नईदिल्ली (ए)। भारत में मार्च 2023 तक पत्रिकाओं की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। इसी के साथ देश में समाचार पत्रों की संख्या में भी पिछले साल के मुकाबले बढ़ोत्तरी हुई है। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने इसकी जानकारी दी है। गुरुवार को सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग ठाकुर ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने बताया कि सरकार की वार्षिक रिपोर्ट ‘प्रेस इन इंडिया 2022-23’ के अनुसार अधिकांश पत्रिकाएं हिंदी, अंग्रेजी सहित संविधान की 8वीं अनुसूची में सूचीबद्ध अन्य भाषाओं में पंजीकृत थीं। वहीं, कुछ पत्रिकाएं 189 अन्य भाषाओं या बोलियों और कुछ विदेशी भाषाओं में पंजीकृत थीं।
प्रिंट मीडिया का अब भी दबदबा
रिपोर्ट के अनुसार, 31 मार्च, 2023 तक भारत में 1,48,363 प्रिंट पत्रिकाएं पंजीकृत हैं। वित्तीय वर्ष 2022-23 में पंजीकृत पत्रिकाओं की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। इससे यह जाहिर होता है कि ऑडिया-विजुअल, डिजिटल माध्यम और ऑनलाइन मीडिया के दौर में भी प्रिंट मीडिया का विकास नहीं रुका है। पत्रिकाएं आम नागरिकों को सशक्त बनाती हैं। प्रिंट मीडिया बदलाव के बाद भी डटा रहा। सामने आई चुनौतियों का प्रिंट मीडिया ने उचित जवाब दिया।
समाचार पत्रों की संख्या में भी इजाफा
आंकड़ों के अनुसार, पाठकों के बीच क्षेत्रीय भाषा की पत्रिकाओं का रुझान है। देश में प्रकाशित होने वाले दैनिक समाचार पत्रों की संख्या में भी बढ़ोत्तरी हुई है। वित्तीय वर्ष 2021-22 के दौरान देश में समाचार पत्रों की संख्या 10,038 थी वहीं, वित्तीय वर्ष 2022-23 में समाचार पत्रों का आंकड़ा बढ़कर 10,152 हो गया। समाचार पत्रों की संख्या में इजाफा होने के साथ-साथ प्रसार में भी इजाफा हुआ है। समाचार पत्रों के प्रसार में 2.91 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो पहले 22,57,26,209 थी और अब यह आंकड़ा 23,22,92,405 हो गया है।