नईदिल्ली (ए)। मेटा प्लेटफॉर्म ने उन कंपनियों के खिलाफ एक्शन लिया है जो आईओएस, एंड्रॉइड और विंडोज डिवाइस के जरिए यूजर्स पर नजर रख रही थीं।
ये कंपनियां यूजर्स की जासूसी करने और निगरानी रखने के लिए स्क्रैपिंग फिशिंग एक्टीविटीज और सोशल इंजीनियरिंग कर रही थीं।
इतना ही नहीं, फिशिंग एक्टीविटीज और सोशल इंजीनियरिंग के लिए पॉपुलर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल किया जा रहा था। इस काम के लिए एक खास तरह के एसएमएस मेथड का इस्तेमाल किया गया था।
कुल आठ कंपनियों के खिलाफ हुई कार्रवाही
मेटा प्लेटफॉर्म ने इटली, स्पेन और यू.ए.ई. की आठ कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई करने की जानकारी दी है। इन कंपनियों को निगरानी के लिए हायर सेक्टर से जुड़ी थीं।
मेटा द्वारा यह जानकारी 2023 की चौथी तिमाही के लिए कंपनी की थ्रेट रिपोर्ट (Adversarial Threat Report) के रूप में सामने आई है। मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इन कंपनियों का टारगेट आईफोन, एंड्रॉइड और विंडोज यूजर्स थे।
ये कंपनियां थीं शामिल
- Cy4Gate/ELT Group
- RCS Labs
- IPS Intelligence
- Variston IT
- TrueL IT
- Protect Electronic Systems
- Negg Group
- Mollitiam Industries
यूजर्स की कौन-सी जानकारियां चुराई जा रही थीं
रिपोर्ट्स की मानें तो ये कंपनियां जिस मालवेयर का इस्तेमाल कर रही थी वह यूजर की लोकेशन, फोटो, मीडिया, कॉन्टैक्ट्स, कैलेंडर, ईमेल, एसएमएस, सोशल मीडिया और मैसेज ऐप्स की जानकारियां चुरा रहा था।
इतना ही नही, यूजर की जानकारियां चुराने के लिए इस्तेमाल किया गया मालवेयर यूजर के माइक्रोफोन, कैमरा और स्क्रीनशॉट को भी एक्सेस कर पा रहा था।
यूजर की जासूसी के लिए MM1_notification, एक खास तरह के एसएमएस मैसेज का इस्तेमाल हो रहा था। इस तरह के मैसेज के जरिए यूजर को मल्टीमीडिया मैसेजिंग सर्विस सेंटर से पुनर्प्राप्त होने की प्रतीक्षा कर रहे एमएमएस के बारे में जानकारी देता था।
मेटा के मुताबिक, फेसबुक, इंस्टाग्राम, एक्स (पहले ट्विटर), यूट्यूब, स्काइप, गिटहब, रेडिट, गूगल, लिंक्डइन, क्वोरा, टम्बलर, वीके, फ़्लिकर, टिकटॉक, स्नैपचैट, गेट्र, वाइबर, ट्विच और टेलीग्राम जैसे अलग-अलग प्लेटफॉम के जरिए यूजर को टारगेट किया था।