Home देश-दुनिया उत्तर भारत में 1901 के बाद दूसरी बार जनवरी में सबसे कम बारिश, फरवरी में हो सकती है भारी वर्षा

उत्तर भारत में 1901 के बाद दूसरी बार जनवरी में सबसे कम बारिश, फरवरी में हो सकती है भारी वर्षा

by admin

नई दिल्ली (ए)। उत्तर भारत में दिसंबर और जनवरी में सामान्य से अधिक शुष्क मौसम के बाद फरवरी में सामान्य और सामान्य से अधिक बारिश होने का अनुमान है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बुधवार को यह जानकारी दी। आईएमडी के महानिदेशक मृत्युंजय महापात्र ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि भारत में फरवरी के दौरान सामान्य से अधिक बारिश हो सकती है। आईएमडी ने बताया कि जनवरी 2024 के दौरान उत्तर पश्चिमी भारत में वर्षा 3.1 मिलीमीटर के साथ 1901 के बाद दूसरी बार सबसे कम रही। मौसम विज्ञान के सात उप-मंडलों वाले उत्तर भारत में फरवरी में सामान्य से अधिक (दीर्घकालिक औसत से 122 प्रतिशत से अधिक) बारिश होने का अनुमान जताया गया है। महापात्र ने कहा,” पूरे देश में फरवरी के दौरान सामान्य से अधिक बारिश (दीर्घकालिक औसत से 119 प्रतिशत से अधिक) होने का अनुमान है।” आईएमडी के अनुसार पूर्वोत्तर, मध्य और उत्तर पश्चिम भारत के ज्यादातर हिस्सों में सामान्य से अधिक और दक्षिण प्रायद्वीप में सामान्य से कम बारिश होने का अनुमान है। इसके अनुसार देश के ज्यादातर हिस्सों में न्यूनतम तापमान सामान्य से अधिक रहने की संभावना है। आईएमडी ने उत्तर-पश्चिम, पश्चिम मध्य, उत्तर-पूर्व और पूर्व-मध्य भारत के कुछ हिस्सों में फरवरी में अधिकतम तापमान सामान्य से अधिक रहने का पूर्वानुमान लगाया है। विभाग ने बताया कि प्रायद्वीपीय भारत के ज्यादातर हिस्सों और पूर्व-मध्य भारत के कुछ हिस्सों में अधिकतम तापमान सामान्य और सामान्य से कम रहने का अनुमान है। उसने बताया, ”फरवरी के दौरान मध्य भारत के कुछ हिस्सों में सामान्य से कम शीत लहर वाले दिन होने की संभावना है।” महापात्र ने बताया कि ज्यादातर मॉडल जुलाई-सितंबर के आसपास ला नीना स्थितियों का संकेत देते हैं, जिन्हें भारतीय दक्षिण-पश्चिम मानसून के लिए अनुकूल माना जाता है।

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