना है.
- ट्रांसफर मॉड्यूल : चंद्रमा से इकट्ठे किए गए नमूने वापस धरती पर ले जाने की जिम्मेदारी इस मॉड्यूल पर होगी.
- री एंट्री मॉड्यूल : चांद से एकत्र किए गए सैंपल को धरती पर लैंड करने की जिम्मेदारी इस मॉडूयूल पर होगी.