Home देश-दुनिया देश के लिए मनमोहन सिंह ने पेश की मिसाल : राज्यसभा में जब मोदी ने दिल खोलकर की पूर्व पीएम की तारीफ

देश के लिए मनमोहन सिंह ने पेश की मिसाल : राज्यसभा में जब मोदी ने दिल खोलकर की पूर्व पीएम की तारीफ

by admin

नई दिल्ली (ए)। राज्यसभा में सांसदों के विदाई समारोह को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने आज पूर्व पीएम मनमोहन सिंह के तारीफों के पुल बांध दिए। राज्यसभा में कई सांसदों का कार्यकाल खत्म हो रहा है, जिनके लिए पीएम मोदी भाषण दे रहे थे।

मनमोहन सिंह की दिल खोल कर तारीफ

पीएम मोदी ने मनमोहन सिंह की दिल खोलकर तारीफ की। पीएम ने कहा कि मेरे मनमोहन जी से वैचारिक मतभेद हो सकते हैं, लेकिन उन्होंने हमेशा देश के लिए मार्गदर्शक का काम किया। मोदी ने कहा कि जब भी देश के लोकतंत्र की बात होगी मनमोहन जी की चर्चा जरूर होगी।

नहीं भूल सकता हूं…

पीएम मोदी ने कहा कि मनमोहन सिंह 6 बार इस सदन को अपने मूल्यवान विचारों से नेता के रूप में और प्रतिपक्ष के नेता के रूप में भी बहुत बड़ा योगदान दे चुके हैं। मैं उस पल को नहीं भूल सकता हूं जब पूर्व पीएम व्हीलचेयर पर संसद में वोटिंग के लिए आए थे और लोकतंत्र के लिए मिसाल पेश की थी।

 

पीएम मोदी ने कहा कि मनमोहन जी को पता था कि उनकी पार्टी जीतेगी नहीं, लेकिन फिर भी वो चुनाव में हिस्सा लेने व्हीलचेयर तक पर पहुंच गए।

पूर्व पीएम और रिटायर हो रहे सांसद मनमोहन सिंह के बारे में पीएम मोदी ने कहा कि वो 6 बार सदन के सदस्य रहे, वैचारिक मतभेद रहा, लेकिन उनका बहुत बड़ा योगदान रहा है। उन्होंने सदन का कई बार मार्गदर्शन किया। जब सांसदों के योगदान का जिक्र होगा तो मनमोहन सिंह की चर्चा जरूर होगी। मनमोहन सिंह व्हीलचेयर में आए और एक मौके पर वोट किया। लोकतंत्र को ताकत देने आए। खास तौर पर उनके लिए प्रार्थना है कि हमारा मार्गदर्शन करते रहें। हमें जब जहां बैठने को कहा गया, हम वहां बैठे।

उन्होंने आगे कहा कि उस कालखंड ने हमें बहुत कुछ सिखाया है। कभी-कभी फैशन परेड का भी दृश्य देखने को मिला। काले कपड़ों में सदन में सांसदों की फैशन परेड देखने को मिली। जब भी कोई अच्छा काम होता है, तो काला टीका लगाते हैं। खड़गे जी आपकी उम्र पर ये काम अच्छा भी लगता है। उन्होंने आगे कहा कि विदा हो रहे सांसद पुराने और नए संसद भवन की स्मृतियों का अनुभव लेकर जा रहे हैं। कोविड के समय ने किसी भी सांसद ने देश के काम को रुकने नहीं दिया। सदन में आकर चर्चा की और कोविड के दौरान और देश की सेवा की। कितना बड़ा रिस्क उन्होंने लिया, ये देश को पता चला।

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