Home देश-दुनिया भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य बिल के कानून बनने का रास्ता साफ, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बिल को दी मंजूरी

भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य बिल के कानून बनने का रास्ता साफ, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बिल को दी मंजूरी

by admin

नईदिल्ली (ए)। Amended Criminal Law Bills Approved: संसद से पारित किए गए तीनों संशोधित आपराधिक कानून विधेयकों को आज राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी मंजूरी दे दी. राष्ट्रपति की ओर से मंजूरी मिलने के बाद भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य बिल के अब कानून बनने का रास्ता साफ हो गया है. राष्ट्रपति की ओर से तीनों बिल को मंजूर किए जाने के बाद, भारतीय दंड संहिता (IPC) को भारतीय न्याय (द्वितीय) संहिता, दंड प्रक्रिया संहिता (CrPC) को भारतीय नागरिक सुरक्षा (द्वितीय) संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम को भारतीय साक्ष्य (द्वितीय) संहिता से बदला जाएगा.

दोनों सदनों से पास हुआ था तीनों विधेयक

संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान  इन तीनों विधेयकों को पारित किए जाने के बाद मंजूरी के लिए राष्ट्रपति के पास भेजा गया था. आपको बताते चलें, इन तीनों बिल को लोकसभा से 20 दिसंबर को तो वहीं राज्यसभा से 21 दिसंबर को पारित किया गया था.

संसद की चयन समिति के पास भेजे गए थे तीनों विधेयक

तीनों विधेयकों को विस्तृत मूल्यांकन के लिए संसद की चयन समिति के पास भेजा गया था. साथ ही समिति को तीन महीने में अपनी रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा गया. लोकसभा में बिल पेश करने के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि इन बिलों का फोकस सजा नहीं, बल्कि न्याय दिलाना है. अमित शाह ने कहा था कि मौजूदा कानूनों का मुख्य उद्देश्य ब्रिटिश प्रशासन की रक्षा और उसे मजबूत करने पर था.

अमित शाह ने आगे कहा था कि उस वक्त इन कानूनों का विचार दंड देने पर था न कि न्याय देने पर. केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बिल पेश करते समय कहा था कि इन कानूनों को प्रतिस्थापित करके तीन नए कानून भारतीय नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करने की भावना लाएंगे.

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